पीलिया (Jaundice) को एक आम बीमारी के रूप में माना जाता है, इस बीमारी से अक्सर बहुत से लोग पीड़ित रहते हैं। पीलिया ऐसी बीमारी है, जिसमे रोगी की त्वचा, श्लेष्मा झिल्ली और आंखों के सफेद भागों पर एक पीलापन दिखाई देने लगता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि शरीर के तरल पदार्थों का कलर भी पीला (yellow) हो सकता है, जैसे कि मूत्र का रंग पीला हो जाना। ऐसा माना जाता है कि जब हमारा लीवर सही तरीके से अपना कार्य करने में असमर्थ हो जाता हैं, तो यह रक्त में बिलीरुबिन (bilirubin) नामक विषाक्त पदार्थ का निर्माण करने लगता है। जिस कारण से खून में इस विषाक्त पदार्थ की मात्रा बढ़ने लगता है, इस पदार्थ के बढ़ने से आंखों एवम नाखून में पीलापन दिखाई देने लगता है। इस पदार्थ की मात्रा अत्यधिक होने से पीला रंग हरे रंग में बदल सकता है। वैसे यह रोग किसी को भी हो सकता है लेकिन बच्चों और बुजुर्गों में अधिक देखा जाता है। आज हम इस लेख में पीलिया में क्या खाना चाहिए और क्या नहीं आदि महत्वपूर्ण बातों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।
पीलिया क्या है (what is jaundice in Hindi):-
पीलिया (jaundice) एक बीमारी है, जिसे वायरल हैपेटाइटिस या जोन्डिस के नाम से जाना जाता हैं, इसे हमारे बॉडी में बिलीरुबिन (bilirubin) की मात्रा ज्यादा होने के वजह से हो सकता है। हमारे शरीर में बिलीरुबिन का निर्माण हमारे उत्तकों और रक्त में होता है। आमतौर पर जब किसी कारणों से लाल रक्त कोशिकाएं यानी कि (red blood cells) टूट जाती हैं तो ये पीले (yellow) कलर के बिलीरुबिन का निर्माण करता है। यह बिलीरुबिन हमारे लिवर से फिल्टर होकर शरीर से बाहर निकलता है, लेकिन जब यही बिलीरुबिन किसी कारणवश खून से लिवर में नहीं जा पाता है या लिवर द्वारा सही तरीके से फिल्टर नहीं हो पाता है तो बॉडी में इसकी मात्रा बढ़ जाती है जिसे पीलिया के नाम से जाना जाता है।
पीलिया के प्रकार (types of jaundice in Hindi):-
जिन वाइरस से यह होता है उसके आधार पर मुख्यतः पीलिया तीन प्रकार का होता है
- वायरल हैपेटाइटिस ए,
- वायरल हैपेटाइटिस बी
- वायरल हैपेटाइटिस नान ए व नान बी।
पीलिया के शुरुआती लक्षण (early symptoms of jaundice in Hindi):-
पीलिया जिसे ज्वाइंडिस के नाम से भी जाना जाता हैं, इस बीमारी के शुरुआत में आपको निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं:
- बुखार होना।
- थकान और कमजोरी महसूस होना।
- वजन का घटना।
- भूख नहीं लगना।
- चिकनाई वाले भोजन से अरूचि।
- पेट में दर्द होना।
- सिर में दर्द होना।
- सिर के दाहिने भाग में दर्द रहना।
- शरीर में जलन होना।
- हल्के रंग का मल होना।
- जी मिचलाना ।
- कभी कभी उल्टियॉं होना।
- कब्ज की शिकायत बने रहना।
- पेशाब का रंग पीला या मतमैला होना ।
- कुछ मामलों में खुजली होना।
पीलिया में क्या खाना चाहिए (what to eat in jaundice in Hindi):-
पीलिया को ठीक करने के लिए हेल्थ एक्सपर्ट निम्न चीजों का सेवन करने के की सलाह देते हैं:
1. गन्ने का जूस:
गन्ने का रस पीलिया के इलाज (Piliya ka ilaj) में अत्यंत लाभकारी होता हैं। अगर आपको पीलिया है तो दिन में तीन से चार बार सिर्फ गन्ने का रस पिए तो इससे बहुत ही लाभ होता हैं।
2. हर्बल टी का प्रयोग करें:
हर्बल टी में एंटीऑक्सिडेंट के साथ-साथ कैफीन की अधिक मात्रा होती है, जो पाचन को उत्तेजित करने में मदद कर सकती है।अगर आप पीलिया के रोगी है तो हर्बल टी का सेवन शुरू कर दे।
