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वज्रासन (diamond pose) के फायदे और नुकसान, करने की विधि, कब करें।

 योगासन एक ऐसा अभ्यास है जो आपके शारीरिक-मानसिक दोनों प्रकार की सेहत को बेहतर बनाए रखता है और साथ ही आपके समग्र स्वास्थ्य को बढ़ावा देने में आपकी मदद करता है। योग विशेषज्ञ कई तरह के स्वास्थ्य संबंधी योगासनों में वज्रासन को काफी जादुई अभ्यास के तौर पर देखते हैं। वज्रासन मुद्रा सामान्य तरीके से आसन एक योग अभ्यास है। योग विशेषज्ञ वज्रासन से शरीर को मजबूत बनाने के साथ मानसिक स्वास्थ्य में सुधार के लिए विशेष उपाय बताए गए हैं। वज्रासन के अभ्यास से कमर में दर्द, उच्च रक्तचाप और एकाग्रता में सुधार देखने को मिल सकता है। आज हम इस लेख में वज्रासन के फायदे (वज्रासन के फायदे), वज्रासन करने की विधि, आदि कई महत्वपूर्ण, वज्रासन से जुड़े तथ्यों पर चर्चा करेंगे।

वज्रासन (डायमंड प्लांट) के फायदे और नुकसान, करने की विधि, जानें।

वज्रासन क्या है (what is vajrasana in hindi):-

वज्रासन एक संस्कृत भाषा का शब्द है, यह संस्कृत के दो शब्दों (वज्र+आसन) से मिलकर बना है, पहले शब्द वज्र का अर्थ है, कठोर (कठोर), आकाशीय बिजली  या हीरा  और दूसरे शब्द वज्र का अर्थ है, मुद्रा (खड़ा) । करना).

इस योगाभ्यास का नाम वज्रासन इसलिए रखा गया क्योंकि इस आसन के अभ्यास से व्यक्ति का शरीर मजबूत, स्वस्थ और स्थिर बनता है।

इस आसन को अंग्रेजी में ( एडमोंटाइन पोज़ एडामेंटाइन पोज़) या थंडरबोल्ट पोज़  भी कहा जाता है।

इस आसन को डायमंड पाम (डायमंड पाम) या हीरा मुद्रा  के नाम से भी जाना जाता है, इस आसन का अभ्यास करने वाला व्यक्ति के बल धारण करने वाला आसन है, वज्रासन प्राणायाम, कपालभाति और अनुलोम-विलोम किया जा सकता है। वज्रासन एक ऐसा योगाभ्यास है, जिसका अभ्यास भोजन के बाद भी किया जा सकता है, वज्रासन का अभ्यास करने से पाचन तंत्र बेहतर बनता है, साथ ही इस आसन के अभ्यास से मन शांत और एकाग्र होता है।

स्तर:  सामान्य

अवधि: पांच से दस मिनट तक

दोहराव:  नहीं

नमूना: सूत, सूत, सूत, सूत।

मजबूत संरचनाएं हैं: पैर और पीठ।

वज्रासन कैसे करें (How to do Vajrasana in Hindi):-

वज्रासन जिसे डायमंड पोजिशन के नाम से जाना जाता है, इस आसन का अभ्यास करना बहुत आसान है, वज्रासन कैसे करें, वज्रासन करने की सही विधि क्या है इसके बारे में नीचे दिए गए लेख में बताया गया है।

वज्रासन (डायमंड प्लांट) के फायदे और नुकसान, करने की विधि, जानें।


  • वज्रासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले ग्राउंड योग प्लांट मैट ले।
  • अब आप म्यूजिक पर पीछे की ओर मुड़कर बैठ गए।
  • अब अपने विश्विद्यालय को अपनी एड़ी पर रखें। 
  • ध्यान रहे कि आपके दोनों पैर की एंडी एक दूसरे को वापस नहीं लेना चाहिए। जबकि फिलिस्तीन के हुक्मरान एक दूसरे से छुटे हुए थे।
  • इस दौरान उनके सर, बॉस और बॉस की ज्वैलर्स को एक सीध में रखा गया।
  • और अपने साथियों को अपने साथियों पर रखें। 
  • अब सामान्य सांस लेते हुए आप कुछ देर तक इस राज्य में रहेंगे।

वज्रासन के फायदे (Benefits of Vajrasana in Hindi):-

 वज्रासन जिसे डायमंड प्लांट के नाम से भी जाना जाता है, इस योग का अभ्यास करना बहुत ही आसान है, यह बहुत ही चमत्कारिक है इस आसन को करने से आप मिल सकते हैं, नीचे वज्रासन के फायदों के बारे में विस्तार से दी गई जानकारी दी गई है गए हैं:

