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चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन) से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

योगासन हमारे जीवन में अत्यंत महत्वपूर्ण है, शरीर के बेहतर स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए विशेषज्ञ सभी लोगों को स्वस्थ और संतुलित आहार के साथ दैनिक रूप से योगासन का अभ्यास करने की सलाह देते हैं। योग विशेषज्ञ के अनुसार योगासन शारीरिक और मानसिक, दोनों तरह की सेहत के लिए बहुत ही बेहतर विकल्प है, योगासन हमारे शारीरिक सक्रियता को बढ़ाने के साथ ही साथ हमारे दिनचर्या को व्यवस्थित रखने में मदद करते हैं। कई तरह के योगासन के अभ्यास से शारीरिक स्वास्थ्य में विशेष लाभ देखने को मिलता है, चक्रासन या 'बैक-बेंडिंग' योग इन्ही आसनों में से एक आसन माना जाता हैं। आज हम इस लेख में आपको चक्रासन के फायदे, चक्रासन के नुकसान, चक्रासन की सावधानियां आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानने की कोशिश करेंगे।


चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

चक्रासन क्या है (what is chakrasana in Hindi):-

चक्रासन दो शब्दो से मिलकर बना है, इसमें चक्र' का अर्थ है पहिया और 'आसन' का अर्थ है मुद्रा या स्थिति। 

इस आसन का नाम चक्रासन इसलिए पड़ा क्योंकि इस आसन को करते वक्त योगी का शरीर पहिए जैसा आकार ले लेता है। इसलिए इस आसन को चक्रासन कहा जाता हैं। चक्रासन एक गहरी पीठ झुकाने वाली मुद्रा है जो रीढ़ की हड्डी के लचीलेपन के लिए किया जाता है । चक्रासन योग मुद्रा आपकी छाती, कंधों, हैमस्ट्रिंग, स्पाइनल एक्सटेंसर और हिप फ्लेक्सर्स की मांसपेशियों को फैलाती है। 

चक्रासन के नाम:

संस्कृत:  उर्ध्वा धनुरासन या चक्रासन

अंग्रेजी:  व्हील पोज (wheel pose)

योगशास्त्र:  मणिपूरक चक्र


चक्रासन करने की विधि (Chakrasana method in Hindi):-

चक्रासन या व्हील पोज का उचित लाभ पाने के लिए जरूरी है कि इस आसन को सही तरीके से किया जाय,नीचे इस लेख में चक्रासन करने की विधि बताई गई हैं:

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

Step:- चक्रासन करने से पहले शरीर को वार्मअप कर लेना चाहिए, ताकि शरीर इसके लिए तैयार हो जाए।

Step:1- चक्रासन करने के लिए सर्वप्रथम एक शांत और हवादार वातावरण का चुनाव करना चाहिए।

Step:2- योग मैट पर पीठ के बल शवासन की मुद्रा में लेट जाएं।

Step:3- अपने घुटनों को मोड़ें और एड़ी को जितना हो सके अपने नितंब के पास लाएं

 Step:4- अपनी कोहनियों को मोड़ें और अपने हाथों को अपने सिर के किनारों पर लाएं और अपनी उंगलियों को अपने कंधों की ओर रखें।

 Step:5- सांस लेते हुए अपने हाथों और पैरों को मजबूती से जमीन पर दबाएं और अपने कूल्हों को फर्श से ऊपर उठाएं।

 Step:6- सांस छोड़ें, अपनी बांहें सीधी करें और अपना सिर जमीन से ऊपर उठाएं। अपनी गर्दन और गले को आराम देते हुए अपने सिर के शीर्ष या मुकुट चक्र को चटाई पर लाएँ।

 Step:7- अपने पैरों को मजबूती से जमीन पर रखें और अपनी जांघों को एक-दूसरे के समानांतर रखें। अपनी मुख्य मांसपेशियों को शामिल करें और अपनी छाती को छत की ओर उठाएं।

 Step:8- कुछ सांसों के लिए मुद्रा में रहें, फिर अपने सिर, बाहों और कूल्हों को वापस चटाई पर लाकर धीरे-धीरे छोड़ें।

