इस लेख में हम आपको खांसी के इलाज घरेलू के बारे में जानकारी दी जाएगी।
बदलते मौसम के कारण सर्दी, खांसी होना स्वाभाविक है,खांसी किसी भी उम्र के लोगो को (बच्चे,वयस्क,बूढ़े) किसी को भी हो सकता है,खांसी आना एक आम बात है,अगर खांसी एक से दो दिन और उसकी रफ्तार धीमी है तो कोई दिक्कत वाली बात नही होती है,लेकिन अगर खांसी की रफ्तार तेज और कई दिनों तक आती रहती है तो इसके कारण से सीने में दर्द,गले में दर्द,पेट में दर्द,रात में सोने में दिक्कत हो सकता है।खांसी कई तरीके से आ सकती है,किसी को सुखी खांसी,किसी को बलगम वाली खांसी तो किसी को काली खांसी आदि कई तरीके की समस्या हो सकती है।खांसी एक संक्रामक बीमारी है,ऐसे में अगर किसी को खांसी आती है तो उसे अपने मुंह पर रुमाल या हांथ का प्रयोग करना चाहिए,वरना उसके खांसने से हवा में फैले बैक्टेरिया दूसरे व्यक्ति को भी संक्रमित कर सकते है।
खांसी क्या है (what is cough in Hindi):
खांसी को ट्यूसिस (Tussis) भी कहा जाता है जिसकी स्थिति अचानक से हो सकती है।
खांसी आपके शरीर का जवाब देने का तरीका है जब कोई चीज आपके गले या वायुमार्ग को परेशान करती है।तो ये परेशानियां उन नसों को उत्तेजित करती है जो हमारे मस्तिष्क को संदेश भेजती हैं।इस संदेश के कारण मस्तिष्क हमारे पेट और सीने की मांसपेशियों को हमारे फेफड़ों से हवा को बाहर निकालने के लिए कहता है ताकि गले या वायुमार्ग में अड़चन पैदा करने वाले पदार्थो को बाहर निकाला जा सके।
खांसी को घरेलू इलाज ठीक किया जा सकता है।लेकिन अगर आपकी खांसी घरेलू इलाज या फिर दवा से ठीक ना हो तो आप लापरवाही बिलकुल भी न करे।इसे जल्द से जल्द अच्छे डॉक्टर से संपर्क करें।क्योंकि खांसी का ठीक ना होना किसी गंभीर बीमारी की और इशारा कर सकता हैं।
खांसी के प्रकार (types of cough):
खांसी कई प्रकार से हो सकते है।
एक्यूट खांसी (Acute cough):
एक्यूट खांसी अचानक से हो सकती है जो तीन सप्ताह तक बना रह सकता है।
खांसी आने का कारण सर्दी–जुकाम,फ्लू,या संक्रमण हो सकता हैं।
सबएक्यूट खांसी (Subacute cough)
यह खांसी कम से कम तीन सप्ताह से आठ सप्ताह तक बनी रह सकती है।
क्रोनिक खांसी (Chronic cough):
जब खांसी बहुत पुरानी यानी को आठ सप्ताह से ज्यादा हो जाती है तो इसे क्रोनिक खांसी कहा जाता हैं।अगर आपकी खांसी घरेलू उपाय से ठीक ना हो तो ऐसे में लापरवाही ना करें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।
बलगम वाली खांसी (Productive cough):
बलगम वाली खांसी को गीली खांसी के नाम से भी जाना जाता है।इस खांसी में खांसने के साथ गले से थूक और बलगम निकलता है।इस खांसी में मरीज के सीने में कफ जमा रहता है,जिसके कारण से मरीज को कभी–कभी सांस लेने में भी परेशानी महसूस होने लगती हैं।
सूखी खांसी (Dry cough):
इस तरह की खांसी में खांसने के दौरान थूक या बलगम जैसा कोई तरल पदार्थ नहीं निकलता है।जिसके कारण से सीने में दर्द होने लगता है।और मरीज को ऐसा लगता है की उसके गले में कुछ फसा हुआ है।
काली खांसी या कुकुर खांसी (Whooping cough):
काली खांसी को कुक्कुर खांसी के नाम से भी जाना जाता है ।काली खानी में खांसने के दौरान गले से एक तरह की आवाज निकलती है। इसकी खांसी सामान्य खांसी की स्थितियों से लंबी हो सकती है।काली खांसी से हमारा स्वसन तंत्र प्रभावित होता है।इस खांसी से अधिकतर बच्चे लोग परेशान रहते है।
