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पीसीओडी को ठीक करना हुआ बहुत ही आसान:पीसीओडी को ठीक करने के जबरदस्त उपाय

 आजकल महिलाएं अपनी  खराब जीवनशैली और खराब खान–पान के कारण कई सारी बीमारियो से ग्रसित होते जा रही है महिलाओं में ऐसी ही एक बीमारी जो बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है जिसका नाम है पीसीओडी।पीसीओडी जिसका फूल नाम है  (Polycystic Ovarian Disease) यह समस्या महिलाओ में बहुत तेजी से बढ़ती जा रही है, पीसीओडी को पीसीओएस (PCOS)  के नाम से भी जाना जाता है पहले पीसीओडी की समस्या बहुत ही कम और लगभग 30 से 40 साल की महिलाओ में देखने को मिलती थी,परंतु अब यह समस्या 18 से 25 साल की लड़कियों में देखने को मिल रही हैं।तो चलिए आज इस लेख में पीसीओडी क्या है,पीसीओडी का घरेलू उपचार आदि के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

विषय सूची

पीसीओडी क्या है

पीसीओडी क्यों होता है

पीसीओडी में प्रेगनेंसी

पीसीओडी के लक्षण

पीसीओडी का घरेलू उपचार

पीसीओडी के लिए योगासन

पीसीओडी का आयुर्वेदिक दवा

पीसीओडी को ठीक करने के उपाय

पीसीओडी क्या है what is (pcod):

पीसीओडी एक हार्मोनल समस्या है जो महिलाओ के अंदर हॉर्मोनल असंतुलन (Hormonal Imbalance) होने के कारण होती है।सामान्य तौर पर मनुष्यों में शरीर की सभी प्रक्रियाओं के सही तरह से काम करने के लिए पुरुष और महिला दोनों हार्मोन की आवश्यकता होती है,लेकिन जब किसी महिला में पुरुष हार्मोन (एंड्रोजन) की मात्रा सामान्य से ज्यादा हो जाता है तो ऐसी महिलाएं पीसीओडी का शिकार हो जाती है। पीसीओडी के कारण से महिलाओ के अंडाशय में समस्या पैदा होने लगती है और उनके अंडेदानी में छोटी छोटी गांठें बन जाती हैं. जिसके कारण से महिलाओ को और साथ ही अनियमित पीरियड्स,अचानक वजन बढ़ना,शरीर में बाल की मात्रा का बढ़ना आदि समस्या हो सकती हैं।

पीसीओडी क्यों होता है (Why does PCOD happen in Hindi?):

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम (पीसीओएस) एक हार्मोनल विकार है जो महिलाओं की प्रजनन प्रणाली को प्रभावित करता है। पीसीओएस का सटीक कारण ज्ञात नहीं है, लेकिन इसके विकास में योगदान देने वाले कई कारक माने जाते हैं:

 1. इंसुलिन प्रतिरोध: यह एक ऐसी स्थिति है जहां शरीर हार्मोन इंसुलिन के लिए प्रतिरोधी हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप रक्त प्रवाह में इंसुलिन का उच्च स्तर होता है। इंसुलिन प्रतिरोध पीसीओएस का कारण बन सकता है क्योंकि यह अंडाशय को अधिक एण्ड्रोजन (पुरुष हार्मोन) उत्पन्न करने का कारण बनता है।

2.जेनेटिक्स: पीसीओएस आंशिक रूप से विरासत में मिला है, जिसका अर्थ है कि अगर किसी करीबी रिश्तेदार (जैसे कि मां या बहन) को पीसीओएस है, तो आपको इसके विकसित होने की संभावना अधिक होती है।

 3. हार्मोनल असंतुलन: पीसीओएस शरीर में कुछ हार्मोन के स्तर में असामान्यताओं से जुड़ा होता है, जिसमें ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन (एलएच), कूप-उत्तेजक हार्मोन (एफएसएच), और एण्ड्रोजन शामिल हैं।

