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हलासन करने से पूर्व जान लेने योग्य बातें :हलासन के फायदे,नुकसान,हलासन की विधि।

 स्वस्थ जीवन व्यतीत करने के लिए सबसे सरल और सटीक उपाय योग है। योग एक ऐसी विद्या है जिसके नियमित अभ्यास से आप खुद को शारीरिक और मानसिक दोनो तरीके से ठीक रख सकते है,इसे करने से न केवल आप स्वस्थ और सुखी रहतें हैं बल्कि आपकी इम्युनिटी सिस्टम भी मजबूत होती है। योग हमारे जीवन में अनुशासन आता है। हमारे हिदू धर्म शास्त्र में भगवान की प्राप्ति के लिए कई ऋषि मुनि योग के द्वारा ही ध्यान करते थे। अगर आप एक गृहस्थ जीवन व्यतीत कर रहे है और आप किसी प्रकार की बीमारी से जूझ रहे हैं तो ऐसी परिस्थिति में आप अपने रोग के अनुसार योग के विभिन्न आसनों को करने से बीमारी से निजात पा सकते है। आज हम इस लेख में योग के आसन हलासन क्या है, कैसे करना चाहिए, और इसके क्या फायदे हैं, इस बारे में बताने जा रहे हैं।

हलासन करने से  पूर्व जान लेने योग्य बातें :हलासन के फायदे,नुकसान,हलासन की विधि।


हलासन क्या है (what is halasana in Hindi):

हलासन हिंदी के दो शब्द 'हल' और 'आसन' से मिलकर बना है। जिसमे हल का मतलब होता है 

ज़मीन को खोदने वाला कृषि यंत्र,और आसन का मतलब होता हैं मुद्रा या स्थिति।

यानी इस आसन को करते वक्त योगी का शरीर की आकृति खेत मे बैल द्वारा चलायेें जानेे वाले हल जैसी होने के कारण इस आसन को हलासन कहते हैं।

इस आसन का नाम (हलासन) भारत के महान योगियों के द्वारा दिया गया,योगियों ने हल से ही प्रेरणा लेकर हलासन नाम के आसन की रचना की। जिस प्रकार से हल कठोर से कठोर भूमि को मुलायम बना सकता है वैसे ही हलासन भी हमारे शरीर में लचीलापन बढ़ाने में लाभकारी साबित हो सकता है। 

हलासन को अंग्रेजी भाषा में “Halasana” और प्लो पोज (Plow Pose) भी कहा जाता है। इस योग के कई फायदे हैं। इससे वजन कम होता है, शरीर को मजबूती मिलती है। इससे हमारी रीढ़ सदा जवान बनी रहती है और वह लचीली ओर ताकतवर भी बनती हैं।

हलासन करने से पूर्व जानने योग्य बातें:

किसी भी आसन या प्राणायाम को करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं,साथ ही यदि आप आसन करने पहले शौच कर ले और पेट एक दम खाली रहे तो यह अति उत्तम माना जाता हैं परंतु अगर आप सुबह के समय किसी कारण वश इस आसन को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप इस आसन को करने से चार से छह घंटे कुछ भी ना खाया हो और आसन करने से पहले शौच कर ले।

स्तर : साधारण 

प्रकार : हठ योग

समय : 30 से 60 सेकेंड

दोहराव : इस आसन को करने के लिए कोई दोहराव की जरूरत नहीं होती हैं।

खिंचाव : कंधे,मांसपेशीयों और पसलियों पर

मजबूत बनाता है : रीढ़ की हड्डी और गर्दन 

हलासन की विधि (method of halasana in Hindi):

हलासन, जिसे प्लो पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, एक योग आसन है जिसमें पीठ के बल लेटकर पैरों को सिर के ऊपर लाना होता है। यहां बताया गया है कि हलासन कैसे करें:

हलासन करने से  पूर्व जान लेने योग्य बातें :हलासन के फायदे,नुकसान,हलासन की विधि।

 1. अपनी पीठ के बल लेटें, अपनी भुजाएँ बगल में रखें और हथेलियाँ नीचे की ओर हों।

 2. श्वास लें और अपने पैरों को जमीन से ऊपर उठाएं, उन्हें फर्श पर लंबवत लाएं।

 3. सांस छोड़ें और अपने कूल्हों को जमीन से ऊपर उठाएं, अपने पैरों को अपने सिर के ऊपर लाएं।

 4. अपनी पीठ के निचले हिस्से को सहारा देने के लिए अपने हाथों का उपयोग करें और अपने पैरों को सीधा रखें।