रात में होने वाली खांसी (Nocturnal cough):
रात में होने वाली खांसी केवल रात के समय ही आती है। इस खांसी से रात में सोने में दिक्कत होती है,इसी कारण से व्यक्ति की नींद पूरी नहीं होती हैं।
खांसी आने का कारण (cause of cough in Hindi):
- नाक और गले में किसी बाहरी पदार्थ के कारण एलर्जी होने से सूखी खांसी हो सकती है
- दमा या अस्थमा के कारण।
- प्रदूषण युक्त वातावरण में धूल या मिट्टी के कारण।
- टी.बी. जैसी बीमारियां होने के कारण।
- फेफड़ों का कैंसर होने के कारण।
- श्वसन तंत्र के संक्रमण जैसे – ठंड लगना या निमोनिया।
- मौसम में बदलाव के कारण
- धूम्रपान के कारण
- बार बार मुंह सूखने के कारण
- ब्रोन्किइक्टेसिस
- टॉन्सिल का संक्रमित होना यानी
- टॉन्सिलाइटिस गर्ड के कारण
- काली खांसी (Pertussis) के कारण
- ठंडी चीजें जैसे – आइसक्रीम या कोल्डड्रिंक का सेवन करने के कारण
खांसी के लक्षण (Cough Symptoms in Hindi):
हालांकि, खांसी खुद एक लक्षण की तरह है। मगर इसके साथ आपको कुछ और लक्षण भी दिख सकते हैं। जैसे-
- गले में खराश
- बुखार
- ठंड लगना
- सांस की नली में सूजन
- गले में दर्द रहना
- छाती में दर्द
- नाक से पानी बहना
- बदन में दर्द होना
- सिर में दर्द होना
- उल्टी होना
- साइनस इंफेक्शन, आदि
खांसी के गंभीर लक्षण (severe cough symptoms):
अगर आपको खांसी के साथ ये लक्षण दिखाई दें, तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। यह फेफड़ों के कैंसर या फेफड़ों की गंभीर बीमारी का संकेत हो सकती है।
- भूख कम लगना
- वजन घटना
- खाना या पानी निगलने में दिक्कत
- बलगम के साथ खून आना
- अत्यधिक थकान महसूस होना
खांसी के घरेलू इलाज (home remedies for cough):
कई लोग खांसी के लिए एंटी–बायोटिक दवा का प्रयोग करते है,लेकिन अगर आप बिना किसी side-effect के घरेलू नुस्खे से ठीक हो सकते है तो फिर पैसे खर्च करने की क्या जरूरत है।जी हां आज मैं आपको खांसी को ठीक करने के ऐसे घरेलू नुस्खे को साझा करूंगी जो आपके खांसी को ठीक करने में अत्यंत लाभकारी है।
1.गरम पानी का प्रयोग करे (Use hot water) :
गरम पानी को हमारे आयुर्वेद में खांसी और जुकाम,बुखार आदि कई बीमारियो को ठीक करने के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद बताया गया है।साथ ही अगर आप वैज्ञानिक शोध की माने तो अगर आप नियमित रूप से गरम पानी और नमक के गरारे करते है तो ये गले के संक्रमण तथा फेफड़ों में जमा कफ को निकलने में मदद करता है।
सामग्री:
एक गिलास पानी
एक छोटा चम्मच नमक
प्रयोग विधि:
इसे प्रयोग में लाने के लिए आप रोज सुबह उठकर खाली पेट एक गिलास गरम पानी में नमक मिलाकर गरारे करने से आपको खांसी में आराम मिलेगा।इस उपाय को आप दिन भर में दो से तीन बार कर सकते हैं।
2.भाप का प्रयोग करें (use steam):
भाप के प्रयोग से हमे सर्दी–खांसी,अथमा दोनो में राहत मिलता है।एक सोध के अनुसार भाप के प्रयोग से बलगम ढीला होता हैं जिससे सुखी खांसी और सांस में लेने में दिक्कत से आराम मिलता है।एक रिपोर्ट के अनुसार के अनुसार भाप विधि द्वारा हमारा नाक से लेकर फेफड़े तक की सफाई हो जाती है।
सामग्री:
एक भगोना पानी
एक चम्मच अजवाइन