वज्रासन का चित्र

1. पाचन तंत्र के लिए वज्रासन:

पाचन तंत्र खराब होने के कारण हमें पेट से संबंधित बीमारियाँ जैसे गैस, एसिडिटी, अपच, पेट फूलना, पेट साफ न होना आदि समस्या हो सकती है, इन सभी समस्याओं के लिए वज्रासन योग बताया गया है। एक शोध में इस बात की पुष्टि देखने को मिली है कि वज्रासन के अभ्यास से पाचन अंगो में रक्त का संचार सही तरीके से होता है, जिस कारण से पाचन तंत्र ठीक तरीके से काम करता है, और योग विशेषज्ञ के आसन इस के अभ्यास से पाचन क्रिया तेज होती है।

2. हृदय के लिए वज्रासन:

हृदय को स्वस्थ बनाए रखने के लिए योग को एक बेहतर विकल्प माना जाता है, योग विशेषज्ञ का कहना है कि नियमित रूप से वज्रासन का अभ्यास करने वाले व्यक्ति को हृदय से संबंधित खतरे का खतरा कम हो जाता है, वज्रासन पर एक शोध किया गया है। इस बात की पुष्टि करने वाली बात यह है कि इस आसन के दैनिक अभ्यास से हमारे दिल को ऑक्सीजन युक्त रक्त का संचार होता है, जिससे दिल की सभी शक्तियां स्वस्थ और सही तरीके से काम करती हैं।


3. मधुमेह के लिए वज्रासन:

मधुमेह के लिए  वज्रासन योग बहुत होता है, योग विशेषज्ञ के जिन लोगों को भी शुगर होती है, उन लोगों को रोजाना वज्रासन का अभ्यास करना चाहिए, वज्रासन का अभ्यास करने से पेट के अंग खराब होते हैं, और वज्रासन का अभ्यास करना चाहिए मधुमेह के स्राव को नियंत्रित किया जा सकता है। नियमित योगाभ्यास के साथ नियमित योगाभ्यास पर नियंत्रण भी जरूरी है।

4. मजबूत हड्डियों के लिए:

वज्रासन योग को मजबूत बनाने के लिए बहुत ही बेहतरीन योगाभ्यास माने जा सकते हैं, योग विशेषज्ञ कहते हैं कि रोजाना इस योग का अभ्यास करने से नितंब के मसल्स, रीढ़ की हड्डियों के मसल्स, पेट के मसल्स और आस-पास के मसल्स, मासूम का जन्म होता है, जिसके कारण से ये सभी मांसपेशियां मजबूत और स्वस्थ्यदिशाएं हैं।


5. दर्द से राहत दिलाने में सहायक:

अगर किसी के हाथ या पैर में दर्द या अकड़न की समस्या है तो सभी लोग वज्रासन का अभ्यास कर सकते हैं। वज्रासन का अभ्यास एक अध्ययन के अनुसार, प्रतिदिन इस आसन के अभ्यास से हाथ और पैर के दर्द से राहत मिल सकती है। यह आसन हांथ, पैरों के दर्द के साथ ही राहत पा सकता है यह आसन हांथ, पैर के दर्द से ही राहत पा सकता है। रिसर्च में यह भी बताया गया है कि साइटिका के दर्द और गठिया से संबंधित दर्द को भी कम करने के लिए वज्रासन से लाभ उठाया जा सकता है।


6. सही तरीके से रक्त संचार में :

हमारे शरीर में अगर रक्त के सही तरीकों से संचार न हो तो हमें कई सारी बीमारियाँ होती हैं जैसे- हृदय संबंधी बीमारी, रक्त संबंधी विकार आदि हो सकते हैं, वज्रासन योग को रक्त के संचार में माना जाता है क्योंकि, यह आसन पेट से होता है। ऊपरी भाग और उसके नीचे के भाग यानी पेल्विक भाग में रक्त संचार हो सकता है। जिस कारण से पेट और पेलविक दोनों से संबंधित अंग में रचना उत्पन्न होती है। साथ ही जब हम इस आसन को करने के लिए डायन फ्लेक्सकर की कहानी कहते हैं, तो रक्त तीर्थ से लेकर हृदय तक अच्छे से संचार करते हैं

7. मस्तिष्क के लिए:

वज्रासन का अभ्यास केवल हमारे शरीर को मजबूत बनाता है, बल्कि यह हमारे मस्तिष्क के लिए होता है, योग विशेषज्ञ के अनुसार प्रतिदिन वज्रासन का अभ्यास करने से मन शांत और एकाग्र होता है, साथ ही यह हमारे मस्तिष्क में आने वाले नकारात्मक विचारों को भी खत्म करता है। करता है, इस आसन के अभ्यास से हम मानसिक तनाव से मुक्त हो जाते हैं, क्योंकि हमें अवसाद या मानसिक बीमारियाँ नहीं होती हैं।


8. वजन कम करने में:

पेट की चर्बी कम करने के लिए इस योगाभ्यास को करना भी जरूरी है, योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन का अभ्यास करने से हमारी पाचन क्रिया सही तरीकों से होती है, और ये हमारे पेट की चर्बी को कम करने के लिए उपयुक्त है। मदद करता है, पेट की चर्बी या पूरे शरीर का वजन कम करने के लिए इस आसन के साथ ही भुजंगासन, पवनमुक्तासन, धनुरासन आदि करें तो वजन कम करना होगा और भी आसन करना होगा।

वज्रासन की सावधानियां (Precautions of Vajrasana in Hindi):-

वज्रासन, जिसे थंडरबोल्ट पोज़ या डायमंड पोज़ के रूप में भी जाना जाता है, इस आसन को करने में सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है:

वज्रासन (डायमंड प्लांट) के फायदे और नुकसान, करने की विधि, जानें।


 1. वार्म-अप करना: 

वज्रासन का अभ्यास करने से पहले, वज्रासन का अभ्यास करना, संयोजन और जोड़ों, बेचैनी और टखनों को ठीक करना के लिए वार्म-अप व्यायाम करना खतरनाक होता है। यह मुद्रा के दौरान किसी भी तनाव या मंदी के दौरान मदद कर सकता है।

 2. धीरे-धीरे प्रगति करना:

 यदि आप वज्रासन में नए हैं, तो इस मुद्रा को धीरे-धीरे प्रगति में लाना बुद्धिमत्ता है। लगातार अभ्यास से, आप समय के साथ-साथ धीरे-धीरे मुद्रा की अवधि को बढ़ा सकते हैं।

 3.  सहारा:

 यदि आप वज्रासन का अभ्यास समय-समय पर करते हैं तो आपके शरीर के वजन को सहने के लिए आपके मस्तिष्क या योग ब्लॉक का उपयोग करने पर विचार करें। आपके नितांबों और एड्रीज़ के बीच मिल कॉम या ब्लॉक सेब्रेस को अधिक समान रूप से पोरिज करने में मदद मिल सकती है।

 4. उचित मार्गदर्शन लें:

 यदि आपके पास पहले से कोई ग्राउंड स्थिति या चोट है, तो वज्रासन का प्रयास करने से पहले एक उपयुक्त योग प्रशिक्षक या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना है।  

5. अपने शरीर की सुने:

 याद रखें, प्रत्येक व्यक्ति का शरीर अनोखा होता है, और जो एक व्यक्ति के लिए काम करता है वह दूसरे के लिए काम नहीं कर सकता। इसलिए, आपके शरीर की बात सिद्धांत, जागरूकता के साथ अभ्यास करना और मुद्रा को आपके आराम के स्तर के अनुसार अनुकूलित करना महत्वपूर्ण है।

वज्रासन के नुकसान (Disadvantages of Vajrasana in Hindi):-

वैसे वज्रासन का अभ्यास करने से आपको बहुत सारे फायदे देखने को मिल सकते हैं, लेकिन अगर आपने उपरोक्त बातों का ध्यान नहीं रखा है तो आपको इसके फायदे की जगह नुकसान भी देखने को मिल सकते हैं:

वज्रासन (डायमंड प्लांट) के फायदे और नुकसान, करने की विधि, जानें।


  • शुरुआत में वज्रासन के चरण में बैठने में बहुत ही कम समय लगता है। आसन में बैठने से लेकर पीठ तक दर्द हो सकता है।
  • किसी व्यक्ति को वज्रासन नहीं करना चाहिए।
  • बिज़नेस की हड्डी या हड्डी पर बहुत अधिक दबाव ना डालें।
  • शुरुआत में दर्द होने पर कम समय के लिए करें यह आसन।
  • जिसमें बिजनेसमैन की हड्डियों में कोई परेशानी नहीं होनी चाहिए।
  • दर्द में दर्द, या गठिया की समस्या हो तो प्यासा भी इस आसन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओं को इस आसन के अभ्यास से बचना चाहिए।
  • अगर आपका पैग, व्यायाम, घुटने पर चोट लगी हो या आपका अभी ऑपरेशन हुआ हो तो इस आसन का अभ्यास करने से बचें।
  • पैर, टखने या पीठ में दर्द हो तो आसन से हटना चाहिए।
  • हरनिया, नासिका के अल्सर या पेट में किसी तरह की समस्या हो तो प्रशिक्षक की निगरानी में ही इस आसन का अभ्यास करें।


सुप्त वज्रासन क्या है?

