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आंवला के फायदे:पेट दर्द से लेकर चेहरे को सुंदर बनाये रखने के लिए फायदेमंद है आंवला

 आंवला आकार में जितना छोटा है,उससे कई गुना लाभकारी गुण इसके अंदर पाए जाते हैं,आंवला के इसी गुणों के कारण हमारे आयुर्वेद में इसे अमृतफल के नाम से जाना जाता है,आंवला हमारे बालों से लेकर,स्किन,और शरीर की कई बीमारियो के लिए प्रयोग में लाने जाता है और ये प्रयोग आज से नही वैदिक काल से चलता आ रहा है,आंवला को कच्चा,उबालकर,चूर्ण बनाकर, अचार,जूस,मुरब्बा आदि के रूप में प्रयोग में लाया जाता हैं। तो चलिए इस लेख में हम आंवला के फायदे,आंवला के नुकसान और आंवला से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बातो पर जानकारी देने की कोशिश करेंगे। पूरी जानकारी के लिए लेख में अंत तक बने रहे।

आंवला के फायदे


आंवला क्या है (what is amla):

हमे आंवला,आंवले के वृक्ष से प्राप्त होता है,आंवला का वृक्ष की लंबाई 20 से 25 फीट लंबा होता है, आंवला के वृक्ष की छाल राख के रंग की, पत्ते इमली के पत्तों जैसे, किंतु कुछ बड़े तथा फूल पीले रंग के छोटे-छोटे होते हैं। फूलों के स्थान पर गोल, चमकते हुए,हरे रंग के फल लगते हैं, जो आँवला नाम से ही जाने जाते हैं।आंवला स्वाद में खट्टा (कसाय) होता है और इसका रंग हरा होता है,आंवला के अंदर एक बीज भी पाया जाता है जबकि इसका बाहरी आवरण चिकना और गुदेदार होता है।यह वृक्ष समस्त भारत में जंगलों तथा बाग-बगीचों में होता है। वाराणसी का आँवला सब से अच्छा माना जाता है। यह वृक्ष कार्तिक में फलता है।
यह एशिया के अलावा यूरोप और अफ्रीका में भी पाया जाता है। हिमालयी क्षेत्र और प्राद्वीपीय भारत में आंवला के पौधे बहुतायत मिलते हैं।

आंवला की उत्पत्ति (Origin of Amla):

हिंदू धर्म के मान्यता के अनुसार जब पूरी पृथ्वी जलमग्न हो गई थी तब ब्रह्मा जी ने कमल पुष्प में विराजमान होकर परब्रह्म की तपस्या कर रहे थे। वह अपनी कठिन तपस्या में लीन थे। तपस्या के करते-करते ब्रम्हा जी की आंखों से आंसू टपकने लगे, कहा जाता है कि इन्हीं आंसुओं से आंवला का पेड़ उत्पन्न हुआ, जिससे इस चमत्कारी औषधीय फल की प्राप्ति हुई। इस तरह आंवला वृक्ष इस धरती पर आया और यह एक लाभकारी फल हुआ।

आंवला के फायदे

आंवला में पाए जाने वाले पोषक तत्व:

आंवला में मुख्य रूप से विटामिन्स (vitamins) के अलावा, फाइबर, फोलेट, एंटी-ऑक्सिडेंट्स, फॉस्फोरस, आयरन, कार्ब्स, ओमेगा 3,मैग्निशियम और कैल्शियम ,प्रोटीन,कार्बोहाइड्रेड आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं।

आंवला की फैमिली:

औषधीय गुण व पोषक तत्वों से भरपूर आँवला के फल प्रकृति की एक अभूतपूर्व देन है। इसका वानस्पतिक नाम एम्बलिका ओफीसीनेलिस है।

आंवला फाइलैंथेसी (Phyllanthaceae) फैमिली से संबंधित है।

आंवला ठंडा है या गरम:

बात करे आवला की तासीर के बारे में तो इसकी तासीर ठंडी होती है,इसलिए इसे ठंडी में ज्यादा मात्रा में सेवन करने से बचना चाहिए,और अगर ठंडी के मौसम में भी आंवला का नियमित रूप से सेवन करना चाहते है तो इसके जूस में थोड़ी सी काली मिर्च डालने से ये आवले के ठंडक को कम करने में मदद करेगी।

लेकिन वही बात करे गर्मियों में तो गर्मियों में इसका सेवन आप नियमित रूप से कर सकते है इसकी तासीर ठंडी होने के कारण ये आपको गर्मी से आराम दिलाने में मदद कर सकता हैं।


आंवला के अन्य भाषाओं में नाम (Amla name in other languages):

आंवला को हम अन्य देशों या राज्यों में अन्य नाम से जानते है।जैसे कि–

Hindi- आमला, आँवला, आंवरा, आंबला औरा

English- इण्डियन गूजबेरी (Indian gooseberry)