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
इसे प्रयोग में लाने के लिए एक एक भगौने पानी को गैस पर रख दे जब पानी में से हल्का भाप निकलने लगे तो इसमें एक चम्मच अजवाइन डालकर इस ढक दे,उसके बाद इसे दस से पंद्रह मिनट तक गर्म होने के बाद इसमें एक चम्मच शहद डाल दे उसके बाद गैस को बंद कर दे।अब इस मिश्रण से निकल रहे भाप को तौलिए की मदद से ले।इसका प्रयोग आप दिन में एक से दो बार करना चाहिए।
3.तुलसी का प्रयोग करे:
तुलसी की पत्तियों में एंटी-इंफ्लेमेटरी, फ्लेवोनॉएड्स, एंटीवायरल गुण मौजूद होते हैं, जो सेहत को कई तरह से फायदा पहुंचाते हैं। इसके अलावा तुलसी में कैल्शियम, विटामिन ए, सी, आयरन, पोटैशियम आदि भी होते हैं, जो आपको कई बीमारियों से बचाए रख सकते हैं। तुलसी किसी भी तरह के संक्रमण से भी बचाते हैं। तुलसी के सेवन से आपको जल्दी-जल्दी खांसी, जुकाम की समस्या परेशान नहीं करेगी।
सामग्री:
तुलसी के पत्ते
अदरक
शहद
एक गिलास पानी
प्रयोग विधि:
*तुलसी की 10-12 पत्तियां लें। पैन में एक गिलास पानी डालें। इसमें तुलसी डालकर उबलने दें। अब आधा चम्मच चाय की पत्ती डाल दें। थोड़ी देर और उबलने दें। इसे छानकर पिएं। दिनभर में दो बार तुलसी वाली चाय पीने से खांसी की समस्या से छुटकारा मिल जाएगा।
*एक कप पानी में तुलसी के पत्ते और एक छोटा टुकड़ा अदरक का डालकर उबाल लें। इसे तब तक मंदी आंच पर उबालें जब तक पानी आधा ना हो जाए। एक दिन में दो बार इसका सेवन करें। आप इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते है।
*तुलसी के रस और अदरक के रस को शहद में मिलाकर चटाने से भी आराम मिलता है।
*तुलसी के छ से सात पत्ते को रोज चबाने से भी आराम मिलता है।
4.पुदीने का प्रयोग करे (Use Mint):
पुदीने के प्रयोग से भी खांसी कफ जमा होने पर जिन लोगों को गले में खराश या इरिटेशन होती है, पुदीने में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण उससे निजात दिलाते हैं।इसके अलावा, पुदीने के पत्ते के सेवन से नाक, गले और फेफड़े में जो कंजेशन हो जाता है, उसे भी आसानी से दूर किया जा सकता है। केवल इतना ही नहीं, पुदीने के इस्तेमाल से सिर दर्द और बुखार से भी राहत मिलती है।
सामग्री:
पुदीने के पत्ते (आठ से दस)
एक छोटा चम्मच अदरक कूटा हुआ
शहद एक चम्मच
एक गिलास पानी
प्रयोग विधि:
*एक गिलास पानी को किसी बर्तन में डालकर गैस पर रख दे जब पानी हल्का गर्म हो जाए तो उसमे पुदीना के पत्ते,अदरक कटा हुआ,एक चम्मच शहद डालकर पंद्रह से बीस मिनट तक गर्म करे उसके बाद इस मिश्रण के गुनगुना होने पर इसे छानकर पी ले।इस विधि को दिन में दो से तीन बार कर सकते हैं।
5.दालचीनी का प्रयोग करे (Use Cinnamon):
दालचीनी में उच्च औषधीय गुण होते हैं और यह गर्म प्रकृति की होती है, दालचीनी मिश्रित मिश्रण का सेवन मांसपेशियों को गर्म करता है और गले में जमा बलगम को साफ करता है। यह घरेलू उपाय खांसी के लिए सबसे अच्छे घरेलू उपचारों में से एक है।
सामग्री:
दालचीनी पाउडर एक चम्मच
शहद एक चम्मच
एक गिलास पानी
प्रयोग विधि:
*दालचीनी के एक चम्मच पाउडर को एक गिलास पानी में डालकर पंद्रह से बीस मिनट तक गर्म कर ले इस मिश्रण को गुनगुना होने के बाद इसे छानकर पी ले।इस विधि को दिन में दो से तीन बार कर सकते है।
