कोरोना ने भारत को ही नही पूरे विश्व को आर्थिक रूप से कमजोर कर दिया है,2020 से लेकर आज तक करोना ने पूरे विश्व में हाहाकार मचा दिया है।
अभी पूरे विश्व कोरोना की महामारी से जूझ ही रहे है की तभी एक और खतरनाक वायरस ने एंट्री मार ली है जिसका नाम है( zombie virus )
अगर आप बॉलीवुड या हॉलीवुड मूवी देखते होंगे तो आप ने जरूर zombie का नाम तो सुना ही होगा zombie नाम से हॉलीवुड और बॉलीवुड दोनो में मूवी बन चुकी है।
फ्रांस के (National Center for Scientific Research) के दल ने बर्फ में दबे ऐसे दर्जनों वायरस का जिक्र किया था, जिसके बारे में दुनिया को जानकारी नहीं है। लेकिन जैसे बर्फ पिघल रही है वैसे ही वैज्ञानिकों द्वारा लगाया गया अनुमान सच साबित होता दिख रहा है। वैज्ञानिकों द्वारा लगाए गए अनुमान में जॉम्बी वायरस भी शामिल है। ये वायरस 48,500 साल पुराना है। इसी फ्रांस की टीम ने सन 2013 में 30 हजार साल पुराने वायरस का पता लगाया था। और अब जॉम्बी वायरस जो की उस वायरस से 18हजार 500 साल पुराना है। इस वायरस को जिंदा देख वैज्ञानिकों के पसीने छूट गए है।
जोंबी वायरस,ये वायरस बर्फ से भरे रूस के साइबेरिया इलाके में 48500 साल से दबा हुआ था और अब बाहर आ गया है। ये वायरस असल में जलवायु परिवर्तन के कारण बाहर आए है। लगातार बढ़ते प्रदूषण के कारण तापमान में वृद्धि से बर्फ पिघल रही है, जिससे कारण से वायरस अपने आप बाहर आ गया है।ज़ॉम्बी वायरस बर्फ की परत के नीचे मिले थे।लेकिन वैज्ञानिकों द्वारा इस वायरस को लैब में एक्टिव कर दिया गया है, लेकिन, सवाल यह है कि इसका नाम जॉम्बी वायरस क्यों है और ये हमारे लिए कितना खतरनाक साबित हो सकता है।
जॉम्बी वायरस क्या है (zombie virus)
Zombie virus का नाम रूस के वैज्ञानिकों के द्वारा पंडोरावायरस एडिमा (Pandoravirus Yedoma) रखा है।
जॉम्बी वायरस वे वायरस होते हैं जो बर्फ में जमे हुए होते हैं. डीप फ्रीज में रहते हुए, वे सीतनिद्रा की तरह होते हैं डीप फ्रीज मतलब बेहद कम तापमान,जिसके कारण से ये वायरस को निष्क्रिय कर देता है। परंतु जैसे ही बर्फ पिघलती है और तापमान बढ़ता है, वायरस जो वर्षों से बर्फ के अंदर जमे हुए है ,वो जीवित हो जाते है।
. यह वायरस अमीबा जैसे परजीवी से जुड़ा हुआ हो सकता है इस वायरस को इंसानों के लिए संक्रामक वायरस की श्रेणी में नहीं रखा गया है। लेकिन, ये अमीबा में संक्रमण का कारण बन सकता है और इसे लेकर वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि यह कभी जानवरों और पेड़-पौधों में किसी संक्रमण का कारण रहा होगा। और अगर किसी पेड़ या जानवर को ये वायरस अगर संक्रमित करते है,तो हो सकता है ,की इन जानवर या पेड़ो से इंसान भी संक्रमित हो सकते हैं।
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अमीबा क्या है :