4. मोटापा: अधिक वजन या मोटापा होने से पीसीओएस होने का खतरा बढ़ सकता है। ऐसा इसलिए है क्योंकि शरीर की अतिरिक्त चर्बी हार्मोनल असंतुलन और इंसुलिन प्रतिरोध का कारण बन सकती है। 

5.पर्यावरणीय कारक: कीटनाशकों जैसे कुछ पर्यावरणीय विषाक्त पदार्थों के संपर्क में आने से भी पीसीओएस का खतरा बढ़ सकता है।

 6. सूजन: कुछ अध्ययनों से पता चलता है कि पीसीओएस के विकास में सूजन एक भूमिका निभा सकती है।

तनाव:बहुत ज्यादा तनाव लेने से महिलाएं पर्याप्त नीद नहीं ले पाती है,जिससे आपके हार्मोन में परिवर्तन हो सकता है,और आप पीसीओडी से ग्रसित हो सकते है।

धूम्रपान :अगर आप बहुत ज्यादा धूम्रपान,शराब,या फिर नशीले पदार्थ का सेवन करती है तो ऐसे में आप पीसीओडी से ग्रसित हो सकती है।

पीसीओडी के लक्षण (Symptoms of PCOD in Hindi):

हर महिलाओ में पीसीओडी के लक्षण व्यापक रूप से भिन्न हो सकते हैं। लक्षणों में अनियमित माहवारी, मुंहासे, बालों का अत्यधिक विकास, और गर्भवती होने में कठिनाई शामिल हो सकते हैं। 

  • समय पर मासिक स्राव नहीं आता या अधिक मात्रा में आ जाता है।
  • चेहरे और शरीर पर अधिक बालों का आना।
  • चेहरे पर मुँहासे या दाग–धब्बे की अधिकता
  • गर्भधारण में असमर्थता अथवा बार-बार गर्भपात हो जाना।
  • त्वचा का काला पड़ना।
  • बालो का पतला होना।
  • मोटापा और अधिक भोजन न करने पर भी वजन का तेजी से बढ़ना।
  • सिर के बालों का तेजी से झड़ना।
  • सिर में डैंड्रफ होना।
  • सिर दर्द होना।
  • पेट में दर्द रहना।
  • यौन इच्छा में कमी होना
  • भावात्मक रूप से अस्थिर जैसे चिड़चिड़ापन,उदास,रोने का मन करना।
पीसीओडी में प्रेगनेंसी (pregnancy in pcod in Hindi):
पीसीओडी से ग्रसित महिलाओ के शरीर में एस्ट्रोजन का लेवल कम और एंड्रोजेन का लेवल बढ़ जाता है. जिसके कारण से उन्हे प्रेग्नेंट होने में समस्या होने लगती हैं,जिसके कारण से पीसीओडी से ग्रसित महिलाओं को ये लगता है कि वो मां नही बन सकती है,लेकिन आपको बता दे ऐसा बिल्कुल भी नहीं है हार्मोंस को कंट्रोल करके और दवाओं के साथ,खान पान में बदलाव,और नियमित व्यायाम और एक्सरसाइज करने से आसानी से गर्भ धारण कर सकती हैं।

पीसीओडी का घरेलू उपचार (Home Remedies for PCOD in Hindi):

पीसीओडी को ठीक करने के लिए आयुर्वेद में  कुछ घरेलू उपचार बताए गए है,तो चलिए इस लेख में हम पीसीओडी के घरेलू उपचार के बारे में विस्तार से चर्चा करते हैं।

1.पीसीओडी को ठीक करने के लिए धनिया का प्रयोग (Use of Coriander to cure PCOD in Hindi):

सुखा धनिया आयरन से भरपूर होता है. इसमें एंटी-फंगल, एंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं. धनिया के पानी के सेवन से चेहरा चमकदार बनता है. ये आपकी त्वचा,आपके बाल,और कई सारी समस्याओं के लिए लाभकारी माना जाता हैं।