 5. अपने पैर की उंगलियों को अपने सिर के पीछे फर्श पर छूने की कोशिश करें, लेकिन अगर आप ऐसा करने में सक्षम नहीं हैं तो उन्हें पूरी तरह नीचे जाने के लिए मजबूर न करें।

 6. कई सांसों तक इस मुद्रा में बने रहें और फिर धीरे-धीरे अपनी पीठ और पैरों को वापस जमीन पर ले आएं।

 7. छोड़ने के लिए, सांस छोड़ें और अपने पैरों को वापस फर्श पर लाएं, और शव मुद्रा में कुछ सांसों के लिए आराम करें।

 यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि शरीर को इस मुद्रा में जबरदस्ती न लाएँ और गर्दन और सिर को आरामदायक स्थिति में रखते हुए केवल उतनी ही दूर तक जाएँ जहाँ तक शरीर अनुमति दे। यह मुद्रा मन को शांत करने, कंधों और गर्दन को मजबूत बनाने, पाचन में सुधार और तनाव कम करने जैसे लाभ प्रदान करती है।

शुरुआती लोगों के लिए हलासन करने की टिप (Tip for doing halasana for beginners in Hindi):

अगर आप पहली बार हलासन की प्रैक्टिस करने जा रहे है तो ऐसे में आपके लिए नीचे कुछ टिप्स दिए गए हैं,

  1. पहली बार हलासन करने वालों को योग प्रशिक्षक से मदद लेने की सलाह दी जाती है धीरे धीरे समय बीतने पर आप स्वयं इस आसन का अभ्यास कर सकते हैं।
  2. इस आसन का अभ्यास अपनी क्षमता से अधिक समय तक करने की कोशिश न करें
  3. यदि आपके पैर के अंगूठे फर्श को छू नहीं पा रहे हैं, तो अपने पैरो पर ज्यादा दबाव न डाले।
  4. शुरुआत में शरीर में लचीलता कम होती है, जो धीरे धीरे नियमित अभ्यास करने से बढ़ती रहती है।
  5. हलासन करने से पूर्व आप कुछ सरल आसन का अभ्यास कर सकते हैं,इससे आपके शरीर में लचकतापन आएगी।
  6. यदि आप सुबह के समय हलासन अभ्यास कर रहे हैं, तो अपने बॉडी से ज्यादा खिंचाव करने की कोशिश न करें।

हलासन के फायदे (Benefits of Halasana in Hindi):

हलासन, या प्लो पोज़, शरीर को कई लाभ प्रदान करने के लिए जाना जाता है, जिसमें थायरॉयड ग्रंथि को उत्तेजित करने और यौन स्वास्थ्य में सुधार करने की क्षमता भी शामिल है। थायराइड और नपुंसकता के लिए हलासन के कुछ फायदे इस प्रकार हैं:

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1.पाचन तंत्र के लिए हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial for the digestive system in Hindi):

पाचन तंत्र  खराब होने के कारण गैस,कब्ज,पेट खराब होना आदि की समस्याएं हो सकती हैं। पाचन तंत्र को ठीक रखने के लिए योग को एक बेहतर विकल्प माना जा सकता हैं,हमारे योगशास्त्र में पाचन तंत्र को ठीक करने के लिए अनेकों आसन दिए गए हैं,इन्ही आसनों में हलासन का नाम भी शामिल हैं,योग गुरु की माने तो इस आसन के नियमित अभ्यास से पाचन तंत्र मजबूत होता हैं,क्योंकि हलासन पाचन तंत्र के अंगों की मसाज करता है ,जिससे पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती हैं इस आसन को करने से पेट, आंत व कई महत्वपूर्ण अंग उत्तेजित होते हैं और प्रभावी रूप से अपना कार्य करने लगते हैं। हलासन करने से पाचन क्रिया में बहुत ज्यादा सुधार देखने को मिल सकता है और कब्ज जैसी समस्याएं भी आसानी से ठीक हो जाती हैं।

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2.शुगर लेवल को कंट्रोल करने में हलासन फायदेमंद (Halasan is beneficial in controlling sugar level in Hindi):

अत्यधिक मीठी चीजें खाने से शुगर लेवल बढ़ने का कारण शरीर में इंसुलिन की कमी हो जाती है जिससे ब्लड का शुगर का लेवल बढ़ जाता है। योग विशेषज्ञ के अनुसार हलासन नियमित अभ्यास से समस्त स्वास्थ्य में सुधार आता है।हलासन हमारे पैंक्रियास की अच्छे से मालिश होती है, जिससे इंसुलिन के स्त्राव में मदद मिलती है। जिन लोगों को उच्च रक्तचाप या उच्च रक्त शर्करा की समस्या है, उनके लिए यह आसन बहुत ही लाभकारी हो सकता हैं। ध्यान रहे अगर आपका शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर दोनो ही बहुत हाई है,तो इस दौरान आप एक अच्छे डॉक्टर या फिर योग विशेषज्ञ के परामर्श पर ही इस आसन को करे।