3. छांछ का प्रयोग करें:
छांछ को पीलिया रोग के लिए फायदेमंद बताया गया है, अगर आप पीलिया रोग से ग्रस्त हैं तो रोज सुबह-शाम एक गिलास छाछ या मट्ठा में सेंधा नमक मिलाकर पिएं।
4. नारियल पानी का प्रयोग करें:
नारियल पानी को पीलिया को ठीक करने के लिए फायदेमंद बताया गया है, हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार नारियल पानी का सेवन करने से बॉडी dehydrate रहता है।
5. फलों और सब्जियों का प्रयोग करे।
आपको क्रैनबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर, पपीता, खरबूज, कद्दू, शकरकंद, रतालू, टमाटर, गाजर, चुकंदर, शलजम, ब्रोकोली, फूलगोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी क्रुसिफेरस सब्जियां, अदरक, लहसुन, पालक और कोलार्ड ग्रीन्स आदि का सेवन बढ़ाना चाहिए।
6. नट्स का प्रयोग करें:
अधिकतर नट्स में विटामिन ई और फेनोलिक एसिड सहित एंटीऑक्सिडेंट की भरपूर मात्रा होती है। साबुत नट्स में फाइबर और हेल्दी फैट भी सही मात्रा में पाया जाता है। नियमित रूप से नट्स का सेवन करने से लिवर मजबूत बनता है।
7. धनिया का प्रयोग करें:
धनिया के बीज को पीलिया रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता हैं, धनिया के बीजों को आठ से नौ घण्टे भिगो कर रखें। इस पानी का सेवन करें। धनिया पानी हरी सब्जी, रोटी बनाने में इस्तेमाल करें।
8. मूली का प्रयोग करें:
मूली को भी पीलिया रोग के लिए लाभकारी बताया गया है, हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार मूली में पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने की क्षमता होती है। अतः अगर आप भी पीलिया के रोग से ग्रस्त हैं तो आप भी नारियल पानी का सेवन शुरू कर दे।
9. गिलोय का प्रयोग करें:
गिलोय का प्रयोग करने से ये पीलिया के रोगियों के लिए फायदेमंद माना जाता हैं। अगर आप भी पीलिया रोग से ग्रस्त हैं तो आप गिलोय का रस शहद में मिलाकर सुबह-सुबह सेवन करने से पीलिया रोग दूर होता है।
10. दही का प्रयोग करें:
दही पीलिया के लक्षणों को कम करने में बहुत अधिक लाभ पहुंचाता है। पीलिया रोग में दही का सेवन करने से बैक्टीरिया के संक्रमण की रोकथाम होती है। अगर आप भी पीलिया से संक्रमित हैं तो आप अपने खाने में दही का सेवन जरूर करें।
11. फिटकरी का प्रयोग करें:
फिटकरी को पीलिया के रोग के लिए फायदेमंद बताते है, आयुर्वेद चिकित्सा के अनुसार अगर फिटकरी का सही तरीके से प्रयोग किया जाए तो पीलिया के रोग को ठीक किया जा सकता हैं, फिटकरी को तवे पर सेक कर फूला लें। जब फूल जाएँ तब उसे पीस लें। एक ग्लास में आधा चम्मच ड़ालकर रोज सुबह पिला दें।
12. तुलसी का प्रयोग करें:
तुलसी को भी हमारे आयुर्वेद में पीलिया के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं, तुलसी के पत्ते पांच ग्राम और पुनर्नवा की जड़ पांच ग्राम पीसकर रोज सुबह-शाम सेवन करने से पीलिया के इलाज में लाभ मिलता है
13. नींबू पानी का प्रयोग करें:
पीलिया के इलाज में नींबू पानी भी कारगर है। नींबू एंटीइंफ्लेमेटरी गुणों से समृद्ध होता है। यह पीलिया के उपचार में मदद कर सकता है। अगर आप पीलिया के रोगी है तो आप नियमित रूप से एक गिलास नींबू पानी का सेवन शुरू कर सकते है।
14. आंवला का प्रयोग करें:
पीलिया के लिए आंवला का जूस फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि यह विटामिन-सी का अच्छा स्रोत माना जाता है, जो जॉन्डिस के लक्षणों को दूर करने का काम कर सकता है।
15. केले का प्रयोग करें:
पीलिया के लिए आप केले को घरेलू उपचार के तौर पर प्रयोग में ला सकते हैं। इसके लिए आप एक केले को मैश करें और उसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर सेवन करें।
16. नीम की पत्तियों का सेवन करें:
आयुर्वेद में नीम को औषधि माना जाता है। इसमें कई औषधीय गुण पाए जाते हैं, इसके सेवन से कई तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं। खासकर रक्त संबंधी बीमारियों में यह रामबाण साबित होता है। इसके लिए पीलिया के मरीज नीम की पत्तियों का सेवन कर सकते हैं।
पीलिया में क्या नहीं खाना चाहिए (what not to eat in jaundice in Hindi):
पीलिया होने पर निम्न बातों का ध्यान अवश्य रखे, वरना पीलिया का खतरा बढ़ सकता हैं , यहां कुछ खाद्य पदार्थ और पदार्थ दिए गए हैं जिनसे पीलिया से निपटने के दौरान आम तौर पर परहेज करने की सलाह दी जाती है:
1. वसायुक्त या तले हुए खाद्य पदार्थ:
चिकने और तले हुए खाद्य पदार्थों से दूर रहें क्योंकि इन्हें संसाधित करना लीवर के लिए कठिन हो सकता है और लक्षणों को बढ़ा सकता है।
2. शराब:
पीलिया से निपटने के दौरान शराब से पूरी तरह बचना महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह लीवर को और अधिक नुकसान पहुंचा सकता है, जिससे पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया अधिक चुनौतीपूर्ण हो सकती है।
3. मसालेदार और भारी मसाला:
मसालेदार भोजन और भारी मसाला लीवर और पाचन तंत्र पर तनाव डाल सकता है, इसलिए आमतौर पर इस दौरान इनसे बचने की सलाह दी जाती है।
4. चीनीयुक्त खाद्य पदार्थ और मिठाइयाँ:
जबकि एक मीठा व्यंजन आकर्षक हो सकता है, अक्सर चीनीयुक्त खाद्य पदार्थों को सीमित करने या उनसे बचने की सलाह दी जाती है क्योंकि वे रक्त शर्करा के स्तर को प्रभावित कर सकते हैं और संभावित रूप से उपचार प्रक्रिया में बाधा डाल सकते हैं।
5. कैफीनयुक्त पेय पदार्थ:
कैफीनयुक्त पेय पदार्थों को कम करना या उनसे बचना एक अच्छा विचार है क्योंकि वे निर्जलीकरण में योगदान कर सकते हैं, जो यकृत पर दबाव डाल सकता है।
पीलिया ठीक होने के क्या लक्षण है (what are the symptoms of jaundice in Hindi):-
यहां कुछ सामान्य लक्षण दिए गए हैं जो पीलिया से ठीक होने का संकेत दे सकते हैं:
1. पीलापन कम हो जाता है:
त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीलापन, जो पीलिया की पहचान है, लीवर की कार्यप्रणाली में सुधार होने पर धीरे-धीरे दूर हो जाता है।
2. थकान में कमी:
जैसे-जैसे लिवर अपना सामान्य कार्य करना शुरू करता है, आप थकान में कमी और ऊर्जा के स्तर में वृद्धि देख सकते हैं।
3. भूख में सुधार:
पीलिया से उबरने वाले रोगी को भूख में सुधार और सामान्य आहार संबंधी आदतों में वापसी का अनुभव हो सकता है।
4. पाचन संबंधी समस्याओं का समाधान:
पीलिया कभी-कभी मतली, उल्टी या पेट दर्द जैसे पाचन संबंधी लक्षणों का कारण बन सकता है। लीवर के ठीक होने पर ये लक्षण कम हो जाने चाहिए।
5. स्थिर बिलीरुबिन स्तर:
पीलिया के प्रमुख मार्करों में से एक, रक्त में बिलीरुबिन का स्तर, लीवर के ठीक होने पर धीरे-धीरे सामान्य हो जाना चाहिए। इसकी पुष्टि चिकित्सीय परीक्षण से की जा सकती है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
पीलिया में कौन से फल खाने चाहिए?
