स्वस्थ और निरोगी जीवन के लिए जरूरी है कि हमअपने जीवनशैली में नियमित रूप से पौष्टिक भोजन और सुबह शाम थोड़ी देर योग और व्यायाम को समय दे। सुबह शाम नियमित रूप से योगाभ्यास करने पर शारीरिक स्वास्थ्य के साथ-साथ मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत रखने में फायदा मिलता है आज हम इस लेख में ऐसे ही योगाभ्यास के बारे में चर्चा करेंगे जिसे करने से आपको शारीरिक और मानसिक दोनों लाभ मिलेगा उस योगाभ्यास का नाम है “गोमुखासन”
यह योगाभ्यास बहुत ही सरल और कारगर है,इस योगाभ्यास का लाभ पाने के लिए जरूरी है कि इस योगाभ्यास को सही तरीके से किया जाय,अगर आप इस योगाभ्यास को सही तरीके से नहीं करते है,तो आपको इस प्राणायाम से लाभ मिलने के बजाय हानि भी हो सकता हैं,तो चलिए अब हम इस लेख में गोमुखासन करने की विधि,गोमुखासन के लाभ,सावधानी आदि विशेष बातों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी जाएगी।
गोमुखासन के लाभ
महिलाओ के लिए गोमुखासन के लाभ
गोमुखासन से पहले करें ये आसन
गोमुखासन से बाद करें ये आसन
गोमुखासन कैसे करें
गोमुखासन के लिए कुछ सावधानियां
गोमुखासन क्या है (what is gomukhasana in Hindi):
इस आसन को इंग्लिश में (cow face pose) कहते है,इस आसन को हठ योग के सूची में रखा जाता है,यह आसन दो शब्दो से मिलकर बना है (गौ+मुख) यानी गाय के समान चेहरा से है,इस आसन को करते वक्त आपका शरीर गाय के मुख जैसा प्रतीत होता है इसलिए इस आसन को गोमुखासन कहां जाता है, इस आसन को सही तरीके से करने से कब्ज,गठिया,धातु रोग,बवासीर आदि समस्याओं को ठीक करने मदद मिलता है,अब हम आगे इस लेख में इस आसन को सही तरीके से करने के तरीके के बारे में जानकारी दी जाएगी।
गोमुखासन कैसे करें (How to do Gomukhasana in Hindi):
प्राणायाम हो या आसन अगर उस आसन को सही तरीके से ना किया जाए तो उसका लाभ मिल पाना बहुत ही मुश्किल होता है,इसलिए कोई भी आसन करने से पहले उस आसन की सही विधि के बारे में जानकारी लेने के बाद ही उस आसन को करना चाहिए,
इस आसन को करने का समय:
इस आसन को करने के लिए सुबह का समय बहुत ही उत्तम माना जाता है।इस आसन को सुबह के समय खाली पेट करने से ज्यादा लाभ मिलता है।
विधि:
गोमुखासन का अभ्यास करने के लिए इन चरणों का पालन कर
इस आसन को करने के लिए एक शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे।
इस आसन को करने के लिए आप योग मैट पर पद्मासन या सुखासन में बैठ जाए।
1. अब अपने पैरों को अपने सामने फैलाकर फर्श पर बैठ जाएं।
2. अपने बाएं पैर को घुटने से मोड़ें और बाएं पैर को दाएं कूल्हे के नीचे लाएं।
3. इसके बाद अपने दाहिने पैर को मोड़ें और अपने दाहिने टखने को अपने बाएं घुटने के ऊपर रखें।
4. धीरे से अपने दाहिने पैर को अपने शरीर के बाईं ओर खिसकाएं और इसे अपने बाएं कूल्हे के बगल में रखें।
5. श्वास लें और अपने बाएं हाथ को ऊपर उठाएं, इसे कोहनी पर झुकाएं।
6. साँस छोड़ें और अपने बाएँ हाथ को अपनी पीठ के पीछे लाएँ, अपने कंधे के ब्लेड तक पहुँचें।