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3.वजन घटाने में हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial in weight loss in Hindi):

मोटे होने पर हम दूसरे के सामने जाने में शर्मिंदगी का सामना करना पड़ता है,जिस कारण से हमारा स्वयं का आत्मविश्वास कमजोर होने लगता है,और हम मानसिक तनाव की स्थिति से गुजरना पड़ता है,मोटापा होने पर कई सारी बीमारियो से ग्रसित होने की संभावना भी बढ़ जाती हैं,मोटापे को कम करने के लिए कुछ लोग दवाओं का सहारा लेते है,परंतु मेरे अनुसार इन दवाओं के सेवन के साइड इफेक्ट्स देखने को आपको मिल सकते हैं,मोटापे को ठीक करने के लिए योग को एक बेहतरीन उपाय माना जा सकता हैं,मोटापे को कम करने में हलासन एक महत्वपूर्ण रोल अदा कर सकता है,योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन को नियमित रूप से करने पर यह आपके बॉडी का मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है और वजन घटाने में मदद करता है। लेकिन ध्यान रहे आपको इस आसन को कुछ देर तक और अपने मोटापे के अनुसार कई महीनो तक लगातार करने की जरूरत है।

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4.थायरॉयड ग्रंथि के लिए हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial for the thyroid gland in Hindi):

थॉयरॉयड एक ऐसी बीमारी है जिससे सबसे ज्यादा महिलाएं परेशान होती है,थायराइड को ठीक करने के लिए योग को एक बेहतर विकल्प के रूप में माना जा सकता हैं,थॉयरॉयड को ठीक रखने के लिए हमारे योगशास्त्र में अनेकों योगाभ्यास शामिल हैं इन्ही आसनों में हलासन का नाम भी आता है। हलासन एक ऐसी मुद्रा है जिसमें थायरॉयड ग्रंथि पर दबाव डाला जाता है। यह दबाव ग्रंथि को उत्तेजित करने में मदद करता है, जो चयापचय को नियंत्रित करता है और स्वस्थ वजन बनाए रखने में मदद करता है।
हलासन करने से पूर्व ध्यान देने योग्य बातें

5.रक्त का संचार सही तरीके से होना (proper blood circulation in Hindi)

स्वस्थ जीवन जीने के लिए हमारे शरीर में रक्त का संचार सही तरीके से होना अति आवश्यक है, अगर रक्त का संचार हमारे बॉडी में सही तरीके से ना हो तो हमे कई सारी गंभीर बीमारियों की समस्या हो सकती हैं, हलासन का अभ्यास करने से बॉडी में रक्त का संचार सही तरीके से होता है, जिस वजह से हमारे बॉडी की इम्यून सिस्टम मजबूत होती है।

 6.तनाव और चिंता को दूर करने के लिए हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial to relieve stress and anxiety):

अत्यधिक चिंता और तनाव दोनो ही हमारे स्वास्थ के लिए हानिकारक माना जाता हैं,ये दोनो समस्याएं हमारे मानसिक स्वास्थ को प्रभावित करने के लिए जिम्मेदार है, तनाव एक द्वन्द है, जो मन एवं भावनाओं में गहरी दरार पैदा करता है। तनाव अन्य अनेक मनोविकारों का प्रवेश करने का द्वार है। उससे मन अशान्त, भावना अस्थिर एवं शरीर अस्वस्थता का अनुभव करते हैं। ऐसी स्थिति में हमारी कार्यक्षमता प्रभावित होती है और हमारी शारीरिक व मानसिक विकास यात्रा में व्यवधान आता है। हलासन एक शांत मुद्रा है जो शरीर में तनाव को दूर करने और तनाव और चिंता को दूर करने में मदद करता है। तनाव कम करने से थायरॉयड कार्यप्रणाली और यौन स्वास्थ्य में सुधार हो सकता है। हलासन के अभ्यास से दिमाग को शांति मिलती है,और इस आसन के अभ्यास से अनिद्रा की समस्या भी कम हो जाती हैं।

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7.साइनोसाइटिस के लिए हलासन फायदेमंद (Halasana Beneficial for Sinusitis in  Hindi):