 Step:9- कुछ सांसों के लिए आराम करें, फिर मुद्रा को 1-2 बार दोहराएं।

चक्रासन के फायदे (benefits of chakrasana in Hindi):-

अभी तक आपने इस लेख में चक्रासन क्या है,चक्रासन करने की विधि के बारे में जानकारी प्राप्त की, अब आगे इस लेख में चक्रासन के फायदे के बारे में चर्चा की जाएगी।

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

1. थॉयरॉयड के लिए चक्रासन फायदेमंद:

थायरॉइड से सम्बन्धित बीमारी अस्वस्थ खान-पान और तनावपूर्ण जीवनशैली के कारण होती है। आयुर्वेद के अनुसार, वात, पित्त व कफ के कारण थायरॉइड संबंधित रोग होता है। जब शरीर में वात एवं कफ दोष हो जाता है तब व्यक्ति को थायरॉइड होता है। थॉयरॉयड को ठीक करने के लिए योग एक बेहतर विकल्प माना जाता हैं, योग विशेषज्ञ के अनुसार रोजाना चक्रासन का अभ्यास करने से थायराइड से संबंधित बीमारी नियंत्रित की जा सकती है, चक्रासन आपके अंतःस्रावी तंत्र को उत्तेजित करता है, जो थायरॉयड विकार वाले लोगों के लिए फायदेमंद है। 

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

2. पेट और पाचन से जुड़ी समस्याओं में चक्रासन फायदेमंद:–

आज के समय में असंतुलित खानपान और खराब जीवनशैली के कारण लोगों में पाचन तंत्र से जुड़ी समस्याएं तेजी से बढ़ रही हैं। खराब पाचन तंत्र के कारण पेट से संबंधित बिमारिया पाचन जैसे कब्ज, पेट में गैस की समस्या आदि की समस्या होना स्वाभाविक है, पेट और पंचम तंत्र दोनो समस्याओं से निजात पाने के लिए चक्रासन एक बेहतर विकल्प माना जाता हैं, योग विशेषज्ञ के अनुसार रोजाना नियमित रूप से चक्रासन करने से पाचन क्रिया मजबूत होता है, क्योंकि इस आसन के अभ्यास से पेट के अंदरनी अंगो की अच्छे  से मालिश हो जाती है, पेट से संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए रोजाना चक्रासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। 

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

3. इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए चक्रासन फायदेमंद:

शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यूनिटी कमजोर होने की कारण से आपको शरीर में कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने पर आप बार बार बीमार पड़ सकते हैं, इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए योग को एक बेहतर विकल्प के रूप में जाना जाता हैं, हमारे योगशास्त्र में इम्यूनिटी को मजबूत बनाए रखने के लिए कई तरीके के योगाभ्यास शामिल हैं, इन्ही आसनों में चक्रासन का नाम भी शामिल हैं, इम्यूनिटी बढ़ाने और बीमारियों से लड़ने की क्षमता बढ़ाने के लिए रोजाना चक्रासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है। 

4. आंखों के लिए चक्रासन चक्रासन फायदेमंद:

बढ़ती उम्र की वजह से आंख की रोशनी कमजोर होने लगती है और मोतियाबिंद जैसी गंभीर बीमारियां शुरू हो जाती हैं। आंखो की रोशनी बढ़ने के लिए हमारे योगशास्त्र में अनेकों योगाभ्यास का नाम सम्मलित है, इन्ही आसनों में चक्रासन का नाम भी शामिल हैं ,योग विशेषज्ञ के अनुसार चक्रासन का रोजाना अभ्यास करने से आपकी आंखों की क्षमता और सेहत में सुधार होता है। रोजाना इस योगासन का अभ्यास करने से आंख की रोशनी बढ़ती है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए रोजाना चक्रासन का अभ्यास बहुत फायदेमंद होता है।

5. तनाव और अवसाद के लिए चक्रासन फायदेमंद:

आजकल हर कोई अपने बिजी शेड्यूल, और अनहेल्थी लाइफस्टाइल के तनावपूर्ण जिंदगी व्यतीत कर रहा है,इस तनाव पूर्ण जिंदगी से बाहर निकलने के लिए योग एक बेहतर विकल्प माना जा सकता हैं, योग से मानसिक शांति मिलती है, मेडिटेशन जैसा चीजों से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है। तनाव शारीरिक हो या फिर मानसिक, दोनों ही स्थितियों में चक्रासन का अभ्यास लाभकारी सिद्ध हो सकता है। चक्रासन पर किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि चक्रासन चिंता के कुछ सामान्य लक्षणों जैसे  थकान, कमजोरी और अवासद दूर करने में मदद कर सकता है, 

6. पेट की चर्बी को घटाने में चक्रासन फायदेमंद:

चक्रासन के नियमित अभ्यास से पेट की चर्बी को कंट्रोल किया जा सकता है,योग गुरु के अनुसार इस आसन के अभ्यास से शरीर के सभी अंगों की अच्छे से मालिश हो जाती हैं,और पेट की मंशापेशिय ढीली पड़ने लगती हैं। जिससे वजन तेजी से कम होने लगता है। चक्रासन का सबसे महत्वपूर्ण उपयोग यह है कि यह आपके पेट को टोन करने और वसा कम करने में मदद करता है

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7. फेफड़ों को मजबूत करने में भुजंगासन फायदेमंद:

फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने और अच्छा रखने के लिए भुजंगासन लाभकारी हो सकता है। गंभीर फेफड़ों से जुड़े रोग के लिए अनेक आसन योगाभ्यास में दिए गए हैं एनसीबीआई के एक सोध के अनुसार फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में राहत पाने के लिए अनेकों अभ्यास शामिल हैं इन्ही आसनों में चक्रासन का नाम भी शामिल है। योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करने से फेफड़े साफ होने में मदद मिलती हैं,इसके साथ ही सांस लेने की प्रक्रिया का अभ्यास फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है इस आधार पर ये कहा जा सकता है कि फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी चक्रासन को सहायक माना जा सकता है। यह अस्थमा रोगियों के लिए विशेष रूप से फायदेमंद है।

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8. मधुमेह के लिए चक्रासन फायदेमंद:

अत्यधिक मीठी चीजें खाने से शुगर लेवल बढ़ने का कारण शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है जिससे ब्लड का शुगर का लेवल बढ़ जाता है। योग विशेषज्ञ के अनुसार चक्रासन के नियमित अभ्यास से समस्त स्वास्थ्य में सुधार आता है। चक्रासन करने से हमारे पैंक्रियास की अच्छे से मालिश होती है, जिससे इंसुलिन के स्त्राव में मदद मिलती है। चक्रासन का सबसे अच्छा लाभ उन लोगों के लिए है जो मधुमेह से पीड़ित हैं। योग विशेषज्ञ के अनुसार चक्रासन के नियमित अभ्यास से शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है, ध्यान रहे यदि आप शुगर के मरीज हैं तो ऐसे में आप डॉक्टर के परामर्श पर ही इस आसन को करने की कोशिश करे।

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9. रीढ़ की हड्डी और कमर के लिए चक्रासन फायदेमंद:–

रीढ़ की हड्डी और कमर से जुड़ी समस्याएं गलत पोश्चर में बैठने की वजह से लोगों में तेजी से बढ़ रही हैं। इन समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए रोजाना चक्रासन का अभ्यास जरूर करना चाहिए। चक्रासन एक ऐसा योगासन है जिसे करने से हडि्डयां मजबूत और लचीली होती ही हैं साथ ही शरीर में ऊर्जा भी बनी रहती है। पीठ की मांसपेशियों को मजबूत बनाने और पीठ दर्द से छुटकारा दिलाने में भी चक्रासन मददगार होती हैं, साथ ही हृदय प्रणाली को सुचारू रूप से चलाने में भी चक्रासन फायदेमंद है। शरीर को सही आकार देकर सर्वाइकल की समस्या में राहत देता है। 

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10.लचीलेपन में वृद्धि के लिए चक्रासन फायदेमंद:

चक्रासन छाती, कंधों, पेट और कूल्हे के लचीलेपन को फैलाता है और खोलता है, जिससे इन क्षेत्रों में लचीलेपन में सुधार होता है। यह आसन रीढ़ की हड्डी की मांसपेशियों को मजबूत करता है, जिसमें इरेक्टर स्पाइना और पीठ के ऊपरी और निचले हिस्से की मांसपेशियां शामिल हैं। चक्रासन पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करके और छाती को खोलकर कूबड़ वाली या गोल मुद्रा को सही करने में मदद करता है। 