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पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • रात में एक कप पानी में एक चम्मच सुखा धनिया का बीज भिगो दे,सुबह खाली पेट इस धनिए के पानी को छान लें,अब इस पानी को पी ले।इस विधि को पीसीओडी ठीक होने तक कर सकते है।
  • एक चम्मच सूखा धनिया चूर्ण और एक चम्मच आंवला चूर्ण  को 500 ml पानी में मिलाकर मध्यम आंच पर पकाएं और जब पानी 250 ml रह जाए तो इसे छानकर हल्का ठंडा होने दें। इसका सेवन सुबह खाली पेट और शाम को भोजन से एक घंटा पहले करें।

2.पीसीओडी को ठीक करने के लिए दालचीनी का प्रयोग (Use of Cinnamon to cure PCOD):

पीसीओडी को ठीक करने के लिए दालचीनी का प्रयोग कर सकते है,दालचीनी के प्रयोग से महिलाओ में इंसुलिन रेजिस्टेंस कम होता है,जिसके कारण से पीरियड में अनियमितता,मुंहासे,आदि की समस्या को कम करने में मदद करता है।

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पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • रात में एक गिलास पानी में एक छोटा टुकड़ा भिगो दे,उसके बाद इस पानी को सुबह खाली पेट पी ले इस विधि को आप रोजाना कर सकते हैं।
  • एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर,डालकर मध्यम आंच में 10 से 15 घंटे तक गर्म करे।अब थोड़ी देर ठंडा होने के बाद इसे छान लें,उसके बाद इसमें एक चम्मच शहद डालकर धीरे–धीरे पिए ये विधि आप सुबह नाश्ते के बाद पी सकते हैं।
  • ध्यान दे अगर आप मधुमेह रोगी है और मधुमेह की दवा का सेवन कर रहे है तो ऐसे में बिना डॉक्टर के परामर्श के इसका सेवन ना करे।

3.पीसीओडी को ठीक करने के लिए मुलेठी का प्रयोग (Use of licorice to cure PCOD in Hindi):

कैल्शियम और एंटी ऑक्सीडेंटस से भरपूर मुलेठी हमें शारीरिक समस्याओं से बचाने का काम करती है।बहुत सी महिलाओं को इंफर्टीलिटी की शिकायत होने लगती है। मुलेठी का सेवन फीमेल हार्मोंन को शरीर में बढ़ाने का काम करता है और इससे महिलाओं के शरीर में एंड्रोजन का लेवल घटने लगता है। 

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पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच मुलेठी पाउडर डालकर इसे दस मिनट तक गर्म करें।अब इसे गुनगुना होने के बाद रोज सुबह नाश्ते के बाद पी सकते है।
  • एक छोटा चम्मच मुलेठी के पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ सुबह शाम चांटे,इससे पीसीओडी की महिला को आराम मिलता है।
  • अगर आपको गर्भ धारण करने में समस्या हो रही है तो मुलेठी के जड़ को पानी में उबालकर पीने से गर्भ धारण में सहायता मिलती है।

4.पीसीओडी के लिए पुदीना का प्रयोग (Use of Peppermint for PCOD in Hindi):

महिलाओं में होने वाली आम बीमारी पीसीओएस में भी पुदीना चाय का सेवन करने की सलाह दी जाती है. सिर्फ यही नहीं, वजन कम करना हो या शुगर लेवल  को नॉर्मल रखना हो, पुदीने की चाय से बेहतर कुछ नहीं होता है। क्योंकि पुदीना में पाए जाने वाले पोषक तत्व और एंटीऑक्सीडेंट गुण होते है जो हमारे शरीर से विषाक्त पदार्थ को निकालने में मदद करता हैं।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

सामग्री:

पुदीने की 8-10 पत्तियां

1/2 छोटा चम्मच काली मिर्च

काला नमक स्वादानुसार

प्रयोग विधि:

  • एक पैन में धीमी आंच पर पानी उबलने के लिए रख दें. पानी में पुदीने की पत्तियां, काली मिर्च और काला नमक डालकर 5 मिनट तक उबालें. फिर आंच बंद कर दें.पुदीने की चाय तैयार है. उसे छानकर एक कप में निकाल लें.अब इसे चाय की तरह रोजाना पी सकते हैं।
  • पुदीने के आठ से दस पत्ते को एक गिलास पानी में डालकर दस मिनट तक गर्म करे,उसके थोड़ी देर ठंडा होने के लिए छोड़ दे,जब यह पानी  गुनगुना रह जाए तो इसे छान ले अब इसमें एक चम्मच शहद डालकर सुबह शाम पी सकते हैं।

5.पीसीओडी के लिए मेथी का प्रयोग (Use of Fenugreek for PCOD in Hindi):

मेथी पीसीओडी के लिए सबसे उपयोगी घरेलू उपचारों में से एक है। अध्ययनों से इस बात का  पता चला है कि लगभग आठ हफ्तों तक मेथी के सेवन लगातार करने से पीसीओडी वाली महिलाओं में इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार हुआ है। इसके अलावा, यह मासिक धर्म,पेट संबंधी समस्या को ठीक करने में मदद करती है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • 3 चम्मच मेथी के बीज को रात भर पानी में भिगो दें, और इस बीज को छानकर खा ले और इस पानी को भी पी सकते है, आप सुबह खाली पेट इसका सेवन करें, लंच या डिनर से पहले खा सकते है।या फिर
  • एक गिलास पानी में एक चम्मच मेथी डालकर दस से पंद्रह मिनट तक गर्म कर ले ,अब इस पानी को थोड़ी देर ठंडा होने दें,जब यह पानी गुनगुना रह जाए तो इसे छानकर पी ले।

6.पीसीओडी के लिए ग्रीन–टी का प्रयोग (Use of Green-Tea for PCOD in Hindi):

ग्रीन टी को पीसीओडी के लिए लाभकारी घरेलू उपचार में से एक माना जाता हैं,क्योंकि ग्रीन टी में एंटीऑक्सिडेंट है, इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं जो चेहरे को सुंदर ,वजन घटाने आदि समस्याओं के लिए लाभकारी होता है,ग्रीन टी में उच्च स्तर के पॉलीफेनोल होते हैं जो सेलुलर क्षति को रोकने में मदद करते हैं और बदले में महिलाओं के एंड्रोजन के स्तर को को कम करने में मदद करता है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • एक गिलास पानी को एक पैन में रखकर दस मिनट तक कम आंच में गर्म कर लें अब ग्रीन टी का एक टी बैग इस पानी में डीप कर दे।अब इस टी को धीरे धीरे करके पिए।इस विधि को आप रोज सुबह शाम कर सकते है।

पीसीओडी के लिए नारियल तेल का प्रयोग (use of coconut oil for pcod in Hindi):

नारियल के तेल(असली) को पीसीओडी के लिए लाभकारी माना जाता है,एक शोध के अनुसार नारियल के तेल में सूजन को कम करने का गुण होता है,नारियल तेल घर पर सबसे आसानी से उपलब्ध होने वाली सामग्री है।
पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • नारियल के तेल का आप शालाद में डालकर भी खा सकते हैं।
  • नारियल के तेल में आप हल्का सा नींबू और नमक डालकर भी सेवन कर सकते हैं ।

पीसीओडी के लिए तुलसी का प्रयोग (Use of Tulsi for PCOD in Hindi):

पीसीओडी को ठीक करने के लिए तुलसी का प्रयोग किया जा सकता हैं,तुलसी पीसीओडी के अलावा हमारे इम्यूनिटी को मजबूत बनाती है,तुलसी कई बीमारियों का उपचार भी करती है।इसके अतिरिक्त तुलसी में एंटी-एन्ड्रोजेनिक गुण पाए जाते हैं, जो शरीर से टेस्टोस्टेरोन के स्तर को कम करने में मदद करते है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