*दालचीनी के एक चम्मच पाउडर में एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह शाम चाटे।
5.हल्दी का प्रयोग करे (use turmeric):
आयुर्वेद में हल्दी को इसके औषधीय गुणों के लिए जाना जाता है। हल्दी में एंटी-इन्फ्लेमेटरी और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते हैं। इसके अलावा यह एंटीवायरल और एंटीबैक्टीरियल गुणों से भी भरपूर होती है। जिससे यह इम्यूनिटी मजबूत बनाने में बहुत लाभकारी है। यह गले से लेकर, छाती और फेफड़ों आदि में सूजन को कम करने में मदद करती है। साथ ही गले की खराश और दर्द से छुटकारा दिलाती है। खांसी के साथ बलगम आने की समस्या भी दूर करने में भी लाभकारी है। इसे सांस संबंधी समस्याओं, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस जैसी समस्याओं में भी बहुत लाभकारी माना जाता है।
सामग्री:
हल्दी पाउडर
काली मिर्च पाउडर
कद्दूकस किया हुआ गुड़
एक गिलास दूध
प्रयोग विधि:
इसे प्रयोग में लाने के लिए आप एक गिलास दूध को अच्छे से गर्म कर ले फिर इसमें छोटा चम्मच हल्दी पाउडर,आधा छोटा चम्मच काली मिर्च, को डालकर गर्म कर ले,उसके बाद गैस को बंद कर दे,जब ये मिश्रण गुनगुना हो जाए तो इसमें गुड को डालकर पी जाए।इस विधि को रात में सोते समय कर सकते हैं।
6.लहसून का प्रयोग करे (use garlic):
लहसुन सर्दियों में बेहद फायदेमंद साबित होता है और इसका सेवन कर आप स्वस्थ रह सकते हैं. सर्दी, जुकाम, खांसी की परेशानी होने पर अगर लहसुन खाना शुरू कर दें तो यह दवा से ज्यादा कारगर साबित हो सकता है. लहसुन की तासीर गर्म होती है और लोगों को सर्दी से बचाने में भी मदद करता है. हर मौसम में लहसुन का थोड़ा बहुत सेवन करना चाहिए, लेकिन सर्दियों में इसे खाने से ज्यादा फायदा मिल सकता है।
सामग्री:
लहसुन
शहद
नींबू का रस
प्रयोग विधि:
आधा चम्मच लहसुन का पेस्ट एक चम्मच शहद के साथ दो चम्मच नींबू के रस के साथ लें। इन सभी सामग्रियों को अच्छी तरह मिलाकर एक महीन पेस्ट बना लें।अब इसे सुबह शाम दिन में दो बार प्रयोग करे।
7.प्याज का प्रयोग करे (use onions):
प्याज को भी खांसी भागने के लिए कारगर माना जाता है। क्योंकि प्याज में पाएं जाने वाले एंटी-एलर्जी, एंटी-ऑक्सीडेंट और एंटी-कार्सिनोजेनिक सर्दी-खांसी में फायदेमंद होते हैं।
सामग्री:
एक चम्मच प्याज का रस
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
एक चम्मच प्याज के रस में एक चम्मच शहद को मिला ले,अब इसे सुबह शाम दवा की तरह प्रयोग करे।
8.अजवाइन का प्रयोग करे (Use celery):
अजवाइन का प्रयोग शर्दी खांसी के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं।अजविन में एंटी–ऑक्सीडेंट और एंटी–बैक्टीरियल गुण पाए जाते हैं।जिसके कारण से ये हमारे बंद नाक सीने में जमी बलगम को निकलने में मदद करता है।
सामग्री:
एक चम्मच अजवाइन पाउडर
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
इसको प्रयोग में लाने के लिए एक चम्मच अजवाइन पाउडर में एक चम्मच अजवाइन पाउडर को मिलाकर इसे सुबह शाम खाने से खांसी की समस्या दूर हो जाती है।
9.मुलेठी का प्रयोग करे (Use licorice):
मुलेठी को 'स्वीटवुड' के रूप में भी जाना जाता है। यह एक पारंपरिक औषधीय जड़ी बूटी है जो सुगंधित होती है।मुलेठी में एंटी-वायरल, एंटी-इंफ्लेमेटरी और एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं,शरीर में कई बीमारियों के इलाज में मदद करने के अलावा, खांसी और सर्दी को ठीक करने में मदद करती है। यह गले में खराश और अन्य श्वसन लक्षणों के लिए एक बढ़िया समाधान है।