पीलिया के दौरान आपको क्रैनबेरी, ब्लूबेरी, अंगूर, तरबूज, पपीता, खरबूज, कद्दू, शकरकंद, रतालू, टमाटर, गाजर, चुकंदर, शलजम, ब्रोकोली, फूलगोभी और ब्रसेल्स स्प्राउट्स जैसी क्रुसिफेरस सब्जियां, अदरक, लहसुन, पालक और कोलार्ड ग्रीन्स आदि का सेवन बढ़ाना चाहिए।
पीलिया कितने पॉइंट होना चाहिए?
पीलिया जिसे जौंडिस या हैपेटाइटिस के नाम से जाना जाता है, पीलिया हमारे शरीर में बिलीरुबिन (bilirubin) की मात्रा बढ़ने के कारण होती है, हमारे शरीर में हमेशा पीलिया या बिलिरूबिन की मात्रा 1.2 mg/dL पॉइंट से कम ही होना चाहिए। अगर हमारे शरीर में बिलिरूबिन की मात्रा इससे ज्यादा हो जाती है तो ऐसे में हम पीलिया से ग्रसित हो सकते हैं।
पीलिया में चावल खाना चाहिए या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार पीलिया के दौरान हमारी पाचन क्रिया सही तरीके से कार्य नही करती है, जिस कारण से ज्यादा हेवी भोजन का सेवन करने से हमे, उल्टी, दस्त या अपच की समस्या हो सकती है, पीलिया के दौरान इस समस्या से बचने के लिए आप अपने जीवन शैली में हल्के भोजन जैसे की पतली दाल, चावल, हरी सब्जी, मूली, टमाटर आदि को शामिल कर सकते है, अगर आप पीलिया के मरीज है, तो आप भोजन को थोड़ा थोड़ा करके पांच से छह बार में खाए ताकि आपका खाना भी पच जाए, और आपके शरीर को पोषक तत्व भी मिल सके।
पीलिया कितने दिनों में ठीक होता है?
पीलिया कितने दिनों में ठीक हो सकता हैं, ये बात आप पीलिया के दौरान कितना परहेज और अपने स्वस्थ का कितना देखभाल करते हैं इस बात पर निर्भर करता है, अगर आप पीलिया के रोगी है, और आप नियमित रूप से परहेज और सही खान पान को अपने जीवनशैली में अपनाते हैं तो ऐसे में आप दो से तीन सप्ताह तक में ठीक हो सकते है।
पीलिया में दूध पीना चाहिए कि नहीं?
दूध को संपूर्ण आहार माना जाता है, दूध हमारे शरीर के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता हैं, दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व हमारे शारीरिक और मानसिक दोनों तरीके से लाभ पहुंचाता है, हेल्थ एक्सपर्ट सभी को एक गिलास दूध पीने की सलाह देते है, परंतु कुछ विशेष परिस्थितियों में दूध का सेवन करने के लिए मना किया जाता है जैसे अगर आपको पीलिया, दस्त,या फिर लीवर से संबंधित कोई बीमारी हैं तो आप दूध का सेवन ना करें, वरना ये लाभ की जगह पर आपको हानि पहुंचा सकता है।
पीलिया में अनार खाना चाहिए या नहीं?
हेल्थ एक्सपर्ट पीलिया के मरीजों को अनार खाने या उसका जूस पीने की सलाह देते है, अनार में पाए जाने वाले पोषक तत्व खून की कमी को कम करने तथा पाचन क्रिया को ठीक रखने में मदद करते है, वही अगर आयुर्वेद चिकित्सा की माने तो अनार के साथ ही साथ अनार के पत्तों में भी पीलिया को ठीक करने का गुण पाया जाता हैं, लेकिन ध्यान रहे अनार के पत्ते का इस्तेमाल करने से पूर्व एक बार डॉक्टर से परामर्श लेना जरूरी है।
निष्कर्ष (conclusions):
इस लेख में पीलिया के दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं खाना चाहिए इन सभी बातों पर विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई हैं, उम्मीद है कि आपको मेरा ये लेख पसंद आया होगा परंतु अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
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