11.ऊर्जा प्रवाह में वृद्धि:

 चक्रासन का अभ्यास शरीर के माध्यम से ऊर्जा के प्रवाह को उत्तेजित करता है, जिससे चक्रों को संतुलित और सक्रिय करने में मदद मिलती है।

 12.बेहतर फोकस और एकाग्रता: 

चक्रासन के अभ्यास के लिए फोकस और एकाग्रता की आवश्यकता होती है, क्योंकि यह शरीर और दिमाग दोनों को चुनौती देता है। नियमित अभ्यास से मानसिक स्पष्टता और फोकस बढ़ सकता है।


चक्रासन के नुकसान (Disadvantages of Chakrasana in Hindi):-

ऊपर आपने इस लेख में चक्रासन कैसे करें, इसके बारे में जानकारी प्राप्त की,अब आगे इस लेख में चक्रासन के नुकसान के बारे में जानकारी प्राप्त करेंगे। चक्रासन के नुकसान निम्न प्रकार के हो सकते हैं।

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

 1. कलाइयों पर तनाव: 

चक्रासन कलाइयों पर काफी दबाव डालता है, जिससे असुविधा या चोट लग सकती है। कमजोर कलाइयों या कलाई की समस्याओं वाले व्यक्तियों को सावधान रहना चाहिए और आवश्यकतानुसार मुद्रा में बदलाव करना चाहिए।


 2. गर्दन में तनाव: 

यदि ठीक से संरेखित न किया जाए, तो चक्रासन गर्दन और ग्रीवा रीढ़ पर दबाव डाल सकता है। मुद्रा के दौरान गर्दन को आराम और रीढ़ की हड्डी के बाकी हिस्सों के साथ संरेखित रखना महत्वपूर्ण है।


 3. पीठ पर अधिक खिंचाव का खतरा:

चक्रासन का सुरक्षित अभ्यास करने के लिए लचीलेपन और ताकत की आवश्यकता होती है। उचित तैयारी के बिना आसन में जल्दबाजी करने या बहुत तेजी से बहुत गहराई तक जाने का प्रयास करने से पीठ की मांसपेशियों में खिंचाव या चोट लग सकती है।


चक्रासन की सावधानियां (Precautions of Chakrasana in Hindi):-

चक्रासन करते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखना आवश्यक है:

चक्रासन (ऊर्ध्व धनुरासन)  से संबंधित संपूर्ण जानकारी: विधि,फायदे,नुकसान,सावधानी

वार्म-अप:

 मांसपेशियों और जोड़ों को तैयार करने के लिए चक्रासन का प्रयास करने से पहले शरीर को वार्म-अप करना महत्वपूर्ण है।


 2. उचित संरेखण:

 तनाव या चोट को रोकने के लिए चक्रासन में सही संरेखण बनाए रखना महत्वपूर्ण है। एक योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन में अभ्यास करना सहायक होता है जो उचित संरेखण संकेत प्रदान कर सकता है।


 3. धीरे-धीरे प्रगति:

 चक्रासन की गहरी विविधताओं का प्रयास करने से पहले धीरे-धीरे ताकत और लचीलेपन का निर्माण करने की सलाह दी जाती है। अपने शरीर की बात सुनना महत्वपूर्ण है और यदि यह असुविधाजनक या दर्दनाक महसूस हो तो अपने आप को गहरे बैकबेंड में मजबूर न करें।


 4. कुछ स्वास्थ्य स्थितियों

कुछ स्वास्थ्य स्थितियों या चोटों वाले व्यक्तियों को चक्रासन से बचना चाहिए या संशोधित करना चाहिए। इसमें पीठ की चोट, कलाई की चोट, उच्च या निम्न रक्तचाप, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल, हरनिया, कार्पल टनल सिंड्रोम, माइग्रेन से पीड़ित और हृदय की समस्याओं वाले व्यक्ति शामिल हैं। उन्नत आसन करने से पहले हमेशा डॉक्टर या अनुभवी योग शिक्षक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है


5. गर्भवती महिला:

गर्भवती महिलाओं को चक्रासन योग मुद्रा से बचना चाहिए। इस आसन के अभ्यास से गर्भपात होने का खतरा बढ़ जाता है।

अक्सर पूछे जाने वाला प्रश्न:

चक्रासन किस आसन वर्ग में आता है?

