साइनस नाक से संबंधित बीमारी है, हमारे आयुर्वेद चिकित्सा में इसे प्रतिश्याय नाम से भी जाना जाता है। साइनस की समस्या बैक्टेरिया और संक्रमण के कारण भी हो सकता है, साइनस की समस्या होने पर व्यक्ति को नाक बंद होना, पूरे सिर या फिर आधे सिर में दर्द होना, नाक से पानी गिरना, चेहरे पर सूजन होना, जैसे लक्षण देखने को मिल सकते है, ऐसे में सांस लेने में भी परेशानी हो सकती है, यदि साइनस की समस्या साल में एक से दो बार हो रही है, तो ये कोई बड़ी बात नहीं है, प्रति यदि ये परेशानी आपको बार बार और लंबे समय तक बनी रहती हैं तो ये एक चिंता का विषय हो सकता है। आज हम इस लेख में साइनस क्यों होता हैं, इसके कारण, लक्षण और चुटकियों में हो सकता है साइनस का इलाज अगर अपनाएंगे ये टिप्स के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे, पूर्ण जानकारी के लिए लेख में अंत तक बने रहे।
साइनस क्या है (what is sinus in Hindi):-
हमारे नाक के आसपास चेहरे की हड्डियों के भीतर नम हवा के लिए कई छिद्र स्थान होता हैं, जिसे साइनस (sinus) या साइनसाइटिस (Sinusitis) कहते हैं। ये छिद्र सांस लेने में हमारी मदद करते हैं और सिर को हल्का रखते हैं। जब इन छिद्रों में किसी कारणवश गतिरोध पैदा होता है, तब साइनस की समस्या उत्पन्न होती है। साइनस की समस्या कारण, मुख्यत साइनस के संक्रमण होने जैसे सर्दी, जुकाम होने पर साइनस की झिल्ली में सूजन आ जाती है। इस सूजन के कारण हवा के स्थान पर साइनस में बलगम या मवाद आदि भर जाता है, जिससे साइनस बंद होने लगते है। साइनस के बंद होने के कारण से सिर में दर्द की समस्या, नाक से पानी बहने आदि की समस्या हो सकती है, साइनस की समस्या होने का मुख्य कारण नाक की हड्डी का बड़ा होना, या तिरछा होने के कारण से भी हो सकता हैं, जिस कारण से व्यक्ति को बार सर्दी जुकाम की समस्या हो सकती है, भारतीय वैज्ञानिक सुश्रुत एवं चरक के अनुसार सही समय पर इसका इलाज न करने से साइनस रोग आगे जाकर खतरनाक रूप में बदल सकता हैं जिससे अन्य रोग भी जन्म लेने लगते हैं।
साइनस कितने प्रकार के होते हैं (How many types of sinuses are there in Hindi):-
साइनस लक्षण के आधार पर चार प्रकार के होते हैं।
तीव्र साइनोसाइटिस (Acute sinusitis)- इस प्रकार के साइनस में, साइनस की समस्या अचानक शुरू हो जाती और दो से चार हफ्तों तक यह समस्या बनी रहती है।
कम तीव्र साइनोसाइटिस (Sub Acute sinusitis)- इस प्रकार के साइनस की समस्या कम तीव्र होती है, और साइनस में सूजन चार से बारह हफ्तों तक रह सकता है।
क्रॉनिक साइनस संक्रमण (Chronic sinusitis)- इस तरह के साइनस संक्रमण में बारह हफ्तों से अधिक समय तक लक्षण देखने को मिल सकते है।
रीकरंट साइनसाइटिस (Recurrent sinusitis)- इस प्रकार के साइनस में रोगी को सालभर या बार-बार ये समस्या हो सकती है।
साइनस के लक्षण (sinus symptoms in Hindi):-
अगर आपको साइनस की समस्या है तो आपको निम्न लक्षण देखने को मिल सकते है जैसे कि:
- सिर के आधे भाग या फिर पूरे सिर में दर्द का अनुभव होना।
- नाक से लगातार पानी का बहाना, या नाक बंद होना।
- साइनस के दौरान बुखार, बेचैनी, या घबराहट महसूस होना।
- आवाज में बदलाव होना, या आवाज का भारी होना।
- आंख के ऊपरी भागों में दर्द या आंख में जलन महसूस होना।