सुप्त वज्रासन, वज्रासन का ही एक रूप है, वज्रासन के एडवांस लॉन्च को ही सुप्त वज्रासन (सुप्त वज्रासन) कहा जाता है। सुप्त वज्रासन करने के लिए वज्रासन की मुद्रा में बैठने के बाद पीछे की तरफ झुककर हाथों और कोहनियों को जमीन से लटकाया जाता है। सुप्त वज्रासन शरीर के महत्वपूर्ण आंतरिक अंगों में रक्त परिसंचरण (ब्लड सर्कुलेशन) को बेहतर बनाता है। यह आसन, घाटी की पीठ, मोती की माला को मजबूत बनाने में भी सहायता कर सकता है। जो महिलाएं मासिक धर्म की समस्या से जूझ रही हैं उनके लिए भी यह आसन हो सकता है।

खाना खाने के बाद वज्रासन कितनी देर करना चाहिए?

वज्रासन जिसे डायमंड पोज (डायमंड पोज) के नाम से जाना जाता हैं, इस आसन को खाना खाने के तुरंत बाद किया जा सकता हैं, हालाकि अधिकतर सभी योगआसन खाली पेट करने की सलाह दी जाती है। लेकिन, वज्रासन एक अपवाद है, वज्रासन का अभ्यास खाना खाने के बाद पंद्रह मिनट तक किया जा सकता है।

वज्रासन कब करना चाहिए?

वज्रासन अकेला एकमात्र ऐसा आसन है, जिसे भोजन करने के बाद भी किया जा सकता है, वज्रासन का अभ्यास दोपहर में खाने के बाद, या रात में खाने के बाद भी किया जा सकता है, भोजन के बाद इस आसन का अभ्यास करने से पाचन क्रिया मजबूत बनता है, इसके साथ ही यह पेट से संबंधी बीमारी जैसे, गैस, एसिडिटी, या अपच की समस्या को ठीक कर सकता हैं, वज्रासन का अभ्यास सुबह के वक्त या खाली पेट भी किया जा सकता है।

वज्रासन किसे नहीं करना चाहिए?

वज्रासन का अभ्यास करने के लिए घुटनों के बल बैठना होता है और उन पर शरीर का भार डालना होता है। यदि आपको घुटने से संबंधित कोई समस्या है, जैसे चोट या पुराना दर्द, तो यह मुद्रा आपके घुटनों पर और अधिक दबाव डाल सकती है। अपने शरीर की बात सुनना महत्वपूर्ण है और यदि इससे असुविधा या दर्द होता है तो वज्रासन का अभ्यास करने से बचें।

वज्रासन कितनी देर करना चाहिए?

वज्रासन जिसे हीरा आसन या थंडरबोल्ट पोज़ के नाम से भी जाना जाता हैं, इस आसन को करना बिलकुल भी आसन माना जाता हैं, अगर आप वज्रासन के शुरुआती दौर में है, तो ऐसे में आप इस आसन का अभ्यास तीन मिनट से पांच मिनट तक कर सकते है, क्योंकि अत्यधिक देर तक इस मुद्रा में बैठने पर आपके घुटने में दर्द की समस्या हो सकती है, परंतु जैसे-जैसे आप इस आसन को करने में अनुभवी हो जाए तो आप इस आसन की अवधि को धीरे धीरे बढ़ाकर दस से पंद्रह मिनट तक कर सकते है।

निष्कर्ष (conclusions):

वज्रासन योग जिसे हीरा पोस्ट के नाम से भी जाना जाता है, इस आसन का अभ्यास करना बहुत ही आसान है, वज्रासन योग के अभ्यास से व्यक्तिगत शारीरिक और मानसिक अभ्यास से स्वस्थ रहा जा सकता है, ऊपर दिए गए इस लेख में आप वज्रासन के फायदे जान सकते हैं। वज्रासन कैसे करें, वज्रासन के नुकसान और वज्रासन से जुड़ी सावधानियां क्या हैं, इन सभी बातों की जानकारी दी गई है, उम्मीद है कि आपको वज्रासन पर लिखा यह लेख पसंद आया होगा, लेकिन अगर आप स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में बताएं। प्रश्न में मैं आपकी वेबसाइट के उत्तर की पूरी कोशिश कर सकता हूँ धन्यवाद!

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