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नाव जैसे दिखने वाला आसन (नौकासन) के फायदे,और नुकसान,नौकासन करने का सही तरीका क्या है।

 हर व्यक्ति के जीवन को कुछ न कुछ लक्ष्य जरूर होता है,और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमे शारीरिक और मानसिक दोनो तरीके से स्वस्थ रहना जरूरी है,स्वस्थ रहने के लिए सही खानपान,संतुलित जीवनशैली के साथ रोज नियमित तरीके से योगाभ्यास करना भी जरूरी है,योगाभ्यास के बारे में कई सारी विशेषज्ञों ने अपनी राय प्रस्तुत की है,इन विशेषज्ञों की माने तो जो व्यक्ति नियमित रूप से कम से कम पंद्रह से बीस मिनट तक योग करता है उस व्यक्ति की शारीरिक और मानसिक क्षमता दोनो ही अन्य व्यक्ति की तुलना में ज्यादा मजबूत होती है।आज हम इस लेख में एक ऐसे ही महत्वपूर्ण योगाभ्यास की बात करने जा रहे है जो आपको कई सारे बीमारियो से बचाने में मदद कर सकता है,इस योगासन का नाम है नौकासन। जी हां! अगर आप नौकासन को सही तरीके से और नियमित रूप से करते है तो ये आपके अंदर के आलस और सुस्ती को दूर करके आपको दिन भर ऊर्जावान बनाए रखने में मदद करेगा।

नाव जैसे दिखने वाला आसन (नौकासन) के फायदे,और नुकसान,नौकासन करने का सही तरीका क्या है।


नौकासन योग क्या है (what is naukasana yoga in Hindi):

नौकासन को अंग्रेजी में बोट पोज (boat pose) के नाम से जाना जाता हैं,नौकासन संस्कृत के दो शब्दों से मिलकर बना है। इसमें नौका का अर्थ है “नाव” और आसन का अर्थ है बैठने की मुद्रा। इस आसन की अंतिम अवस्था में हमारे शरीर की आकृति नौका के समान या फिर अंग्रेजी के V अक्षर की तरह दिखाई देती है, इसी कारण इसे नौकासन कहते है।नौकासन एक मध्यम श्रेणी का बैठकर किया जाने वाला आसन है,इस आसन को नियमित रूप से करने से आपकी लोअर बैक,बाइसेप्स और ट्राइसेप्स,कोर (एब्स),पैर के पंजे और टखने,क्वाड्रिसेप्स को मजबूत बनाता है। शुरुआत में इस आसन को करने में थोड़ी कठिनाई होती हैं लेकिन इस नियमित रूप से करने पर ये आसन आपको आसान लगने लगेगा।

नौकासन योग कैसे करते हैं (how to do naukasana yoga in Hindi):

नौकासन को करने के कई सारे तरीके है,परंतु मैं इस लेख में नौकासन करने की सबसे आसन विधि के बारे में जानकारी देने की कोशिश करूंगी,जिसे करने से आपको बहुत ज्यादा लाभ मिलेगा।

नाव जैसे दिखने वाला आसन (नौकासन) के फायदे,और नुकसान,नौकासन करने का सही तरीका क्या है।

  • नौकासन योग को करने के लिए एक शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे।
  • अब योग मैट पर सीधे लेट जाए,अपने दोनो पैर को सटाकर रखें और हांथ को भी अपने कमर के पास सटाकर रखें।
  • अब अपने शरीर को ढीला छोड़ दे,और अपना ध्यान अपने सांसो पर केंद्रित करें।
  • अब सांस अंदर की ओर लेते हुए अपने सिर और पैर दोनो को आराम से 45 डिग्री तक ऊपर की ओर उठाएं और आपके हांथ जांघ के पास होने चाहिए।
  • अब इस अवस्था में धीरे धीरे सांस बाहर छोड़े और धीरे धीरे सांस अंदर की और ले।
  • इस अवस्था में अपनी क्षमता के अनुसार थोड़ी देर तक इसी मुद्रा में रहे।
  • अब जब आप पुनः अपने सामान्य स्थिति में आने के लिए एक लंबी सांस छोड़ते हुए अपने प्रारंभिक स्थिति आ जाए।ऐसे इस आसन का एक चक्र पूरा हुआ।
  • शुरुवात में आप इस आसन को दो से तीन बार ही करे।समय बीतने पर धीरे धीरे इस आसन की स्पीड को बढ़ा सकते हैं।

इस तरह से आप इस प्राणायाम को नियमित रूप से कर सकते है,ध्यान दे आप अपने हाथों पैरो से ज्यादा जबरदस्ती ना करें,इस आसन को करते वक्त अपने माइंड को शांत रखे।



नौकासन से पहले किए जाने वाला आसन:


अधोमुख श्वानासन
उत्तानासन

नौकासन करने के बाद ये आसन करें:

बद्ध कोणासन
हलासन
सलंब शीर्षासन
उत्कटासन

नौकासन के फायदे (benefits of naukasana in Hindi):