प्रयोग विधि:

  • आप चार से पांच पत्ते रोज सुबह शाम ऐसे ही चबाकर खा सकते हैं।
  •   एक गिलास पानी और 8–10 तुलसी की पत्तियों को एक पैन में डालकर मध्यम आंच में दस मिनट तक गर्म करे और जब ये ठंडा हो जाए तो उसका सेवन करें।

पीसीओडी के लिए योगासन (yoga asanas for pcod in Hindi):

पीसीओडी को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार के साथ ही हमे नियमित रूप से कुछ व्यायाम करने की जरूरत होती हैं। अगर आप घरेलू उपाय नहीं करना चाहते है तो आप केवल इन व्यायाम को करने से भी पीसीओडी से ठीक हो सकती है, तो चलिए अब आगे इस लेख में पीसीओडी को ठीक करने के लिए कुछ आसान से योगासन करने की विधि की चर्चा करते है।

मलासन:
मलासन करने से ये आपके पेल्विक एरिया में रक्त के प्रवाह को बढ़ाकर पेल्विक फ्लोर को मजबूत बनाने में मदद करता है।  यह पीसीओएस के लक्षणों जैसे पीरियड में देर से आने,या पीरियड के दौरान दर्द,पीरियड के दौरान कम ब्लड आना और पीरियड क्रैम्प्स के कारण होने वाली परेशानी को भी कम कर सकता है।
पीसीओडी का घरेलू उपचार

करने की विधि:
जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है मल+आसन,यानी की जैसे हम माल त्यागते हुए बैठते है वैसी अवस्था में बैठना।
  • इस आसन को करने के लिए आप एक दम शांत माहौल में जाए।
  • अब योग मैट पर जैसे आप शौच के लिए बैठती है वैसे बैठ जाए। अगर आपको ऐसे बैठने में समस्या हो रही है तो ऐसे में तकिए का इस्तेमाल करे।
  • अब अपने दोनो हाथो से नमस्कार की मुद्रा बनाए।
  • ध्यान रहे आपके कोहनी से घुटने संपर्क में रहना चाहिए।
  • अब गहरी सांस अंदर ले और बाहर छोड़े।
  • ऐसा आप शुरुवात में दो से तीन मिनट तक कर सकते है।
भुजंगासन:
पीसीओडी समस्याओं के लिए योग की सूची में यह मुद्रा व्यापक रूप से शामिल है। यह मुद्रा  पेट और पेल्विक एरिया पर हल्का दबाव डालती है और स्वस्थ अंडाशय को उत्तेजित करके, पाचन क्रिया में सुधार करती है और मानसिक तनाव को कम करके पीसीओडी के लक्षणों को दूर करने में मदद करती है।
पीसीओडी का घरेलू उपचार

करने की विधि:
  • इस आसन को करने के लिए आप एक दम शांत माहौल में जाए।
  • इसे करने के लिए योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं।
  • पैर की उंगलियां फर्श को छूती रहे और पैर एक साथ और हथेलियां छाती के पास रखें।
  • अपने सिर और धड़ को फर्श से हाथो की सहायता से ऊपर उठाते हुए गहरी सांस लें,ध्यान  इस वक्त आपकी नाभि फर्श को छूती(touch) करती रहे।

  • अपने सिर को ऊपर की ओर झुकाएं और अपने कंधों को फ्री रखकर और कानों से दूर रखें।
  • 30 सेकंड के लिए इस स्थिति में रहते हुए सामान्य रूप से सांस लेते रहें और फिर पहले जैसी सामान्य मुद्रा में वापस लौट आएं।
धनुरासन:
धनुरासन का मतलब होता है की व्यक्ति का व्यायाम करते वक्त उसका शरीर धनुष के जैसा बना प्रतीत होता है।इस आसन को करने से पीरियड के दौरान होने वाले दर्द,पीरियड देर से आना,पीरियड के दौरान कम खून का जाना आदि समस्याओं के साथ ही ये पाचन क्रिया,और पीसीओडी से संबंधित समस्याओं के लिए फायदेमंद होता है।
पीसीओडी का घरेलू उपचार

