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प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से फल खाने चाहिए। और क्या नही खाना चाहिए

एक स्वस्थ व्यक्ति के लिए जरूरी होता हैं कि उसके शरीर में प्लेटलेट्स (platelets) की संख्या सही मात्रा में हो, अगर व्यक्ति के शरीर में प्लेटलेट्स की मात्रा कम हो जाती हैं तो व्यक्ति को कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ता है,दरअसल प्लेटलेट्स खून का एक हिस्सा है जो खून को थक्का बनाने में मदद करता है। प्लेटलेट्स (platelets) ऐसी ब्लड सेल्स होती हैं जो चोट लगने पर ब्लीडिंग को रोकने में मदद करता हैं। शरीर मे प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर व्यक्ति को थ्रोम्बोसाइटोपेनिया नामक बीमारी का सामना भी करना पड़ सकता है। आज हम इस लेख में प्लेटलेट्स कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए? और प्लेटलेट्स से संबंधित कुछ महत्वपूर्ण टिप्स के बारे में बात करेंगे।

प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से फल खाने चाहिए। और क्या नही खाना चाहिए

प्लेटलेट्स के कार्य (functions of platelets in Hindi):- 

प्लेटलेट्स हमारे रक्त में एक छोटे सुपरहीरो होते हैं जो रक्त के थक्के जमने और घाव भरने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके कुछ महत्वपूर्ण कार्य हैं:


 1. थक्का बनना (Clotting):

 जब हमें कोई कट या चोट लगती है, तो प्लेटलेट्स उस जगह पर पहुंच जाते हैं और आपस में चिपक जाते हैं, जिससे थक्का बन जाता है। यह थक्का रक्तस्राव को रोकने और अत्यधिक रक्त हानि को रोकने में मदद करता है।


 2. प्लग निर्माण Plug Construction:

 प्लेटलेट्स क्षतिग्रस्त रक्त वाहिका के स्थान पर एक अस्थायी प्लग बनाने में भी मदद करते हैं। वे क्षतिग्रस्त क्षेत्र से चिपक जाते हैं और एक साथ बंध जाते हैं, जिससे एक जाल जैसी संरचना बन जाती है जो बर्तन को सील करने में मदद करती है।


 3. वृद्धि कारकों का विमोचन (release of growth factors):

 प्लेटलेट्स वृद्धि कारकों के लिए छोटी भंडारण इकाइयों की तरह हैं। सक्रिय होने पर, वे इन विकास कारकों को छोड़ते हैं, जो कोशिका वृद्धि और ऊतक की मरम्मत को प्रोत्साहित करने में मदद करते हैं, उपचार प्रक्रिया में सहायता करते हैं।


 4. प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (immune response): 

प्लेटलेट्स प्रतिरक्षा प्रतिक्रियाओं में भी शामिल हो सकते हैं। वे श्वेत रक्त कोशिकाओं जैसे प्रतिरक्षा कोशिकाओं के साथ बातचीत कर सकते हैं, जिससे शरीर को रोगजनकों और संक्रमणों से बचाने में मदद मिलती है।


 5. संवहनी अखंडता को बनाए रखना (Maintaining vascular integrity): 

प्लेटलेट्स स्वस्थ रक्त वाहिकाओं के रखरखाव में योगदान करते हैं। वे ऐसे पदार्थ छोड़ते हैं जो रक्त वाहिका की दीवारों को बरकरार रखने और रक्त के अत्यधिक रिसाव को रोकने में मदद करते हैं।


 प्लेटलेट्स भले ही छोटे हों, लेकिन हमारे स्वास्थ्य को बनाए रखने में उनकी भूमिका बहुत बड़ी है! यह दिलचस्प है कि कैसे ये छोटी डिस्क के आकार की कोशिकाएं हमारे शरीर की उपचार प्रक्रियाओं का समर्थन करने के लिए मिलकर काम करती हैं।


प्लेटलेट्स की कमी के लक्षण (Symptoms of low platelets in Hindi):-

अगर आपके प्लेटलेट्स की संख्या में कमी हो गई है, तो आपको निम्न लक्षण देखने को मिल सकते हैं।