यह एक अत्यंत सरल प्रकार का एक प्रोटोज़ोआ होता है।जिसकी कई प्रजातियां पाई जाती है । इस अमीबा की अधिकांश प्रजातियां तालाबों, मीठे पानी की झीलों, ,नदियों, पानी के गड्ढों ,आदि में पाई जाती हैं।
Zombie virus इंसानों के लिए कितना खतरनाक:
जॉम्बी वायरस को अभी मनुष्यों के लिए खतरनाक नही बताया गया है,वैज्ञानिकों की माने तो जोंबी वायरस पेड़ – पौधे और जानवरो को संक्रमित कर सकते हैं ,और भविष्य में ये वायरस आगे चल कर इंसानों को भी प्रभावित कर सकता है। क्योंकि कुछ वैज्ञानिकों का ये कहना है कि ,इस वायरस का स्ट्रक्चर स्मॉलपाक्स के एक जेनेटिक के जैसा है, जिसे लेकर वैज्ञानिक अनुमान लगा रहे है कि, ये वायरस बर्फ में 48 हजार 500 साल तक दबे हुए थे,जो की अब जलवायु में परिवर्तन से जब बर्फ पिघली है और ये वायरस बाहर आया है तो ये अब किसी भी पेड़-पौधों और जानवरों व पक्षियों के संपर्क में आने से फैल सकता है और आगे चल कर संक्रमण का कारण भी बन सकता है।जो हम मानव जाति के लिए भविष्य में चिंता का विषय बन सकता है।
जलवायु में लगातार तेजी से परिवर्तन होना,हम मनुष्य के लिए एक खतरे की घंटी है,जलवायु में परिवर्तन से हम कई तरीके की बीमारियो,वायरस को पुनः जिंदा कर रहे है
जलवायु परिवर्तन क्या है
जलवायु परिवर्तन का मतलब होता है की किसी विशेष क्षेत्र या फिर पूरे वृस्तित एरिया के दशकों, सदियों या उससे अधिक समय में होने वाली जलवायु में दीर्घकालिक परिवर्तनों से है। यह मुख्य रूप पृथ्वी के वातावरण में तेजी से बढ़ती ग्रीनहाउस गैसों(कार्बन डाई आक्साइड, नाइट्रस आक्साइड, मीथेन, क्लोरो-फ्लोरो कार्बन, वाष्प, ओजोन) के कारण होता है।
ये गैसे हमारे पर्यावरण के लिए अत्यंत खतरनाक साबित हुई है, जैसे जैसे ये गैसे बढ़ रही है ये हमारी पृथ्वी पर जरूरत से ज्यादा तापमान को रोक रही है जिसके कारण से हमारे ग्लेशियर पिघल रहे है।अभी तो सिर्फ हमे जॉम्बी वायरस ही देखने को मिले है, लेकिन अगर जलवायु में परिवर्तन लगातार ऐसे ही बढ़ता गया तो आने वाले समय में हमे ऐसे अनेकों वायरस और प्राकृतिक घटनाओं का सामना करना पड़ेगा जिसकी अभी हम कल्पना भी नहीं कर सकते।
जलवायु परिवर्तन के कारण
जलवाय परिवर्तन के दो कारण है।
मनुष्य के द्वारा:
जलवायू में हो रहे परिवर्तन का मुख्य कारण स्वयं मनुष्य ही है।मनुष्य के द्वारा पेड़ो को काटना,जंगल को खेती के स्वरूप में बदलना,नए मकान बनाना, वाहन से निकलने वाले धुए,फैक्ट्री से निकले कचरे,इलेक्ट्रॉनिक, उपकरणों, जमीन का खनन,आदि जलवायु परिवर्तन का कारण है।अतः एक तरह से कहा जाए तो मानव स्वयं ही अपने विनाश का कारण बनता जा रहा है।
प्रकृति के द्वारा :
. प्रकृति के द्वारा किया गया विनाश भी जलवायु परिवर्तन का एक कारण है, इसमें मनुष्य की कोई प्रत्यक्ष रूप में जिम्मेदारी नही होती हैं जैसे भूकंप, ज्वालामुखी का फटना, आदि।
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