सामग्री:
मुलेठी
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
*एक गिलास गुनगुने पानी में एक बड़ा चम्मच मुलेठी पाउडर मिलाएं और इससे गरारे करें. अगर आपके पास पाउडर नहीं है, तो आप बस कुछ स्टिक्स को पानी में उबाल सकते हैं, इसे ठंडा होने दें और फिर इसका इस्तेमाल करें।
*मुलेठी के एक चम्मच चूर्ण को शहद के साथ मिलाकर सुबह शाम सेवन करने से आपको लाभ मिलेगा।
काली मिर्च का प्रयोग करे (use Black pepper):
काली मिर्च के प्रयोग से बलगम वाली खांसी में आराम मिलता है। काली मिर्च में एंटी ऑक्सीडेंट गुण के कारण ये खांसी के साथ सर्दी जुकाम में भी फायदेमंद माना जाता हैं।
सामग्री:
दो चुटकी काली मिर्च
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
दो चुटकी काली मिर्च को एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह शाम खाने से बलगम ढीला और साफ होता है।
गिलोय का प्रयोग करे:
गिलोय को हमारे आयुर्वेद में कई मर्ज को ठीक करने के लिए प्रयोग किया जाता है।गिलोय में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण हमे वायरल फीवर,सर्दी जुकाम खांसी को ठीक करने में सहायक होता है।
प्रयोग विधि:सुबह शाम दो चम्मच गिलोय का रस पीने से पुरानी खांसी ठीक होती है।
अनार का प्रयोग करे (use pomegranates):
अनार का प्रयोग हम कई बीमारियो को ठीक करने में इसका प्रयोग करते है।अनार में विटामिन सी और कई सारे पोषक तत्व पाए जाते हैं जो हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने में मदद करते है।
सामग्री:
अनार का छिलका
अनार के दाने
प्रयोग विधि:
अनार के छिलके को छाव में सुखा ले।और उसे एक डिब्बे में बंद करके रख दे अब इस टुकड़े को दिन में दो से तीन बार मुंह में डालकर टॉफी की तरह चूसे।ऐसा करने से सुखी खांसी में आराम मिलता है।
*अनार के जूस को हल्का गर्म करके पीने से भी आराम मिलता है
अदरक का प्रयोग करे (use ginger):
अदरक को सर्दी खांसी के लिए बहुत ही कारगर औषधि के रूप में जाना जाता हैं।अदरक में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण हमारे गले में होने वाले खरास को ठीक करने में मदद मिलता है।
सामग्री:
एक टुकड़ा अदरक
एक चम्मच शहद
प्रयोग विधि:
*इस विधि में आप अदरक के टुकड़े को कूट ले,और उसका रस लगभग आधा चम्मच में एक चम्मच शहद को मिलाकर सुबह शाम चाटे।ऐसा करने से आपको सुखी खांसी में आराम मिलेगा।
*रात में आने वाली खांसी को ठीक करने के लिए आप रात में अदरक का एक छोटा सा टुकड़ा ले और उसे गैस पर थोड़ी देर के लिए भून लें और उसके बाद इस टुकड़े को अपने मुंह में रात में सोते वक्त डाल ले और रात मेंथोड़ी थोड़ी देर में हल्का सा दांत से काट लें और उसके रस को चूसते रहे।
लौंग का प्रयोग करे (use clove):
यह औषधीय जड़ी-बूटी खांसी जैसी समस्या को दूर कर सकती है. लौंग का उपयोग सदियों से जड़ी-बूटी के रूप में किया जाता रहा है. इसमें एंटीफंगल, एंटीबैक्टीरियल, एंटीइंफ्लेमेट्री और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं, जो खांसी से राहत दिलाने में मदद कर सकते हैं.