  • अत्यधिक थका हुआ महसूस करना।
  •  कमजोरी महसूस करना।
  • शरीर पर लाल, भूरे व जामुनी रंग के निशान होना। 
  • शरीर पर लाल व रंग के छोटे-छोटे दाने होना।
  • नाक से खून आना।
  • मसूड़ों से खून आना।
  • लंबे समय से घावों से खून बहना व इसका न रूकना।
  • मासिक धर्म के दौरान अधिक रक्तस्राव।
  • मलाशय से खून आना।
  • मल में खून आना।
  • श्वेत पेशाब या पेशाब में खून आना।

प्लेटलेट्स कम होने के कारण (due to low platelets in Hindi):-

प्लेटलेट्स कम होने के निम्न कारण देखने को मिल सकते हैं:


ऑटोइम्यून रोग:
 ऑटोइम्यून रोगों में जैसे लुपस ईरिथेमाटोसस, रेयनॉड्स रोग और आइडीओपैथिक ,थ्रॉम्बोसाइटोपेनिक रोग शामिल हैं। इन रोगों के कारण से भी प्लेटलेट्स की संख्या में कमी देखने को मिल सकते हैं।

जीवाणुजन्य संक्रमण: 
जीवाणुजन्य संक्रमण, जैसे कि डेंगू, मलेरिया, हाइवर, हेपेटाइटिस बी और सी, एचआईवी, जैसी बीमारी प्लेटलेट्स की संख्या को कम कर सकते है।

खून संबंधित रोग:
 खून संबंधिट बिमारिया जैसे कि लुकेमिया, अप्लास्टिक एनीमिया (aplastic anemia) ,एलोफिब्रोसिस, माइलोफिब्रोसिस, आदि के कारण से प्लेटलेट्स की संख्या कम हो सकती है।

इन्फेक्शन: 
कुछ इन्फेक्शन जैसे वायरस या बैक्टीरियल इन्फेक्शन के कारण भी प्लेटलेट्स की उत्पत्ति या उनके जीवनकाल पर प्रभाव पड़ सकता हैं।

दवाओं का सेवन:
 कुछ दवाओं का सेवन करने से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी देखने को मिल सकता है, जैसे कि केमोथेरेपी (chemotherapy), एंटीकांगुलेंट (anticoagulant) की कुछ उपयोगी दवाएं प्लेटलेट्स की संख्या को कम करने में मदद करता हैं।

प्लेटलेट्स बढ़ाने वाले फल (platelet boosting fruits in Hindi):-

प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर थ्रोम्बोसाइटोपेनिया (Thrombocytopenia) के नाम से भी जाना जाता है। प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर अधिकांश डॉक्टर एक अच्छे खान पान की सलाह देते हैं:


चुकंदर का प्रयोग करें:

चुकंदर एक जड़ वाली सब्जी हैं, चुकंदर में आयरन, एंटीऑक्सीडेंट और हेमोस्टेटिक जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं, चुकंदर का सेवन नियमित रूप से करने से प्लेटलेट्स की संख्या में तेजी से वृद्धि देखने को मिलती है, इसके साथ ही साथ यह इम्युनिटी को भी बढाने में मदद करता है। चुकंदर को आप जूस, सूप, सलाद किसी भी तरह से प्रयोग में ला सकते है। 


खजूर का प्रयोग करें:

खजूर एक ड्राई फ्रूट की श्रेणी में आता है, इसके प्रयोग से ब्लड प्लेटलेट्स काउंट बढ़ाने में बहुत ही मदद मिलती है। खजूर में आयरन के अतिरिक्त और भी कई पोषक तत्व शामिल होते हैं। अगर आप भी अपने प्लेटलेट्स को बढ़ाना चाहते हैं तो सुबह खाली पेट खजूर का सेवन शुरू कर दें।

प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से फल खाने चाहिए। और क्या नही खाना चाहिए

साबुत अनाज का प्रयोग करें:

प्लेटलेट्स की संख्या में कमी होने पर साबुत अनाज का प्रयोग कर सकते हैं, साबुत अनाज, जैसे- जौ, मक्का, गेहूं आदि में भी ऐसे कई विटामिन और पोषण मौजूद होते हैं जो ब्लड प्लेटलेट्स की संख्या को तेजी से बढ़ाने में मदद करते हैं। 


अनार का प्रयोग करें:

अनार का प्रयोग प्लेटलेट्स की संख्या में वृद्धि करने में लाभकारी माना जाता हैं, क्योंकि अनार में एंटीऑक्‍सीडेंट, एंटी-इंफ्लामेटरी गुण होते हैं, इसके साथ ही इसमें इम्युनिटी बढ़ाने वाले पोषक तत्व भी शामिल हैं। अगर आप भी प्‍लेटलेट्स की कमी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में आप रोजाना अनार का सेवन कर सकते हैं, अनार का प्रयोग आप छीलकर या फिर अनार के जूस, के भी रूप में कर सकते है।

प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने के लिए कौन-कौन से फल खाने चाहिए। और क्या नही खाना चाहिए

पपीता का प्रयोग करें:

पपीता एक ऐसा फल है जिसकी पत्तियां, में भी प्लेटलेट्स की संख्या बढ़ाने की क्षमता होती है, प्‍लेटलेट्स कम होने पर अधिकांश डॉक्टर सबसे पहले और सबसे ज्यादा पपीता खाने की सलाह देते है। क्योंकि इस फल का असर बहुत जल्द देखने को मिलता है। पपीता की पत्तियों से निकले रस का इस्तेमाल डेंगू के मरीजों को भी पीने की सलाह दी जाती है। 


जामुन का प्रयोग करें:

 स्ट्रॉबेरी, ब्लूबेरी, रास्पबेरी और ब्लैकबेरी जैसे जामुन एंटीऑक्सिडेंट और विटामिन सी से भरपूर होते हैं। ये पोषक तत्व समग्र रक्त स्वास्थ्य का समर्थन करने में भूमिका निभाते हैं और संचार प्रणाली के विभिन्न पहलुओं पर सकारात्मक प्रभाव डाल सकते हैं।


खट्टे फल का प्रयोग करें:

 संतरे, अंगूर, नींबू और नीबू जैसे खट्टे फल अपनी उच्च विटामिन सी सामग्री के लिए जाने जाते हैं। विटामिन सी कोलेजन उत्पादन में शामिल है, जो रक्त वाहिका स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है और अप्रत्यक्ष रूप से प्लेटलेट फ़ंक्शन का समर्थन करता हैं।


प्लेटलेट्स कम होने पर क्या नहीं खाना चाहिए (what not to eat when platelets are low in Hindi):-

कम प्लेटलेट स्तर से निपटने के दौरान, स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के मार्गदर्शन का पालन करना महत्वपूर्ण है, क्योंकि वे आपकी व्यक्तिगत स्थिति के आधार पर विशिष्ट आहार संबंधी सिफारिशें प्रदान कर सकते हैं। हालाँकि, ध्यान में रखने योग्य कुछ सामान्य बातें हैं:


 1. चोट लगने वाले खाद्य पदार्थों से बचें:

 कुछ खाद्य पदार्थ रक्त के थक्के जमने में बाधा डाल सकते हैं और रक्तस्राव के खतरे को बढ़ा सकते हैं। उन खाद्य पदार्थों को सीमित करने या उनसे बचने की सलाह दी जाती है जो अपने रक्त-पतला गुणों के लिए जाने जाते हैं, जैसे कि अदरक, लहसुन, हल्दी और कुछ प्रकार के मसाले। फिर से, वैयक्तिकृत सलाह के लिए अपने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।


 2. शराब का सेवन सीमित करें:

 शराब प्लेटलेट्स के उत्पादन और कार्य को प्रभावित कर सकती है, इसलिए आमतौर पर प्लेटलेट का स्तर कम होने पर शराब को सीमित करने या उससे बचने की सिफारिश की जाती है।


 3. कुछ दवाओं से सावधान रहें:

 कुछ दवाएं, जैसे कि एस्पिरिन और इबुप्रोफेन जैसी नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवाएं (एनएसएआईडी), प्लेटलेट फ़ंक्शन और रक्त के थक्के को प्रभावित कर सकती हैं। दवा के उपयोग के संबंध में अपने स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर के निर्देशों का पालन करें।


 4. कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों पर विचार करें:

 पर्याप्त कैल्शियम का सेवन सामान्य प्लेटलेट फ़ंक्शन का समर्थन कर सकता है। यदि आपके लिए उपयुक्त हो तो अपने आहार में कैल्शियम युक्त खाद्य पदार्थों को शामिल करें, जैसे डेयरी उत्पाद, पत्तेदार हरी सब्जियाँ और गढ़वाले पौधे-आधारित दूध के विकल्प।


5. पैकेज्ड फूड्स से बचें:

इन फूड्स को लंबे समय तक सुरक्षित रखने के लिए कई केमिकल डाले जाते हैं। समय के साथ इन फूड्स का पोषण धीरे धीरे कम होता जाता हैं। इसलिए ये फूड का सेवन करने से प्लेटलेट्स की संख्या में कमी देखने को मिल सकता है।


6. मीठे फूड्स से परहेज करें:

प्लेटलेट्स की संख्या कम होने पर चीनी युक्त फूड्स और ड्रिंक्स का सेवन कम से कम करें। इसके साथ ही कृत्रिम मिठाईया, कृत्रिम शहद और कृत्रिम फलों के जूस से भी इस दौरान परहेज रखे तो बेहतर होगा। 


7. मीट खाने से बचें:

प्लेटलेट्स में कमी होने के कारण हमारी पाचन क्रिया सही तरीके से नहीं हो पाती हैं, इस दौरान मीट, चिकन और मछली आदि खाने से बचें क्योंकि ये पचने में भारी होते हैं, साथ ही इनमें फैट भी अधिक होता है। इनका सेवन से शरीर में थकान बढ़ती है।

 

नार्मल प्लेटलेट्स कितनी होनी चाहिए (What should be the normal platelets in Hindi)?:-

 एक बूंद खून में प्लेटलेट्स की संख्या को प्लेटलेट्स काउंट या PLT कहा जाता है।

नॉर्मल प्लेटलेट्स रेंज:

हर व्यक्ति के अंदर प्रति माइक्रोलीटर खून में 1.5 लाख से 4.5 लाख प्लेटलेट्स नॉर्मल यानी सामान्य होते हैं।

लो प्लेटलेट्स रेंज:

प्रति माइक्रोलीटर खून में 1.5 लाख से कम प्लेटलेट्स होना लो प्लेटलेट्स रेंज की श्रेणी में आता है। 20 हजार से कम प्लेटलेट्स की संख्या मरीज के लिए जानलेवा हो सकता है।

हाई प्लेटलेट्स रेंज:

प्रति माइक्रोलीटर खून में पांच लाख से लेकर दस लाख प्लेटलेट्स की संख्या ज्यादा मानी जाती है।


प्लेटलेट्स बढ़ाने में कितना समय लगता है?

हेल्थ एक्सपर्ट के अनुसार अगर आप सही तरीके से इलाज और सही आहार ले रहे हैं, तो डेंगू होने के चार से पांच दिन बाद प्लेटलेट्स बनना शुरू हो जाता हैं, प्लेटलेट्स बढ़ने में ज्यादा से ज्यादा ये आठ से दस दिनों का समय लग सकता हैं।


निष्कर्ष (conclusions):-

इस लेख में प्लेटलेट्स से जुड़ी सभी बातों को अच्छे से बताने की कोशिश की गई है, परंतु फिर भी इस बात का ध्यान रहे अगर आपके प्लेटलेट्स में कमी है, तो ऐसे में आप डॉक्टर से परामर्श जरूर ले,

उम्मीद है कि आपको मेरा ये लेख पसंद आया होगा परंतु फिर भी अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!


अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हरे कृष्णा हेल्थ केयर एंड फिटनेस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।


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