करने की विधि:
  • इस आसन को करने के लिए शांत और हवादार माहौल में जाए।
  • अब योग मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने हाथों को एक दम सीधा कमर के पास रखे।
  • अब अपने घुटनों को धीरे–धीरे पीछे की तरफ मोड़ें और अपने आगे के शरीर को हल्का सा ऊपर उठाएं।
  • अब हाथों की मदद से अपनी  पैरों की उँगलियों को पकड़ने की कोशिश करें।
  • अपने पैरों को ऊपर की ओर खींचते समय आप अपनी सीने और चेहरे को ऊपर की ओर उठाते हुए गहरी सांस लें।
  • इस मुद्रा में आप कम से कम 10 से 15 सेकंड तक रहे और नियमित रूप से सांस लेते रहें।
  • अब धीरे-धीरे अपनी छाती और पैरों को वापस जमीन पर लाए।
  • आप इस आसन को शुरुवात में एक से दो बार करे। 

शवासन(shawasan):
शवासन एक मात्र ऐसा आसन है, जिसे हर आयु के लोग कर सकते हैं, यह सरल भी है। इस आसन को करने से पीरियड के साथ ही साथ,तनाव से निपटने में भी कारगर माना जाता है।
पीसीओडी का घरेलू उपचार

करने की विधि:
  • इस आसन को करने के लिए एक शांत और हवादार वातारण का चयन करे।
  • इस आसन को करने के लिए योग मैट पर पद्मासन या सुखासन अवस्था में बैठ जाए।

  • अब थोड़ी देर बाद मैट पर पीठ के बल लेट जाएं।
  • अब अपनी दोनो आंखो को बंद कर लें।
  • अपने दोनों पैरों को एक दूसरे से थोड़ी दूरी पर रखें।
  • अपने दोनो हाथो को अपने बॉडी से थोड़ी दूरी पर रखे।
  • अपने शरीर को एक दम आराम की मुद्रा में रखे और धीरे-धीरे सांस अंदर ले और बाहर छोड़े।
  • इसे 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
  • इस आसन को कभी भी किया जा सकता हैं।

कपालभाति प्राणायाम 

कपालभाति को आमतौर पर सुखासन या पद्मासन में बैठकर करने की सलाह दी जाती है।यह आसन हमारे स्वसन तंत्र को मजबूत बनाने,ब्लड सर्कुलेशन,और टेंशन को दूर करने में फायदेमंद होता है।

पीसीओडी का घरेलू उपचार

करने की विधि:

  • योग मैट पर सुखासन में बैठ जाएं। 
  • रीढ़ की हड्डी सीधी रहेगी। 
  • दोनों हथेलियों को घुटने पर रखें। 
  • गहरी सांस को भीतर की तरफ खींचें। 
  • सांस छोड़ते हुए पेट को खींचें। 
  • नाभि को रीढ़ की हड्डी की तरफ खींचें। 
  • उतना ही बल लगाएं, जितना सहजता से लग जाए। 
  • पेट में असुविधा होने पर हाथ को पेट पर रख सकते हैं। 
  • सहज होते हुए नाभि और पेट को ढीला छोड़ दें। 
  • इसे श्वास फेफड़े में स्वत: वापस चली जाएगी।
  • इस प्रक्रिया को 20 बार दोहराने पर एक राउंड पूरा हो जाएगा।
  • कुछ अन्य प्राणायाम
  • सूर्य नमस्कार
  • शलभासन
  • सर्वांगासन
  • भास्त्रिक प्राणायाम
  • अनुलोम–विलोम प्राणायाम 
कुछ ध्यान देने योग्य बातें:
  • योग को हमेशा सुबह,खाली पेट करने की कोशिश करें।
  •  योग की शुरूआती अभ्यास हमेशा योग एक्सपर्ट की देखरेख में करना चाहिए।
  • अगर आपको किसी तरह की समस्या जैसे जोड़ो में दर्द,कमर में दर्द, है, तो ऐसे में बिना डॉक्टर के परामर्श के बिना  किसी भी योग न करे।
  • किसी भी योग को करने के लिए अपने शरीर पर ज्यादा ज़ोर,और अत्यधिक देर तक न  न करे, अपनी क्षमता के अनुसार ही योग करे।