7. अपने दाहिने हाथ को अपने सिर के ऊपर तक पहुँचाएँ, इसे कोहनी पर झुकाएँ और अपने हाथ को अपने बाएँ हाथ की ओर लाएँ।
8. कई गहरी सांसों के लिए मुद्रा को बनाए रखें, फिर दूसरी तरफ छोड़ें और दोहराएं।
नोट: यदि आपके कूल्हे या कंधे तंग हैं, तो आप अपनी पीठ के पीछे अपने हाथों तक पहुँचने में मदद करने के लिए एक पट्टा या तौलिया का उपयोग कर सकते हैं। याद रखें कि हमेशा अपने शरीर की सुनें और अपने शरीर से बहुत ज्यादा जबरदस्ती नहीं करे।
गोमुखासन के लाभ (Benefits of Gomukhasana in Hindi):
गोमुखासन, जिसे काउ फेस पोज भी कहा जाता है, एक योग मुद्रा है जिसके कई शारीरिक और मानसिक लाभ हैं। गोमुखासन के अभ्यास के कुछ लाभों में शामिल हैं:
1. कूल्हों और कंधों को स्ट्रेच करना:
गोमुखासन कूल्हों को खोलने और कंधों को स्ट्रेच करने में मदद करता है, जिससे इन क्षेत्रों में तनाव और जकड़न से राहत मिल सकती है।अगर आपको पीठ एवं बांहों की पेशियां को मजबूत बनाना हो, तो इस आसन का अभ्यास जरूर करें।इसके नियमित अभ्यास से आप कमर दर्द की परेशानियों से राहत पा सकते हैं। यह पैर में ऐंठन को कम करता है और पैर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाता है।
2. आसन में सुधार:
यह आसन रीढ़ की हड्डी के संरेखण में सुधार करने में मदद करता है और पीठ और कोर की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिससे मुद्रा में सुधार हो सकता है और पीठ दर्द का खतरा कम हो सकता है।यह छाती को खोलता है और आपके सामान्य बैठने और खड़े होने की मुद्रा में सुधार लाने में मदद करता है।
3. तनाव और चिंता को कम करना:
अगर आप अत्यधिक तनाव,चिंता या नींद ना आना,से परेशान है तो ऐसे में गोमुखासन आपके लिए बहुत लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं,गोमुखासन को नियमित करने से मन को शांत करने, तनाव कम करने और विश्राम को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।यह दृढ इच्छाशक्ति का विकास करता है
4. सर्कुलेशन को बढ़ावा देना:
यह आसन परिसंचरण और रक्त प्रवाह में सुधार कर सकता है, जो सूजन को कम करने और उपचार को बढ़ावा देने में मदद कर सकता है।
5. लचीलापन बढ़ाना:
गोमुखासन के नियमित अभ्यास से कूल्हों, कंधों और रीढ़ में लचीलापन और गति की सीमा बढ़ सकती है।अगर आप hips के दर्द से परेशान हैं तो इस आसन का अभ्यास करें।यह रीढ़ को सीधा रखने के साथ साथ इसको मजबूत भी बनाता है।यह आसन करने से शरीर सुड़ौल एवं लचकदार बनता है।
6.सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस के लिए :
सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस तब होता है जब आपकी गर्दन में कार्टिलेज, हड्डियां, लिगामेंट्स और हड्डियां उम्र के साथ या बिना उम्र के खराब होने लगती हैं।इस आसन के अभ्यास से आप बहुत सारी परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं जैसे कंधे की जकड़न, गर्दन में दर्द, तथा सर्वाइकल स्पॉन्डिलाइटिस।
7.अस्थमा के लिए :