- खाने पीने की चीजों में कोई स्वाद का ना मिलना, या सुघने की शक्ति कमजोर होना।
- कमजोरी या थकान महसूस होना।
- दांतो मे दर्द होना।
- लगातार खांसी का आना, या तेज खांसी आना।
साइनस क्यों होता है (why does sinus happen in Hindi):-
साइनस का सबसे सामान्य कारण बार बार सर्दी जुकाम को माना जाता है, बार बार सर्दी जुकाम के कारण नाक निरंतर बहता रहता है या फिर बंद हो जाता है , बार बार जुकाम होने का कारण वायरल इन्फेक्शन, अत्यधिक धूल या गंदगी में कार्य करने से हो सकता है, क्योंकि ये एक प्रकार का संक्रामक होता है, जो किसी और के द्वारा भी ये आपको संक्रमित कर सकता है। नीचे लेख में साइनस की समस्या उत्पन्न करने वाले कौन कौन से कारक इसके बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई हैं:
नाक की हड्डी बढ़ना:-
नाक की हड्डी बढ़ने के वजह से भी साइनस की परेशानी हो सकती है। दरअसल, बचपन या युवा अवस्था में नाक पर चोट लगने या किसी दबाव के कारण नाक की हड्डी मुड़ जाती है, जिससे नाक की हड्डी बड़ी या टेडी दिखाई देने लगती है। हड्डी का इस परिवर्तन के कारण नाक के छिद्र को प्रभावित करता है, जिससे साइनस की समस्या हो सकती है।
खान-पान:-
गलत खान पान और जीवनशैली में बरती लापरवाही के कारण भी साइनस की समस्या हो सकती है। अत्यधिक मात्रा में भोजन के कारण व पौष्टिक तत्वों की कमी होने के कारण पाचन तंत्र खराब हो जाता है, जिस कारण से साइनस की समस्या बन सकती है।
प्रदूषण:-
साइनस की समस्या का कारण प्रदूषण भी हो सकता है। अत्यधिक प्रदूषण वाले स्थानों में रहने, या ऐसी जगह जहां पर धूल, धुआं, स्मॉग और दूषित वायु आदि की मात्रा ज्यादा पाई जाती हैं। तो ऐसे में साइनस की समस्या बढ़ सकती है।
एलर्जी:-
कुछ लोगों को नाक से संबंधी एलर्जी की दिक्कत होती है। बाहर की दूषित वायु, धूल के संपर्क में आते ही यह समस्या और भी बढ़ जाती है। कुछ लोगों को नाक से संबंधी एलर्जी मौसम में बदलाव के कारण भी होती है। सर्दियों मे सिर दर्द, आवाज में बदलाव, बार बार जुकाम होना आदि समस्या आम हैं, लेकिन जब ये समस्या बार बार हो तो इसे हल्के में न लें। ये समस्या ही साइनस के साथ दस्तक देता है।
अस्थमा:-
अस्थमा स्वास से संबंधी बीमारी है, जो हमारे फेफड़ों और श्वास नलियों को प्रभावित करता है। अस्थमा या दमा से पीड़ित रोगी ठीक प्रकार से सांस नहीं ले पाता, इन हालातों में मरीज को साइनस की समस्या होने के खतरा बढ़ जाता हैं।
साइनस में क्या खाना चाहिए (what to eat in sinus in Hindi):-
साइनस से बचने या सुधार लाने के लिए आप रोजाना अपने भोजन में निम्न चीजों का सेवन कर सकते हैं।
- खजूर, किशमिश, सेब, सोंठ, अजवायन, हींग, लहसुन, लौकी, कद्दू, मूंग के दाल का सेवन करें।
- सुबह खाने से पहले या खाने के बाद रोजाना एक आंवला का सेवन जरूर करें।
- साइनस से संक्रमित होने के दौरान, आहार में फलियां, साबुत अनाज, दालें, हल्की पकी हुई सब्जियाँ, सूप और जैतून का तैल का सेवन जरूर करें।
- अपने आहार मे शिमला मिर्च, प्याज को आहार में शामिल करें, ये अतिरिक्त म्यूकस को पतला करके निकालने में मदद करते हैं।
- अत्यधिक पेय पदार्थों का सेवन करे, खुद को हाइड्रेट रखने के लिए खूब पानी का सेवन करें।
- रोजाना हल्के गुनगुने पानी से नहाएं।