पीसीओडी का आयुर्वेदिक दवा (ayurvedic medicine for pcod in Hindi):

पीसीओडी को ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपचार और नियमित रूप से व्यायाम करने के बारे में बताया गया है,अब आगे इस लेख में हम पीसीओडी के लिए कुछ आयुर्वेदिक दवा के बारे में चर्चा करेंगे।

अस्वगंधा:

अस्वगंधा को पीसीओडी के लिए बहुत ही लाभकारी आयुर्वेदिक उपचार के रूप में जाना जाता है।यह महिलाओ को कई समस्याओं से निजात दिलाने में मदद करता है,जो निम्न प्रकार है।

  • हार्मोनल असंतुलन को ठीक करता है 
  • इंसुलिन प्रतिरोध को कम करता है 
  • थकान, अनिद्रा और थायराइड असंतुलन का इलाज करता है
  • बांझपन और अनियमित पीरियड्स का इलाज करता है

प्रयोग विधि:

  • लगभग 1 चम्मच अस्वगंधा पाउडर को  दिन में दो बार गुनगुने पानी के साथ या फिर शहद, दूध के साथ सेवन किया जा सकता है। 

शतावरी:

आयुर्वेद के अनुसार पीसीओएस के मामले में, हमें कुछ औषधियों की आवश्यकता होती है ,शतावरी एक ऐसी जड़ी बूटी है जो पीसीओ में बिगड़ा हुआ हार्मोन को संतुलित करने में मदद करती है, हार्मोन के स्तर को बनाए रखती है,इससे पीरियड्स सही समय पर होते हैं और यह ब्‍लड फ्लो को नॉर्मल करती है।

प्रयोग विधि:शतावरी चूर्ण को रात में एक चम्मच दूध के साथ ले सकते है।

पीसीओडी से बचने के उपाय (ways to avoid pcod in Hindi):

पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम से बचने के लिए अपने जीवनशैली और आहार में कुछ बदलाव लाना जरूरी होता है।
  • तैलीय, वसायुक्त, एवं मीठे भोजन का त्याग करें।

  • अधिक से अधिक फलों एवं सब्जियों का सेवन करें। भोजन में रेशेदार आहार को शामिल करें।

  • जंकफुड (फुल्की,चाट,समोसा,पिज्जा,बर्गर) आदि का सेवन करे।
  • बाहर के खाने से दूरी बनाकर रखे,डिब्बा बंद खाना ना खाए।
  • सुबह खाली पेट गुनगुने पानी का सेवन करे,और दिन भर में कम से कम छह से सात लीटर पानी का सेवन करे।
  • तनावयुक्त जीवन यापन करने की कोशिश करें,कम से कम सात से आठ घंटे की नींद ले।
  • धूम्रपान और शराब का सेवन बिलकुल भी ना करे।
  • नियमित रूप से प्राणायाम एवं योगासन का अभ्यास करें।

निष्कर्ष:मैने इस लेख में पीसीओडी के घरेलू उपाय,पीसीओडी के लिए योगाभ्यास आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी है।उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख आपको पसंद आया होगा।अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

डिस्क्लेमर:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है,आप इन सभी उपाय को करने से पहले एक बार अपने डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।





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