आंखों के बीच और माथे, नाक और गालों की हड्डियों (Cheekbones) के पीछे की तरफ छोटे-छोटे एयर पॉकेट होते हैं, जिन्हें साइनस कहा जाता है. जब साइनस और नाक के मार्ग में सूजन आ जाती है, तो इसे साइनसाइटिस कहा जाता है, साइनसाइटिस में नाक, आंख, माथे और जबड़े तक में दर्द और दबाव महसूस होता है. बंद नाक की वजह से सांस लेना मुश्किल हो जाता है और बुखार आदि कई लक्षण परेशान करते हैं। इस परेशानी से छुटकारा पाने के लिए हालासन को लाभकारी बताया गया है,योग गुरु के अनुसार इस आसन के अभ्यास से साइनस के मार्ग में आई सूजन को कुछ हद तक कम किया जा सकता हैं। हालांकि अभी इस बात को लेकर कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है।

8.सिर दर्द के लिए हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial for headache in Hindi):

सिर दर्द होना एक आम समस्या है,लेकिन अगर आप रोजाना सिर दर्द की समस्या से जूझ रहे हैं तो ऐसे में इसे नजरंदाज बिल्कुल भी ना करे,इस समस्या से बचने के लिए रोजाना कुछ मिनटों के लिए योग का अभ्यास करें।इस समस्या के लिए अनेकों योगाभ्यास हमारे योगशास्त्र में दिए गए हैं,इन्ही आसनों में हलासन का नाम भी शामिल हैं ,योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन के नियमित अभ्यास से सिर दर्द और माइग्रेन जैसी समस्याएं ठीक हो सकती है यह आपके शरीर को आगामी माइग्रेन अटैक से लड़ने के लिए तैयार होने में मदद करेगा। हलासन योग, सिरदर्द के के खिलाफ शरीर की रोग प्रतिरोध क्षमता को बेहतर बनाने का एक माध्यम है। 

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9.रीढ की हड्डी को मजबूत बनाने में हलासन फायदेमंद (Halasana is beneficial in strengthening the spine in Hindi):

आजकल रीढ की हड्डी,पीठ में दर्द,कमर दर्द,पैरो में ऐंठन,कंधो में दर्द आदि समस्याएं बहुत ही आम होती जा रही है,इन समस्याओं से उठने बैठने,चलने,फिरने में परेशानियों को सामना करना पड़ता है,अगर आप ही इन सभी समस्याओं से जूझ रहे है तो ऐसे में आप हलासन का नियमित अभ्यास कर सकते हैं,हलासन रीढ़ की हड्डी में लचीलापन बढ़ाता और कमर दर्द में आराम देता है। ये स्ट्रेस और थकान से निपटने में भी मदद करता है। इस आसन से रीढ़ की हड्डी और कंधों को अच्छा खिंचाव मिलता है। हलासन उचित मुद्रा में पीठ की मांसपेशियों से तनाव को दूर करके पीठ दर्द की समस्या से राहत दिलाने में मदद करता है,और रीढ़ की हड्डी की ताकत में सुधार करता है, जिससे दर्द कम होता है। पैरों की ऐंठन की स्थिति के लिए, हलासन एक प्रभावी उपाय है। हलआसन के नियमित अभ्यास से पैरो से जुड़ी विभिन्न मांसपेशियां खिंचती हैं जो पैर में ऐंठन का कारण बनती हैं। यह आसन जांघ और पैर की मांसपेशियों के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है, जिससे दर्दनाक ऐंठन की स्थिति से राहत मिलती है।

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10.इम्यून सिस्टम बढाने में हलासन फायदेमंद (Halasan is beneficial in increasing the immune system):

आपके शरीर में आपका इम्यून सिस्टम बीमारी के खिलाफ रक्षा की पहली पंक्ति है.आपका इम्यून सिस्टम वायरस, हानिकारक बैक्टीरिया, संक्रमण और परजीवी से लड़ने के लिए आपके शरीर में मौजूद प्रोटीन्स और केमिकल्स का इस्तेमाल करता है. इम्यून सिस्टम के मजबूत होने का मतलब बीमार पड़ने का कम खतरा है,अगर आप की इम्यून सिस्टम कमजोर है और आप भी बार बार बीमार पड़ रहैं हैं तो ऐसे में आप हलासन योग की मदद ले सकते है,हलासन रक्त को तंत्रिका तंत्र के प्रत्येक सिरे तक प्रसारित करने में मदद करती है। यह प्रत्येक मांसपेशी की प्रणाली और लचीलेपन को मजबूत करके प्रतिरक्षा प्रणाली में सुधार करता है।

