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पेट दर्द के सबसे असरदार 11 देसी उपचार,पेट दर्द के कारण,लक्षण,पेट दर्द में क्या खाए।

पेट में दर्द होना ये एक आम समस्या बनती जा रही है अधिकतर गर्मियों में पेट से संबंधी बीमारिया होने का खतरा बढ़ जाता है।ऐसा कोई भी इंसान नही है जिसने अपने लाइफ में पेट दर्द को महसूस न किया हो।
पेट में दर्द होने का कारण हमारा अनहेल्दी लाइफस्टाइल और गलत खान पान हो सकता है।हम जो भी खाते है उसे पचाने को कार्य हमारे पाचन तंत्र यानी की पेट के द्वारा किया जाता है,ऐसे में अगर हम बहुत ज्यादा तली भुनी चीजों,फास्ट फूड,कोल्ड ड्रिंक का सेवन करते है,तो इससे हमारा पाचन सिस्टम कमजोर होने लगता है,और साथ ही पेट में दर्द,ऐठन,जकड़न, आदि समस्या उत्पन्न होने लगती है।
ये पेट दर्द अगर साधारण है तो दवा या कुछ घरेलू उपचार से ठीक हो सकता है,लेकिन अगर आपका पेट बार बार दर्द कर रहा है और दर्द भी काफी तेजी से हो रहा है तो ऐसे में आप लापरवाही ना करे.हो सकता है ये कोई गंभीर बीमारी होने का संकेत हो सकता है,ऐसे में आपको डॉक्टर से संपर्क करे।
तो चलिए आज हम इस लेख में निम्न विषयो पर चर्चा करेंगे।

विषय सूची
.पेट दर्द क्या है?
.पेट दर्द के प्रकार
.पेट दर्द के कारण
.पेट दर्द के दौरान जीवनशैली में बदलाव।
.पेट दर्द में क्या खाना चाहिए?
.पेट दर्द में क्या नही खाना चाहिए?
.पेट दर्द का देशी उपचार?
.पेट दर्द के लिए दवा?
.पेट दर्द और गैस की दवा?

तो चलिए आज इस लेख में हम पेट दर्द से संबंधी सभी महत्वपूर्ण बातो पर चर्चा करते है।
पेट दर्द का देशी उपचार


पेट दर्द क्या है (what is stomach pain):

जब हम कुछ उल्टा सीधा या फिर बहुत ज्यादा मात्रा में भोजन कर लेते है तो ऐसे में हमारे पेट में वातदोष उत्पन्न होने लगता है,जिसके कारण से हमारे पेट में सुई या कील जैसी चुभने जैसा दर्द ,ऐठन,मरोड़,होता है।इसको ही पेट में दर्द के नाम से जाना जाता हैं।

पेट दर्द के प्रकार (type of stomach pain):

पेट के दर्द को हम दो कैटेगरी में विभाजित कर सकते है।
सामान्य दर्द:पेट में सामान्य दर्द का कारण हमारा गलत खान पान या फिर जरूरत से ज्यादा भोजन कर लेना,या फिर खाने के बाद देर तक बैठे रहने के कारण से हो सकता है,सामान्य दर्द के कुछ और कारण जैसे गैस,एसिडिटी,बदहजमी,अपच थोड़े समय के लिए रहता है तो ये दर्द सामान्य पेट दर्द की श्रेणी में आते है।सामान्य पेट के दर्द को घरेलू उपचार से आसनी से ठीक किया जा सकता है।
स्थानीय दर्द:
गैस,एसिडिटी,बदहजमी,अपच, मल त्यागने के दौरान दर्द ये अगर लंबे समय तक रहे तो ये सब स्थानीय दर्द के श्रेणी में आते है।
परंतु अगर आपके पेट में दर्द बार बार या लगातार थोड़ी थोड़ी देर में कई दिनों तक बना रहता है,और दवा लेने के बाद कुछ दिनो तक ठीक रहता है और फिर कुछ ही दिनों में दर्द होने लगता है तो ऐसे में ये दर्द साधारण नही हो सकता है।इसके लिए आपको किसी पेट के डॉक्टर से संपर्क करें और पेट का अल्ट्रासाउंड कराए।