अस्थमा स्वसन तंत्र से संबंधित बीमारी है, जिसमे रोगी को स्वास लेने में अत्यधिक तकलीफ होती है,ऐसे में गोमुखासन करने से अस्थमा के रोगियों को काफी आराम मिलता है,यह आसन फेफड़ों के लिए एक बहुत ही अच्छा योगाभ्यास माना जाता है। यह छाती को मजबूत बनाने में मदद करता है,साथ ही फेफड़ों की सफाई करते हुए इसकी क्षमता को बढ़ाने में भी मदद करता है। इसलिए अस्थमा से पीड़ित मरीजों के लिए नियमित रूप से इस आसन को करने से लाभ मिलता है।
8.बवासीर के लिए:
बवासीर होने का कारण बहुत ज्यादा तीखा,स्पाइसी, ऑयली फूड आदि के कारण हो सकता है,बवासीर होने पर व्यक्ति को शौच के रास्ते में जलन,सूजन,खून आना आदि लक्षण दिख सकते हैं,ऐसे में इस समस्या से राहत पाने के लिए गोमुखासन को बहुत ही कारगर माना जाता है,रोज सुबह नियमित रूप से इस आसन को करने से आप बवासीर की बीमारी से आराम पा सकते हैं।
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9.मधुमेह को नियंत्रित करने के लिए:
अगर आप मधुमेह के रोगी है तो ऐसे में आप को सही खान पान के साथ नियमित रूप से योगाभ्यास की जरूरत है,और अगर आप डेली के योगाभ्यास में गोमुखासन को भी शामिल कर लेते है तो ये आपके लिए किसी वरदान से कम नहीं है। गोमुखासन करने पर मधुमेह की समस्या को नियंत्रण में किया जा सकता है। एक वैज्ञानिक अध्ययन में बताया गया है कि गोमुखासन को करने से मधुमेह से थोड़ी राहत मिल सकती है।
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10. हृदय को स्वस्थ रखने के लिए:
अगर आप हार्ट से संबंधित किसी भी समस्या से जूझ रहे है तो ऐसे में आपको विशेष रूप से अच्छे खानपान के साथ नियमित रूप से योगाभ्यास की जरूरत है,हृदय को स्वस्थ रखने के लिए गोमुखासन को फायदेमंद माना जाता इस आसन को करने से शरीर में रक्त का प्रवाह बेहतर होता है।इस आसन को करने से हाई ब्लड प्रेसर की समस्या से भी बचा जा सकता है हाई ब्लड प्रेसर ऐसी कंडीशन है, जो हृदय संबंधी समस्या को उत्पन्न कर सकती है। इस प्रकार गोमुखासन को नियमित रूप से करने से हृदय के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता हैं।
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11.यकृत एवं गुर्दे के लिए:
लीवर और किडनी को ठीक रखने के लिए गोमुखासन को बहुत ही कारगर तरीका माना जाता हैं,इस आसन को नियमित रूप से करने से यह आपके यकृत एवं गुर्दे को स्वस्थ रखने में अहम भूमिका निभाता है।
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12 वजन कम करने में फायदेमंद:
बढ़ता वजन कई सारी बीमारियों को अपने साथ लेकर आता है ऐसे में जो भी लोग अपने वजन को कम करना चाहते हैं उनके लिए एक हेल्थी डाइट के साथ व्यायाम अत्यंत आवश्यक है ऐसे में गोमुखासन करने से ही आपका वजन कम हो सकता है क्योंकि इस आसन को करने से यह निचले शरीर सहित पेट क्षेत्र को गहराई तक फैलाता है। यह अतिरिक्त वसा को जलाने में मदद करता है और मिडसेक्शन को टोन करता है
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महिलाओं के लिए गोमुखासन के फायदे (Benefits of Gomukhasana for women in Hindi) :