चक्रासन या व्हील पोज अष्टांग योग के अंतर्गत आता है यह आसन शरीर और मन के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने के लिए बहुत ही प्रचलित रूप है। चक्रासन आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को मजबूत करने के अलावा आपके शरीर में रीढ की हड्डी के पास पाए जाने वाले सात चक्रों को संरेखित करता है । चक्रासन के नियमित अभ्यास से आंखो की रोशनी में वृद्धि होती है, साथ ही ये आसन पाचन तंत्र, फेफड़े को मजबूत बनाने, वजन को कम करने में लाभकारी होते है।


अर्ध चक्रासन क्या है?

अर्ध चक्रासन हठ योग श्रेणी का बहुत ही महत्वपूर्ण आसन है। अर्ध चक्रासन संस्कृत के तीन शब्दों ( अर्ध +चक्र+आसन) से मिलकर बना है. इसमें अर्ध का मतलब है आधा, चक्र का तात्पर्य है पहिया, और आसन का अर्थ है मुद्रा या स्थिति. इस आसन का नाम अर्ध चक्रासन इसलिए रखा गया क्योंकि इस आसन को करते वक्त योगी का शरीर आधे पहिये के आकार में प्रतीत होता है, इसे अंग्रेजी में हाफ व्हील पोज़ (Half Wheel Pose) भी कहते हैं।


चक्रासन कितने समय तक करना चाहिए?

चक्रासन या व्हील पोज़ धारण करने की अवधि व्यक्ति के अनुभव, शक्ति और लचीलेपन के स्तर के आधार पर भिन्न हो सकती है। शुरुआती लोग लगभग 20-30 सेकंड तक मुद्रा बनाए रखने के साथ शुरुआत कर सकते हैं और धीरे-धीरे अभ्यास के साथ अवधि बढ़ा सकते हैं। उन्नत अभ्यासकर्ता कुछ मिनटों तक इस मुद्रा को धारण कर सकते हैं।


अर्ध चक्रासन से कौन सा रोग ठीक होता है?

जहां तक अर्ध चक्रासन या हाफ व्हील पोज की बात है तो यह मधुमेह से पीड़ित लोगों के लिए फायदेमंद माना जाता है। इस मुद्रा में पेट के क्षेत्र को पीछे झुकाना और खींचना शामिल है, जो अग्न्याशय को उत्तेजित करने और इंसुलिन स्राव में सुधार करने में मदद कर सकता है। हालाँकि, यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि योग आसन को चिकित्सा उपचार का प्रतिस्थापन नहीं माना जाना चाहिए, बल्कि एक पूरक अभ्यास माना जाना चाहिए। यदि आपको कोई स्वास्थ्य संबंधी चिंता है, तो कृपया कोई भी नया आसन करने से पहले किसी स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श लें।


चक्रासन करने का सबसे अच्छा समय कौन सा है?

चक्रासन का सबसे अच्छा समय सूर्योदय का समय माना जाता है, क्योंकि सुबह के समय वातारण शांत और आपका पेट एकदम खाली रहता है,जिसके कारण आपको इस आसन का उचित लाभ मिलता है,परंतु अगर आप इस आसन को सुबह के वक्त करने में असमर्थ है, तो आप इस आसन को शाम के वक्त, या फिर किसी भी समय कर सकते है, परंतु इस बात का ध्यान रहे कि जब भी आप इस आसन को करें तो आप इस आसन को करने के चार से पांच घंटे पहले कुछ भी ना खाया हो और इस आसन को करने के तीस मिनट पश्चात ही कुछ खाए पिए।

निष्कर्ष (conclusions):

इस लेख में चक्रासन से संबंधित सभी विषयों पर महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान की गई है, उम्मीद है कि आपको ये लेख पसंद आया होगा परंतु फिर भी अगर आपको इस लेख से संबंधित कुछ सुझाव या फिर योग से संबंधित कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

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