पेट दर्द के कारण(reason of stomach pain):

पेट दर्द के कारण को हम दो प्रकार से परिभाषित कर सकतें हैं।
सामान्य पेट दर्द का कारण:
.दस्त
.सीने में जलन
संक्रमित भोजन को खाने से फूड पॉइजनिंग।
.ज्यादा मात्रा में भोजन करने से।
.ज्यादा मात्रा में पानी या फिर गंदा पानी पीने से।
.खाली पेट अधिक समय तक काम करने से।
.मसालेदार खाने ,तेल, मिर्च का सेवन अधिक समय तक करने से।
.बाहर का खाना से जैसे डब्बा बंद भोजन,चाट समोसा,फुल्की,आइसक्रीम,आदि खाने से।
.अत्यधिक देर तक का रखा खाना खाने से। 
.महिलाओं के पेट में दर्द पीरियड के कारण से हो सकता है।
अंकुरित दालों को ज्यादा मात्रा में सेवन करने से।
मांस मछली का सेवन ज्यादा करने से।
खाना खाने के बाद ज्यादा तेज चलने से।

स्थानीय दर्द के कारण:
.गैस समस्या (गैस्ट्रिक प्रॉबल्म)
.गॉल स्टोन (Gallstone)
एसीडिटी
.इरिटेबल बॉवल सिन्ड्रोम (आंत की सूजन)
.अल्सर
.गुर्दे में पथरी
हरनिया (Hernia)
इन्टेसटाइनल ओब्स्ट्रकसन (Intenetinal obstruction)
अपेंडिक्स (Appendix)
यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन Urinary tract Infection (UTI))
.पेट का कैंसर
.आंत में रक्त संचार की कमी

पेट दर्द का देसी उपचार


पेट दर्द को ठीक करने के लिए जीवनशैली में बदलाव
:

पेट दर्द के कारण गैस एसिडिटी,अपच,सीने में जलन,मल त्यागने के दौरान दर्द आदि कारण हो सकते है।इन सब कारणों से बचने के लिए हमे अपने जीवनशैली में बदलाव करने की जरूरत है।
.अगर आप पेट दर्द से परेशान रहते है तो ऐसे में आप सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी या फिर आप रात में एक गिलास पानी रखे और वही पानी सुबह उठकर पिए।
.अगर आप को सौच लगी है तो उसे देर तक रोक कर ना रखे।
.फाइबर वाले फलों(तरबूज,पपीता,अनार) का सेवन ज्यादा मात्रा में करे।
.सब्जियों में (लौकी,पपीता,तारोई, टिंडा) आदि का सेवन करे
.सुबह कम से कम आधे घंटे तक मॉर्निंग वॉक पर जाए।
रात में हल्का भोजन करे।खाना खाने के 10 मिनट बाद कम से कम आधा घंटा तक टहले।
.रात में जल्दी सो जाए देर रात तक जागना आपके स्वास्थ्य के लिए सही नही होता है।
.खाना खाते वक्त ज्यादा पानी ना पिएं,खाने के आधे घण्टे बाद पानी पीना चाहिए।
.खाने को देर तक अच्छे से चबाकर खाना चाहिए।
.खाना को ज्यादा मात्रा में ना खाएं खाने को थोड़ी थोड़ी देर में थोड़ा–थोड़ा खाएं
.चाय काफी का सेवन ज्यादा मात्रा में नही करना चाहिए,चाय को खाली पेट नही पीना चाहिए इससे पेट में गैस और एसिडिटी की समस्या हो सकती है।
.व्यायाम या एक्सरसाइज के तुरंत बाद पानी न पिएं।

पेट दर्द में क्या खाना चाहिए:

.पेट दर्द के दौरान हमे हल्के भोजन जैसे (चावल का पानी, साबूदाना की खिचड़ी,मूंग का दाल, मट्ठा)आदि का सेवन करना चाहिए 
.पेट दर्द में ओट्समिल खा सकते है ये पेट दर्द के साथ आपको दस्त से भी आराम मिलेगा
.पेट दर्द के दौरान अधिक से अधिक पेय पदार्थ जैसे नारियल पानी का सेवन करना चाहिए।
.पेट दर्द के दौरान चावल ,काला नमक,और मट्ठा खा सकते है।
.पेट दर्द के दौरान आप व्हाइट ब्रेड टोस्ट खा सकते हैं।
.पेट दर्द के दौरान आप केला,अनार खा सकते हैं
.पेट दर्द के दौरान आप कलामाइन चाय पी सकते है।दूध की चाय नहीं पीना चाहिए।

पेट दर्द के दौरान क्या नही खाना चाहिए

.तली भुनी चीजे
.मशालेदार भोजन
.मीठी चीजे जैसे आइसक्रीम,मिठाई।
.बाहर का खाना (चाट,समोशा,फुल्की,पिज्जा)
.अत्यधिक गरिष्ठ भोजन (बाजरे की रोटी, गेहूं की रोटी,अंकुरित अनाज आदि)
.पेट दर्द में अधिक एसिड वाले फल और सब्जियां ना खाए(टमाटर)
.कच्चे सब्जी और कच्चे फल
.पेट दर्द में सोडा ना पिए।
.पेट दर्द में सोडा ना पिए।
. पेट दर्द में डेयरी प्रोडक्ट (दूध,घी,पनीर,फैट दही)
.रात का बचा हुआ खाना सुबह ना खाए।
पेट दर्द का देसी उपचार


पेट दर्द का देशी उपचार(pet dard ka Desi upachar):

अब हम इस लेख में पेट दर्द से संबंधी देशी उपचार के बारे में बात करेंगे।
1.अजवाइन का प्रयोग:
 अजवाइन को हमारे आयुर्वेद में पेट दर्द के लिए बहुत ही कारगर औषधि माना गया है।
सामग्री:
.250 ग्राम अजवाइन 
.250 ग्राम सोठ
.एक गिलास गुनगुना पानी
प्रयोग विधि:इसे प्रयोग में लाने के लिए अजवाइन और सोठ दोनो को अच्छे से पीस लें उसके बाद इसे एक अच्छे से डिब्बे में भरकर रख लें।और रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुना पानी के साथ एक छोटा चम्मच इस पाउडर को खाए।

2.मेथी दाना का प्रयोग करे:
मेथी के दाने में मौजूद पोषक तत्व पेट दर्द को कम करने के साथ दस्त के लिए भी फायदेमंद माना जाता है।
सामग्री
250 ग्राम मेथी दाना
एक गिलास गुनगुना पानी
प्रयोग विधि:आप मेथी दाने को अच्छे से तवे पर भून ले ध्यान रहे मेथी का दाना हल्का ब्राउन कलर में रहे,ज्यादा जलने ना पाए।अब इस मेथी दाने को मिक्सर में अच्छे से पीसकर इसका पाउडर बना ले उसके बाद इसे एक डिब्बे में बंद करके रख ले।अब इस पाउडर को रोज सुबह खाली पेट या रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ पिए।

3.पुदीना का प्रयोग करे:
पेट दर्द में पुदीना का प्रयोग अत्यंत लाभकारी माना गया है,क्योंकि पुदीना की तासीर ठंडी होती है जिसके कारण से ये हमारे पेट की गर्मी को शांत करने में मदद मिलती हैं।
सामग्री:
.15 से 20 पुदीना के पत्ते
.शहद
.एक गिलास पानी
प्रयोग विधि:
आप पुदीना के पते को अच्छे से धो लें और उसके बाद एक गिलास पानी में पुदीना के पत्ते को डालकर उसे अच्छे से ढककर गर्म करे,जब गिलास का पानी आधा रह जाए तो उसके बाद गैस बंद कर दे।अब मिश्रण को गुनगुना होने के बाद छान लें,और इसमें आधा चम्मच शहद डालकर पीने से आपके पेंट को आराम महसूस होगा।
पेट दर्द का देशी उपचार