सामग्री:
लौंग की कली एक से दो
शहद
प्रयोग विधि:
लौंग की एक से दो कली को पीसकर उसे एक चम्मच शहद में मिलाकर सुबह शाम खाने से खांसी में आराम मिलता है।
छोटे बच्चे के लिए घरेलू उपचार (Home remedies for small child)::
- अगर आपका बच्चा एक महीने का या एक साल के अंदर है तो ऐसे में आप अजवाइन के प्रयोग से अपने बच्चे की सर्दी खांसी को ठीक कर सकते है।इसके लिए आपको दस ग्राम अजवाइन लेना है।और इस अजवाइन को तवे पर हल्के आंच में भून लेना है(इतना भूने की अजवाइन की महक आने लगे अत्यधिक न भूने)।
- अब इस भुने हुए अजवाइन को एक सूती कपड़े में बांध ले,उसके बाद इस पोटली से बच्चे के सीने पर अच्छे से मालिश करे।और इस पोटली को थोड़ी देर बच्चे के नाक के पास शुघाए।ताकि अजवाइन की महक उसके नाक के द्वारा फेफड़ों तक जाए।
- ध्यान रहे अजवाइन की पोटली हल्की गुनगुनी हो ज्यादा गर्म रहने पर बच्चे का सीना जल सकता है।और ये भी ध्यान रहे की जब पोटली ठंडी हो जाए तो इसे हल्का गुनगुना पुनः कर ले। ये उपाय आपको रात में सोते वक्त और आप दिन में भी प्रयोग कर सकती है।
खांसी में क्या नही खाना चाहिए (What should not be eaten in cough):
- अभी तक आपने खांसी के घरेलू उपचार के बारे में जानकारी प्राप्त की,अब आगे इस लेख में खांसी में क्या नही खाना चाहिए इसके बारे में चर्चा करेंगे।
- खांसी होने पर दूध या दूध से बनी चीजों का सेवन नही करना चाहिए क्योंकि दूध से बनी चीजें जुकाम-खांसी में दूध पीने से कफ की परेशानी होती है. सिर्फ दूध ही नहीं बाकि डेयरी प्रोडक्ट्स भी कफ बनाते हैं।
- जुकाम-खांसी में तला खाना जैसे फ्राइड पोटैटो, पकोड़े, रोल्स, परांठे अवॉइड करें. इसी के साथ मैदे से बनी चीज़े ब्रेड, पास्ता, मैगी, भटूरे, कुल्चे इन सब को भी जुकाम-खांसी ठीक होने से पहले ना खाएं. यह आपकी समस्या को ट्रिगर कर सकते हैं.
- तले हुए खाद्य पदार्थ आपकी खांसी को और बढ़ा सकते हैं. डॉक्टर भी खांसी में ऑयली फूड से बचने की सलाह देते हैं. इन्हें खाने से आपको भारीपन महसूस होगा. खांसी में चिप्स, फ्रेंच फ्राइज और जंक फूड से परहेज करें.
- सर्दी-खांसी की समस्या में डिब्बाबंद जूस न पीएं. इनमें हाई शुगर इंग्रीडिएंट्स होते हैं, जो बीमारी से निपटने के लिए सफेद रक्त कोशिकाओं की क्षमता को और कम कर सकते हैं. जूस में मौजूद एसिड खांसी में आपके गले की खराश को बढ़ा सकता हैं।
- ठंडी चीजें सर्दी-खांसी की समस्या को ट्रिगर कर सकती हैं. खांसी से पीड़ित लोगों को पूरी तरह से ठीक होने तक इनसे बचने की सलाह दी जाती है. दरअसल, ठंडे पेय और खाद्य पदार्थ श्वसन के बाहर सूखेपन का कारण बनते हैं।
- धूम्रपान या नशीली चीजों का सेवन नही करना चाहिए।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी केलिए है ये किसी भी प्रकार से दवा का विकल्प नहीं हो सकता हैं ज्यादा जानकारी हेतु अपने नजदीकी डॉक्टर से संपर्क करें।
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