- साइनस से जूझ रहे मरीज को चिकन सूप पीना चाहिए क्योंकि इसमें पाए जाने वाले ऐमिनो ऐसिड साइनस को ठीक करने में मदद करता है।
- हरी पत्तेदार सब्जियां, टमाटर, संतरे और पीले फलों में मौजूद विटमिन ए भी साइनस में फायदा पहुंचाता है।
- विटामिन सी वाले जूसी फ्रूट्स जैसे अंगूर, संतरा और नींबू साइनस की समस्या को दूर करता है।
साइनस के दौरान क्या न खायें (What not to eat during sinus in Hindi):-
साइनस से बचने के लिए आप निम्न चींजो का सेवन बिल्कुल भी ना करे:
म्यूकस या बलगम बनाने वाले खाद्य पदार्थ जैसे कि मैदे के बने समान, अण्डे, चॉकलेट्स, तले भुने हुई चींजे, मसालेदार भोजन, अत्यधिक तीखा भोजन, प्रोसेस्ड आहार, शक्कर की बनी हुई चींजे, डेरी प्रोडक्ट, शराब, गन्ने का जूस, कोल्ड ड्रिंक, दही, चावल, केला, आइसक्रीम, जैसी चींजे खाने से बचें।
चुटकियों में हो सकता है साइनस का इलाज अगर अपनाएंगे ये टिप्स (Sinus can be cured in a jiffy if you adopt these tips in Hindi):-
साइनस जो की नाक से संबंधित बीमारी है, इस बीमारी का होने का मुख्य कारण बार बार सर्दी जुकाम की समस्या होने के कारण भी हो सकता है,चुटकियों में हो सकता है साइनस का इलाज अगर अपनाएंगे ये टिप्स के बारे में आप नीचे बताए गए उपायों को आजमा सकते है,
1. तुलसी का इस्तेमाल करें:-
तुलसी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट गुण के कारण यह सर्दी जुकाम खांसी, और साइनस जैसी समस्या में लाभकारी होता हैं, साइनस की समस्या दूर करने के लिए आप रोज सुबह चार से छह पत्तियां तुलसी के चबा सकते है, इसके अलावा आप एक गिलास पानी में तुलसी केचर से छह पत्तो को डालकर तब तक गर्म करें जब तक पानी आधा ना हो जाए। अब इस पानी को हल्का गुनगुना होने के बाद चाय की तरह एक एक घूंट करके पी ले।
2. काली मिर्च का इस्तेमाल करें:-
काली मिर्च के इस्तेमाल से भी सर्दी, जुकाम और साइनस की समस्या को दूर किया जा सकता है, इन समस्याओं को दूर करने के लिए आप काली मिर्च के सूप का सेवन कर सकते है, काली मिर्च के सेवन से बलगम सुख जाति है, और सूजन से भी आराम मिलता है, इसके अलावा आप काली मिर्च के चाय का भी सेवन कर सकते हैं.
3. अदरक का इस्तेमाल करें:-
अदरक में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण, साइनस की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है. इस समस्या को दूर करने में आप अदरक की चाय का सेवन कर सकते हैं, इसके अलावा आप एक गिलास पानी में एक छोटा टुकड़ा अदरक डालकर गर्म कर लें, इसे आप इतना गर्म करें की पानी आधा हो जाए, फिर अदरक के पानी को छानकर उसका सेवन करें. ऐसा करने से साइनस की समस्या से राहत मिलती है।
4. भाप का इस्तेमाल करें:-
साइनस के दर्द से निपटने के लिए भाप का इस्तेमाल करना सबसे पुराना और प्रभावी घरेलू उपाय है। भाप का इस्तेमाल करने से नाक के मार्ग को खोलने में मदद कर सकता है, इसके अलावा साइनस से राहत मिलता है। भाप विधि के लिए आप एक पतीला में पानी भर लें, उसके बाद इसे तब तक गर्म करें जब तक पानी खौलने ना लगे, अब इस खौलते पानी को एक बड़े कटोरे में डाल लें, उसके बाद अपने सिर पर एक तौलिया रखें और इस बात का ध्यान रखे कि आपका सिर सीधे पानी से ऊपर है।
5. दालचीनी का इस्तेमाल करें:-