4. हरड़ का प्रयोग करे :
हरड़ के बीज को पेट के लिए लाभदायक माना जाता है।हरड़ हमारे पेट दर्द के साथ गैस और बदहजमी को कम करने में मदद करता है।
सामग्री:
50 ग्राम हरड़
50 ग्राम आंवला पाउडर
25 ग्राम अजवाइन
स्वादानुसार काला नमक 
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए हरड़,आंवला पाउडर और अजवाइन को अच्छे से पीस लें।और इसे एक डिब्बे में बंद करके अच्छे से रख ले और सुबह शाम खाने के बाद आप इसका प्रयोग गुनगुने पानी के साथ कर सकते है।

5.सौफ का प्रयोग करे:
सौफ को पेट में दर्द के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है,साथ ही खाना खाने के बाद अगर हम थोड़ी सी सौफ खा लेते है तो ये हमारे पेट को साफ करने में भी लाभ पहुचंता है।
सामग्री:
.एक चमक सौफ
.एक चम्मच अजवाइन
.एक चुटकी काला नमक
.आधा चम्मच नींबू का रस 
.एक गिलास पानी 
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए एक चम्मच सौफ,और अजवाइन को एक गिलास पानी में डालकर कम पंद्रह मिनट तक गर्म कर ले उसके बाद मिश्रण के ठंडा होने के बाद उसे छानकर थोड़ा सा काला नमक मिलाकर पी ले।
इसे सुबह शाम कभी भी पेट दर्द होने पर पी सकते है।
पेट दर्द का देशी उपचार


6. सोठ का प्रयोग करे:
सोठ हमारे पेट के दर्द को ठीक करने का एक दम रामबाण औषधि है।ये औषधि जो मैं आपको बता रही हू ये आपके पुराने से पुराना दर्द को ठीक करने में कारगर होगा।
सामग्री:
50 ग्राम सोठ
25 ग्राम काली मिर्च
15 ग्राम हींग
एक गिलास गुनगुना पानी
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने से पहले इन तीनों मिश्रण को अच्छे से मिलाकर मिक्सर में पीस ले।अब इस मिश्रण को एक डिब्बे में बंद करके रख ले।अब सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ इसका सेवन शुरू कर दे।ये पुराना से पुराना पेट दर्द को ठीक करने का कारगर नुस्खा है।
7.नींबू का प्रयोग करे:
अगर आपके पेट में गैस, एसिडिटी,बदहजमी हो रही है तो ये देसी नुस्खे को एक महीने तक करने से आपको इन समस्याओं से निजात मिलेगा।
सामग्री:
एक गिलास पानी
एक नींबू
एक चौथाई चम्मच सोडा
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए आप एक गिलास पानी में एक नींबू के रस को अच्छे से मिलाएं उसके बाद इसमें एक चौथाई सोडा डालकर अच्छे से मिला ले और सुबह शाम खाना खाने के बाद आप इसका सेवन शुरू कर दे।एक हफ्ते के अंदर ही आपको असर दिखना शुरू हो जाएगा।
पेट दर्द का देशी उपचार


8. हींग का प्रयोग करे:
हींग को आयुर्वेद में पेट से संबंधित बीमारियो के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती है।
हींग का प्रयोग बच्चो से लेकर बुजुर्गों के लिए फायदेमंद माना जाता है।
सामग्री:
10 ग्राम अजवाइन
5 ग्राम हींग
 काला नमक स्वादानुसार
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए हींग और अजवाइन को अच्छे से पीस ले और रोज सुबह खाने के बाद एक चम्मच गुनगुने पानी के साथ खाए।ऐसा करने से पेट दर्द,गैस, एसिडिटी बदहजमी से आराम मिलता है।

9.लहसून का प्रयोग करे:
लहसून के प्रयोग से हमे पेट दर्द के साथ ही साथ गैस, एसिडिटी से संबंधी बीमारी में भी आराम मिलता है।
सामग्री:
आधा चम्मच लहसुन का रस
और दो चम्मच गुनगुना पानी
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए आपको सुबह खाने के बाद आधा चम्मच लहसुन का रस और दो चम्मच पानी पीना है। इसके एक घंटे बाद तक आपको कुछ भी नहीं खाना है।