कुल मिलाकर, हलासन अन्य लाभों के साथ-साथ थायराइड समारोह और यौन स्वास्थ्य में सुधार के लिए एक उत्कृष्ट मुद्रा है। यदि आप थायराइड की समस्या या नपुंसकता का अनुभव कर रहे हैं, तो योग अभ्यास शुरू करने से पहले एक स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।

हलासन के नुकसान (Disadvantages of Halasana in Hindi):

अभी तक आपने इस लेख में हलासन के फायदे , हालासन की विधि आदि के बारे में जानकारी प्राप्त की लेकिन आगे इस लेख में इस आसन को करते वक्त क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए,हलासन के क्या नुकसान हो सकते है के बारे में चर्चा करेंगे। हलासन आम तौर पर ज्यादातर लोगों के लिए सुरक्षित है, कुछ लोग ऐसे भी हैं जिन्हें इस आसन से बचना चाहिए या सावधानी बरतनी चाहिए। यहां उन लोगों के कुछ उदाहरण दिए गए हैं जिन्हें हलासन नहीं करना चाहिए:

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 1. गर्दन या पीठ की चोट वाले लोग: हलासन में गर्दन और रीढ़ को मोड़ना शामिल है और इन क्षेत्रों पर दबाव पड़ सकता है। गर्दन या पीठ की चोट वाले लोगों को इस आसन से बचना चाहिए।

 2. गर्भवती महिलाएं: गर्भावस्था के दौरान हलासन करने से बचना चाहिए क्योंकि यह पेट और गर्भाशय पर दबाव डाल सकता है और बच्चे को नुकसान पहुंचा सकता है। पीरियड के दौरान भी इस आसन का अभ्यास नही करना चाहिए।

 3. हृदय की समस्याओं या उच्च रक्तचाप वाले लोग: हलासन में उलटा शामिल होता है, जो रक्तचाप बढ़ा सकता है और हृदय पर तनाव डाल सकता है। हृदय की समस्याओं या उच्च रक्तचाप वाले लोगों को इस आसन से बचना चाहिए या योग प्रशिक्षक की देखरेख में इसे करना चाहिए।

 4. ग्लूकोमा या आंखों की अन्य समस्याओं वाले लोग: हलासन में आंखों पर दबाव डाला जाता है, जिससे आंखों की समस्याएं बढ़ सकती हैं।

नोट (note): उपर्युक्त सभी बातों का ध्यान रखकर आप हलासन की प्रैक्टिस कर सकते है,लेकिन इस बात का ध्यान रखे आप योग की शुरुआत एक योग गुरु या विशेषज्ञ की देखरेख में करें,जब आप इस आसन को करने में सक्षम हो जाए तो आप स्वयं भी इस आसन को कर सकते हैं।

हलासन कितनी देर करना चाहिए (how long should halasana be in Hindi):

 हलासन को धारण करने की अवधि आपके अनुभव और आराम के स्तर पर निर्भर करती है। शुरुआती लोगों को कुछ सेकंड के लिए मुद्रा को बनाए रखना शुरू करना चाहिए और धीरे-धीरे अवधि बढ़ाना चाहिए क्योंकि वे अधिक आरामदायक हो जाते हैं। उन्नत अभ्यासकर्ता इस मुद्रा को कई मिनटों तक बनाए रख सकते हैं। लेकिन ध्यान रहे अपने शरीर की बात सुनना ज़रूरी है और इसे ज़्यादा नहीं करना चाहिए। यदि आपको कोई दर्द या असुविधा महसूस हो तो आपको आसन छोड़ देना चाहिए।

हलासन करने से पहले करे ये आसन - Halasana karne se pehle kare yeh aasan):-

हलासन करने से पहले आप नीचे दिए गए निम्न आसन कर सकते हैं, जिससे आपकी कूल्हे, जांघे और पूरी बॉडी में लचीलापन आ जाएगा और आपकी बॉडी हलासन करने के लिए तैयार हो जाएगी।

  1. बालासन 
  2. विरासन
  3. सेतुबंधासन 
  4. सर्वांगासन

हलासन करने के बाद करे ये आसन - Halasana karne ke baad kare yeh aasan):

  1. ऊर्ध्व पद्मासन
  2. मत्स्यासन
  3. पिंडासन
  4. शीर्षासन

निष्कर्ष (conclusions):

योग का हमारे जीवन में कितना महत्व है,ये बात आपको इस लेख को पढ़कर समझ में आ गया होगा,साथ में हालासन के फायदे,हलासन के नुकसान,हलासन करने की विधि आदि के बारे में भी आपको अच्छे से समझ आ गया होगा।उम्मीद है कि आपको ये लेख पसंद आया होगा परंतु अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

भुजंगासन

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