साइनस की समस्या को दूर करने के लिए दालचीनी का इस्तेमाल बहुत ही लाभकारी होता हैं, एक गिलास पानी में एक छोटा चम्मच दालचीनी पाउडर डालकर अच्छे से गर्म कर लें उसके बाद करें ले इसके बाद इसका सेवन दिन में एक बार ही करें। इस उपाय को पंद्रह दिन तक आजमाने पर आपको ज़रूर आराम मिलेगा।
6. ट्री ट्री ऑयल का इस्तमाल करें:-
ट्री–ट्री ऑयल का इस्तेमाल भी साइनस की समस्या को दूर करने में मदद कर सकता है, क्योंकि इसमें एंटी–माइक्रोबियल, एंटी–सेप्टिक, और एंटी–इंफ्लैमटोरी गुण पाए जाते हैं, जो साइनस के कारण होने वाले सिर के दर्द को ठीक करने में मदद करते है। इसे इस्तेमाल में लेने के लिए आप ट्री–ट्री ऑयल की तीन से चार बूंद को भाप निकलते हुए अर्थात गरम पानी में डालकर उस पानी की भाप लेनी चाहिए। इस उपाय को आप दिन में दो से तीन बार कर सकते है, ऐसा करने से आपको साइनस की समस्या से जल्द राहत मिलती है।
7. नींबू का इस्तेमाल करें:-
नींबू को भी साइनस की समस्या के लिए भी फायदेमंद माना जाता हैं, नींबू में विटामिन सी, और एंटी ऑक्सीडेंट गुण साइनस की समस्या को दूर करने के साथ ही आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद करता हैं, इस समस्या को दूर रखने के लिए एक गिलास गुनगुने पानी में एक नींबू निचोड़ कर उसमें एक चम्मच शहद मिलाकर पी जाए। इसे सुबह दो से तीन हफ्ते रोजाना पीने से साइनस की समस्या दूर होती है।
8. मेथी दाना का इस्तेमाल करें:-
साइनस की समस्या को दूर करने के लिए मेथी दाना का उपयोग भी बहुत ही लाभकारी होता है, इसे उपयोग में लाने के लिए एक गिलास पानी में दो से तीन छोटे चम्मच मेथी दाना को डालकर अच्छे से लगभग दस मिनट तक धीमी आंच में उबाल लें, उसके बाद इसे छानकर थोड़ा ठंडा होने के बाद पी ले, ऐसा एक से दो हफ्ते रोजाना पिए, ये आपकी साइनस की समस्या को दूर करने में मदद करेगा।
9. लहसुन और प्याज का इस्तेमाल करें:-
लहसुन और प्याज साइनस से ग्रसित रोगियों के लिए एक रामबाण औषधि है। अगर आप साइनस से ग्रसित रोगी है तो आप इन दोनो चीजों को अपने भोजन में जरूर शामिल करें, इन्हे खाने से आपके शरीर में बलगम बनने की समस्या खत्म होने लगती है, इसके अलावा लहसून प्याज को उपयोग में लाने के लिए आप इन दोनो को पानी में अच्छे से उबाल लें और जब भाप निकलने लगे तो इस भाप को सांस के द्वारा अंदर ले, इससे भी साइनस के लक्षणों में कमी देखने को मिल सकती है।
10. ज्यादा से ज्यादा आराम करें:-
साइनस दर्द से पीड़ित होने पर, आप अत्यधिक भागदौड़ भरे कार्य ना करें, जितना हो सके उचित आराम करे और अपने आप को तनाव से मुक्त रखने की कोशिश करें। साइनस के इन्फेक्शन से ग्रसित होने पर, जल्दी से जल्दी ठीक होने का सबसे अच्छा तरीका उचित आराम करना और अच्छी नींद लेना।
नोट: आप इन 10 घरेलू उपचार में से एक समय में एक ही उपाय इस्तेमाल करें, दसों घरेलू उपचार को एक साथ ना अपनाए।
निष्कर्ष (conclusions):-
इस लेख में आपको साइनस क्या है, साइनस क्यों होता हैं, साइनस के लक्षण, चुटकियों में हो सकता है साइनस का इलाज अगर अपनाएंगे ये टिप्स के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई है, उम्मीद है कि आपको मेरा यह लेख पसंद आया होगा परंतु फिर भी अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हरे कृष्णा हेल्थ केयर एंड फिटनेस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
0 टिप्पणियाँ