यह एक ऐसी योगासन है जो आपके शरीर को सिर से लेकर पैर तक फायदा पहुंचाता है।अब आगे इस लेख में इस आसन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे।

 नौकासन वजन कम करने के लिए (naukasana for lose weight in Hindi):

अगर आप खुद को फिट और स्वस्थ रखना चाहते है तो ऐसे में नियमित रूप से योग करना बहुत जरूरी है,योग विशेषज्ञ के अनुसार रोज सुबह नियमित रूप से नौकासन करने से पेट की चर्बी कम होती हैं साथ ही इस आसन से पूरे शरीर का वजन कम होता है,अगर आप अपना मोटापा कम करना चाहते हैं तो आप इस आसन के साथ रोज एक हेल्थी डाइट को अपने जीवनशैली में अपनाए।क्योंकि ये योगासन पेट की चर्बी को कम करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता हैं।

नौकासन किडनी के लिए (Naukasana for kidney in Hindi): 

किडनी हमारे शरीर का एक बहुत ही महत्वपूर्ण अंग है और बहुत जरूरी है की ये अंग हमारे शरीर में अच्छे तरीके से कार्य करे,किडनी के सही तरीके से कार्य करने के लिए नौकासन को बहुत ही कारगर माना जाता हैं,योग विशेषज्ञ की माने तो जो व्यक्ति नियमित रूप से इस आसन को करते है,उनकी किडनी अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा स्वस्थ रहता है,अतः अगर आप भी अपने किडनी को स्वस्थ बनाए रखना चाहते हैं तो आप इस आसन को अपने जीवन शैली में जरूर अपनाएं।

नौकासन पाचन तंत्र के लिए (naukasana for digestive system):

पाचन तंत्र को मजबूत बनाने के लिए नौकासन बहुत ही कारगर तरीका माना जाता हैं,योग विशेषज्ञ के अनुसार नौकासन पेट के निचले हिस्से की मांसपेशियों पर काम करता है, जो आपके पाचन क्रिया को सुधारने है और बेहतर बनाने में मदद करता है। यह योगाभ्यास आपके पाचन से संबंधित रोग जैसे कब्ज, एसिडिटी, गैस आदि से आपको छुटकारा दिलाता है,साथ ही ये आपके मसल्स को सख्त करके आपके पेट के निचले हिस्से पर सकारात्मक प्रभाव डालता है, ये पाचनतंत्र को सही तरीके से कार्य करने में भी भरपूर मदद करता है। 

 नौकासन कमर दर्द के लिए (naukasana for back pain in Hindi):

नौकासन योग को नियमित रूप से करने से कमर को मजबूत बनाने में सहायक होता है,योग एक्सपर्ट के अनुसार इस आसन को करने से 
 इस आसन को करने से कमर में थोड़ी बहुत परेशानी हो सकती है लेकिन धीरे धीरे यह आपके कमर को मजबूत बनाता है।

नौकासन रीढ़ की हड्डी के लिए (naukasana for the spine in Hindi):

नौकासन को नियमित रूप से करने पर ये आपके रीड की हड्डी को मजबूत बनाने में मदद करता हैं,हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार रोज नौकासन करने से ये आपके मेरुदंड को लचीला बनाता है,जिससे आपकी रीड की हड्डी मजबूत और स्वस्थ बनता है।एडियां और टखने पैरों को संपूर्ण स्ट्रेच देने के लिए साथ में काम करते हैं।

नौकासन हर्निया के लिए (naukasana for harniya in Hindi):

हर्निया होने पर मनुष्य की पेट की मांसपेशिया कमजोर हो जाती हैं जिसके कारण उनके अंदर से आंतें या कोई अन्य चीज बाहर आने लगता है और लेटने पर वापस चला जाता है, बहुत बार हर्निया में खड़े होने में, खांसने में या कोई अन्य कार्य करने में परेशानी होने लगती है और लेट जाने पर इससे आराम मिलता है।ऐसे में इस आसन को नियमित रूप से करने से हरनिया की समस्या नहीं होती है,योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन को नियमित रूप से करने से हमारी मांशपेशीयां मजबूत होती हैं 

नौकासन हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स मांसपेशियों को स्ट्रेच करने के लिए (naukasana for Stretches The Hamstrings And Quadricep Muscles in Hindi)

हैमस्ट्रिंग हमारे मांसपेशियां और कूल्हों, घुटनों को गतिशीलता और स्थिरता प्रदान करने में मदद मिलती हैं, जिससे हम अपनी दिन-प्रतिदिन की गतिविधियां जैसे उठना बैठना, चलना आदि सुनिश्चित हो सके।जब हमारी हैमस्ट्रिंग सही तरीके से कार्य करने में सक्षम नहीं रहती है तो हमे अपने रोजमर्रा के कार्य करने में दिक्कत होती हैं,योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन को नियमित रूप से करने से हमारे हैमस्ट्रिंग और क्वाड्रिसेप्स मसल्स की स्ट्रेचिंग होती है,इस आसन के निरंतर अभ्यास से इन मसल्स में लचीलापन बढ़ जाता है।