10.जीरा का प्रयोग करे:
जीरा का प्रयोग सिर्फ तड़का लगाने के लिए नही होता है,इसका प्रयोग पेट दर्द के लिए भी किया जाता है।
सामग्री:
10 ग्राम जीरा
5 ग्राम अजवाइन
2.5 ग्राम हींग
एक गिलास गुनगुना पानी
प्रयोग विधि:इसको प्रयोग में लाने के लिए जीरा और अजवाइन को हल्का सा तवे पर भून लें।अब इसमें हींग को मिलाकर तीनों को अच्छे से पीस ले।अब इसको एक छोटा चम्मच रात में सोने से पहले खा ले।या फिर खाना खाने के बाद खाए।ये पेट में दर्द,मरोड़,ऐठन के लिए बहुत ही कारगर तरीका होता है।
पेट दर्द का देशी उपचार


11.तुलसी का प्रयोग करे:
अगर आपके पेट में हल्का दर्द है तो ऐसे में आप तुलसी का प्रयोग कर सकते है।
सामग्री:
तुलसी के आठ से दस पत्ते
एक गिलास पानी
प्रयोग विधि:एक गिलास पानी में तुलसी के पत्ते डालकर पंद्रह से बीस मिनट तक अच्छे से गर्म कर लें उसके बाद इसको गुनगुना होने के बाद छानकर पी ले।इसको आप दिन में दो से तीन बार पी सकते हैं।
ऊपर बताए गए 11 उपायों को आप दो साल से उपर के बच्चो को आधे मात्रा में मिलाकर खिला सकते है।

बच्चो के लिए पेट दर्द के देसी उपाय:

*अगर आपका बच्चा एक साल के भीतर है तो ऐसे ने आप हींग को एक चम्मच गुनगुने पानी में मिला ले ।और रुई या कॉटन की मदद से इस मिश्रण को नाभि के उपर चिपका दे। और हाथों पैरो की नाखून में इस मिश्रण को अच्छे से लगा दे,ऐसा करने से बच्चे के पेट दर्द में आराम मिलेगा।
*अगर आपका बच्चा छः महीने के उपर है तो ऐसे में आप बच्चे को थोड़ा सा जायफर मां के दूध में घिसकर उसे एक छोटा चम्मच सुबह शाम पीला दे।
*अदरक के रस को दो से चार बूंद ले और इसमें थोड़ा सा शहद मिलाकर बच्चे को खिला सकते हैं।यह उपाय छ महीने से उपर के बच्चो के लिए है।
*एक चुटकी पीसी हुई अजवाइन में थोड़ा सा शहद मिलाकर भी खिला सकते हैं।
*पुदीना का दो से चार बूंद रस बच्चे को पिला सकते है।

पेट दर्द की दवा

ड्रोमेफ 80 एमजी/250 एमजी टैबलेट
Meftal Spas tablets
Tramadol
Tiropramide

 को पेट दर्द के लिए एक अच्छा दवा माना जाता है।पेट में दर्द के लिए मार्केट में कई दवाइया उपलब्ध है,परंतु आप किसी अच्छे डॉक्टर से परामर्श लेकर ही पेट दर्द की दवा ले,झोलाछाप डॉक्टरों से सतर्क रहे क्योंकि ज्यादा पेन किलर दवा खाने से ये हमारे किडनी को नुकसान पहुंचाती है।

गैस के लिए दवा:
simethicone
Phazyme
Alka-Seltzer Anti-Gas
Maalox Anti-Gas
Gas-X
Gas-X Extra Strength
निष्कर्ष:आशा करती हू की आपको यह लेख पसंद आया होगा।अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी सवाल या इस लेख से संबंधित कोई भी सुझाव देना चाहते है तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ/सुझाव दे सकते है,मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

डिस्क्लेमर:यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है।ये किसी भी प्रकार की दवा का विकल्प नहीं हो सकता है ज्यादा जानकारी के लिए आप अपने डॉक्टर से संपर्क करें।








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