ऊपर दिए गए सारे लाभ महिलाओ और पुरुष दोनों के लिए लाभकारी है,लेकिन इस आसन को औरतों के लिए विशेष लाभकारी माना जाता हैं। जिन औरतों को गठिया, साइटिका, अपचन, बवासीर, मधुमेह और कमर में दर्द रहता है उनके लिए यह आसन बहुत ही बढ़िया है।गोमुखासन के कई लाभ हैं जो विशेष रूप से महिलाओं के लिए फायदेमंद हैं, जिनमें शामिल हैं:
13. मासिक धर्म की ऐंठन से राहत दिलाता है: गोमुखासन श्रोणि क्षेत्र में रक्त के प्रवाह को बेहतर बनाने में मदद करता है, जिससे मासिक धर्म में ऐंठन और मासिक धर्म से जुड़ी अन्य असुविधाओं से राहत मिल सकती है।
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14. पीठ दर्द कम करता है:
इस मुद्रा के अभ्यास से पीठ की मांसपेशियों में कोमल खिंचाव होता है, जो पीठ दर्द को कम करने में मदद कर सकता है, जो कई महिलाओं के लिए एक आम समस्या है।
15. स्तनपान को बढ़ावा देता है:
यह मुद्रा छाती और कंधों को खोलने में मदद कर सकती है, जो प्रसवोत्तर महिलाओं के लिए फायदेमंद हो सकती है जो स्तनपान करा रही हैं और इन क्षेत्रों में जकड़न और परेशानी का अनुभव कर सकती हैं।
कुल मिलाकर गोमुखासन मन और शरीर दोनों के लिए एक लाभकारी योग मुद्रा है। यह शारीरिक तनाव को दूर करने, विश्राम को बढ़ावा देने और समग्र स्वास्थ्य और भलाई में सुधार करने में मदद कर सकता है।
गोमुखासन से पहले करें ये आसन (Do these asanas before Gomukhasana in Hindi):
- ताड़ासन
- वीरासन
- सुप्त पादंगुष्ठासन
- बद्धकोणासन
- तितली आसन
गोमुखासन से बाद नीचे बताए गए आसन को करने से अत्यधिक लाभ मिलता है।
- अर्ध मत्स्येन्द्रासन
- गरुड़ासन
- पद्मासन
- पश्चिमोत्तानासन
गोमुखासन के लिए कुछ सावधानिया (Some precautions for Gomukhasana in Hindi):
- इस आसन को अगर आप पहली बार कर रहे है तो ऐसे में योग एक्सपर्ट के देखरेख में इस योग को करना चाहिए।
- अगर गोमुखासन करते समय आपको अपने हाथ को पीछे की साइड ले जाने में दर्द महसूस होता है, तो ऐसे में इस आसन को करने से बचना चाहिए।
- अगर आप एक गर्भवती महिला हैं तो ऐसे में गर्भावस्था के तीन माह तक इस आसन को ना करें।या फिर बगैर डॉक्टर के परामर्श से इस आसन को न करे।
- अगर आपके बवासीर से खून आ रहा है तो आप इस आसन को बिना डॉक्टर के परामर्श या फिर योग एक्सपर्ट के सलाह के बगैर ना करें।
- अगर इस आसन को करते वक्त दोनों पैर को मोड़ने पर घुटनों में दर्द महसूस होता है, तो ऐसे इस आसन को नहीं करना चाहिए।
- मांसपेशियों में दर्द,कमर में दर्द, महसूस होने पर इस आसन नही करना चाहिए ।
- अगर आपको रीढ़ की हड्डी से संबंधित कोई शिकायत है, तो भी इस योगासन को नहीं करना चाहिए।
- अगर आपके कंधों में लचीलापन कम हो, तो आप हाथों को पकड़ने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं तो ऐसे में एक छोटा तौलिया लें, और दोनो हाथों से एक-एक छोर पकड़ लें।
- बुखार, सर्दी या फ्लू होने पर कभी भी गोमुखासन का अभ्यास न करें।
- महिलाओं को मासिक धर्म के दौरान इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
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