नौकासन हिप्स को मजबूत बनाने के लिए (naukasana for Strengthens The Hips in Hindi): 

इस आसन को करते वक्त शरीर का संतुलन बनाने में हिप्स महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं। योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन से हिप्स को मजबूत बनाने, हिप्स की हड्डियों के संतुलन बनाए रखने में मदद करेगा। आप अपनी पैर को जितना ऊपर उठाते हैं और अपने धड़ को जितना सीधा रखते हैं, आपका हिप्स को उतना ही ज्यादा मजबूत होता जाता हैं। 

नौकसन कोर और एब्स की मसल्स को मजबूत बनाने के लिए (naukasana for Core And Abdominal Muscles Become Strong in Hindi):

इस आसन को करते समय हमारे शरीर का वजन बीच में फोकस होता है। इसे शरीर का कोर एरिया कहते है। इस आसन को करने के लिए हमे अपने पेट की मांसपेशियों या एब्स को टाइट करना पड़ता है। इस तरह बार-बार मांसपेशियों को कसने से हमारी मांसपेशियां मजबूत होने लगती हैं। जिससे हमारा शरीर अन्य स्तर के योगासन करने के लिए तैयार हो जाता हैं।

नौकासन शरीर के संतुलन बनाए रखने के लिए (naukasana for Focuses On Balancing The Body in Hindi):

नौकासन का अगर निरंतर और सही तरीके से अभ्यास किया जाय तो इस आसन से शरीर में आत्मविश्वास का लेवल बढ़ता चला जाता है।और शरीर का संतुलन धीरे धीरे सुधरता चला जाता है। इस आसन के बारे में योग एक्सपर्ट की माने तो इस आसन को करने से बैलेंस पर फोकस करने से तनाव से मुक्ति और ध्यान न लगने से जुड़ी समस्याओं में भी राहत मिलती है।

नौकासन करने में सावधानी (naukasan karne me sawdhani in Hindi):

नौकासन को नियमित रूप से करने से हमे कई सारे लाभ मिलते है,लेकिन इस आसन को करते वक्त कुछ सवाधानियो की भी जरूरत होती हैं,जिसे हम इस लेख में बताने की कोशिश करेंगे जो निम्न प्रकार से है –

  • नौकासन करने के लिए धीरे-धीरे अभ्यास बढ़ाएं। कभी भी असुविधा होने पर इस आसन का अभ्यास न करें।
  • कभी भी कंधे या घुटनों पर दबाव न डालें। 
  • हमेशा ध्यान दें कि आपने वॉर्मअप कर लिया हो और आपकी कोर मसल्स सब एक्टिव हो चुकी है। 
  • अगर आप अस्थमा के मरीज हो तो ऐसे में आप इस आसन को करने से पहले एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर ले या फिर इस आसन को न करे तो बेहतर होगा।
  • अगर आपको डायरिया,सिरदर्द की समस्या है तो भी इस आसन को ना करें,क्योंकि ये आसन करने से आपकी समस्या और भी बढ़ सकता है।

  • जो भी व्यक्ति हृदय रोग से संबंधित कोई भी बीमारी से पीड़ित हैं तो ऐसे में आप भी इस आसन को ना करें।
  • इंसोम्निया,निम्न रक्तचाप होने पर भी आप इस आसन को ना करें।
  • डायबिटीज के मरीज भी इस आसन को बगैर डॉक्टर के परामर्श या योग विशेषज्ञ के सलाह पर ही इस आसन को करें।
  • अगर आपकी हाल में कोई सर्जरी हुई है तो भी आप इस आसन को ना करें।
  • अगर आपके पेट में चोट या घाव की शिकायत हो तो भी आप इस आसन को ना करें।
  • अगर आपके घुटने, हिप्स, हाथों और कंधे में चोट हो तो ऐसे में आप नौकासन को योग ट्रेनर की देखरेख में ही करें। 
  • आप इस योग को संतुलन बनाने पर आप स्वयं भी इस आसन को कर सकते हैं।

नौकासन करने का सही समय:

किसी भी आसन या प्राणायाम को करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं,साथ ही यदि आप आसन करने पहले शौच कर ले और पेट एक दम खाली रहे तो यह अति उत्तम माना जाता हैं परंतु अगर आप सुबह के समय किसी कारण वश इस आसन को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप इस आसन को करने से चार से छह घंटे कुछ भी ना गया हो और आसान करने से पहले शौच कर ले।

निष्कर्ष:

इस लेख में नौकासन के फायदे,नौकासन करने की विधि,नौकासन से पहले कौन सा आसन करे,नौकासन के बाद कौन सा आसन करे,नकासन करने में सावधानी आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है,उम्मीद है की आपको नौकासन से संबंधित लेख पसंद आया होगा परंतु फिर भी अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

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