Marathi- आँवले (Anwale), आवलकाठी (Aawalkathi)

Punjabi- आमला (Amla)

Telugu- उसरिकाय (Usirikai)

Bengali- आमला (Amla), आमलकी (Amlaki)

Nepali- अमला (Amla)

Malayalam- नेल्लिका (Nellikka), नेल्लिमारम (Nellimaram)

Tamil- नेल्लिमार (Nellimaram)

Gujarati- आमला (Amla), आमली (Amli)

Kannada- नेल्लि (Nelli), नेल्लिकाय (Nellikai)

Urdu- आँवला (Anwala)

आंवला के फायदे (Benefits of Amla)

आंवला के एक नही अनेको फायदे हैं आंवला के नियमित और उचित मात्रा में सेवन करने से खून साफ,ज्वाइंडिस,पेट संबंधी समस्या,दस्त,मधुमेह और अनेको बीमारियो में लाभदायक है।आंवला हमारे शरीर के वात, पित्,कफ को संतुलित बनाता है।चलिए अब इस लेख में हम अब आंवला के फायदे के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करते हैं।

1.मधुमेह के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for diabetes in Hindi):

यदि आप एक मधुमेह रोगी हो तो ऐसे में आपको आंवले का सेवन नियमित रूप से जरूर करना चाहिए,क्योंकि आंवला के प्रयोग से मधुमेह को कम किया जा सकता है,आंवला पर किए गए कई सोध से ये बात सिद्ध हुई है की आंवले में एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी डायबिटीज गुण पाए जाते है जो बढ़े हुए शुगर लेवल को कम करने में मदद कर सकते हैं।लेकिन सिर्फ आंवला के प्रयोग से ही शुगर लेवल को कम नहीं किया जा सकता हैं,इसके साथ रोज सुबह थोड़ी व्यायाम,और एक डाईट प्लान की भी आवश्यकता होती है।

इसे भी पढ़ें:  मधुमेह क्या है,इसके लक्षण,और इसे ठीक करने के घरेलू उपाय

आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

मधुमेह के रोगियों सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी में 10 ml आंवला और 10 ml जामुन जूस डालकर पी सकते है।

मधुमेह के रोगी आंवले की चटनी बनाकर खा सकते है।

मधुमेह के रोगी आंवले को सुखाकर इसका चूर्ण बनाकर भी सुबह शाम गुनगुने पानी के साथ ले सकते है।

2.लीवर के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for liver):

लीवर को खराब होने के कारण हमारा गलत खान पान और जीवनशैली हो सकती है,जिसके कारण से हमे पीलिया जैसे रोग,लीवर में सूजन भी होने की संभावना बढ़ जाती हैं,लीवर को 

इस समस्या से बचाने के लिए आप आंवले का सेवन कर सकते है क्योंकि आंवले में सूजन को कम करने का गुण पाया जाता है,इस आधार पर हम यह कह सकते है की लिवर के लिए आंवला फायदेमंद होता है,लेकिन आंवला के सेवन के साथ रोज थोड़ी व्यायाम और अपने खान पान पर भी विशेष ध्यान देने की जरूरत है।

आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

  • पीलिया रोगियों को प्रतिदिन अपने भोजन में आंवले को चटनी को सेवन करना चाहिए।
  • लीवर के सूजन को कम करने के लिए खाने के दस मिनट बाद आंवले के 10ml जूस को हल्के गुनगुने पानी में डालकर सेवन करना चाहिए।


3.हृदय के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for heart):

हमे स्वस्थ रहने के लिए आवश्यक है की हमारा हृदय स्वस्थ रहे और इस हृदय को स्वस्थ और सुंदर बनाए रखने के लिए आवश्यक है की हम अपने खान पान पर विशेष ध्यान दे,अगर हम अपने खान पान और जीवनशैली पर लापरवाही करते है तो ऐसे में हृदय से संबंधी समस्या होना स्वाभाविक है,अगर आप भी हृदय से संबंधी बीमारी से जूझ रहे है तो आपके लिए जरूरी की आप रोज थोड़ी व्यायाम और अपने हेल्थी डाइट में आंवले को भी सम्मलित करने की जरूरत है,क्योंकि आंवले पर किए गए एक भारतीय शोध के अनुसार आंवले में कोलेस्ट्रॉल,शुगर लेवल और ब्लड प्रेशर को कम करने का गुण पाया जाता हैं,और ये सभी कारक आपके हृदय को क्षति पहुंचाने के लिए जिम्मेदार है। अतः इस आधार पर यह कहना गलत नही होगा की आंवला हृदय को स्वस्थ बनाए रखने में मदद कर सकता हैं।

आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

  • आंवले के 10 ml जूस और 10 ml aloevera जूस को एक गिलास गुनगुने पानी में मिलाकर रोज सुबह खाली पेट पीने से आराम मिल सकता है।
  • आंवले का पाउडर बनाकर भी आप इसका सेवन भोजन के बाद कर सकते हैं।
  • आंवले का चटनी बनाकर भी भोजन के समय ले सकते है।

4.पाचन क्रिया के लिए आंवले का प्रयोग (Use of gooseberry for digestion)

अगर आप का पाचन तंत्र कमजोर है तो ऐसे में आपका बार पेट खराब होना,कब्ज होना,गैस बनना, अल्सर आदि समस्याएं हो सकती हैं।आप अपने पाचन तंत्र को सुधारने के लिएं आंवले का सेवन कर सकते है क्योंकि आंवले में पाचन तंत्र को मजबूत बनाने का गुण होता है।आंवले पर किए गए एक शोध के अनुसार आंवले में पाचन सुधार,कब्ज,अपच और अल्सर जैसी बीमारियो से लड़ने का गुण पाया जाता हैं,अतः हम इस आधार पर यह कह सकते है की हम अपने पाचन तंत्र को रोज थोड़ा व्यायाम और अपने हेल्थी डाइट में आंवले को अपनाकर ठीक कर सकते हैं।

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आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

अगर आप कब्ज से परेशान है तो आवले के बने त्रिफला चूर्ण का एक चम्मच रात में सोने से पहले गुनगुने पानी के साथ प्रयोग में लाए।

5.रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए आवले का प्रयोग (Gooseberry to increase immunity):

कमजोर इम्यून सिस्टम होने पर हम बार बार बीमार पड़ते है,ऐसे में जरूरी है की हम अपने जीवन शैली में कुछ बदलाव करने की जरूरत है,एक शोध के अनुसार विटामिन सी में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने का गुण पाया जाता हैं क्योंकि आंवले में विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं जो हमारे रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाने के लिए आंवले को बहुत ही ज्यादा फायदेमंद माना जाता हैं।ऐसे में अगर हम नियमित रूप से थोड़ी देर सूक्ष्म व्यायाम और एक हेल्थी डाइट के साथ आंवले का संतुलित मात्रा में सेवन करते है तो ये हमारे शरीर को रोगों से लड़ने में सक्षम बनाएगा और हम कम बीमार पड़ेंगे।

प्रयोग विधि:

  • आंवले के 10 ml जूस को रोज सुबह खाली पेट एक गिलास गुनगुने पानी के साथ करने से इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है।
  • खाना खाने के बाद आंवले के पाउडर को खाने से पाचन क्रिया और इम्यूनिटी दोनो ठीक रहते है।

6.गठिया रोग के लिए आंवले का प्रयोग (Use of gooseberry for arthritis):

गठिया रोग होने पर आदमी को चलने,फिरने, उठने,बैठने में परेशानी होने लगती हैं।गठिया रोग को ठीक करने के लिए आंवले को फायदेमंद माना जाता है। क्योंकि एक रिपोर्ट के अनुसार आंवले में सूजन को कम करने की क्षमता होती है जी गठिया के दौरान हुए सूजन को कम करने में मदद करता है। साथ ही इसमें पाए जाने वाला विटामिन सी और एंटी ऑक्सीडेंट गुण गठिया रोग के लिए बहुत ही लाभदायक माना जाता है।आंवले में कैल्शियम पाया जाता है जो हड्डियों को मजबूत बनाने और मांसपेशियों के दर्द को कम करने में मदद करता है इस प्रकार आंवले के प्रयोग से जोड़ों की दर्द में भी आराम मिलता है।

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आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

एक एक चम्मच आंवला पाउडर और लगभग 15 से 20 ग्राम गुण को एक गिलास पानी में डालकर 10 से 15 मिनट तक गर्म करें और जब पानी आधा गिलास रह जाए तब गैस को बंद कर दे और जब यह मिश्रण गुनगुना रह जाए तो इसे चाय की तरह धीरे-धीरे पिए, ऐसा आप रोजाना दिन में दो बार पी सकते हैं ,ध्यान रहे इस दौरान नमक का सेवन बिल्कुल ना के बराबर करें।

7.वजन घटाने में आंवला का प्रयोग (use of amla in weight loss):

वजन का बढ़ने से व्यक्ति कई बार लोगों के सामने जाने  या बात करने में असहज महसूस करने लगता है,ऐसे में अगर इस असहजता से बचना चाहते है तो आपको रोज सुबह शाम एक्सरसाइज और अपने डाइट प्लान में आंवले को भी सम्मलित कर लेना चाहिए,क्योंकि एक शोध के अनुसार आंवले में विटामिन सी और फाइबर पाए जाते है जो वजन को कम करने के लिए जाने जाते है।

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आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

  • रोज सुबह गरम पानी में एक चम्मच जूस और शहद डालकर पीने से वजन घटने में मदद मिलती हैं।
  • आंवला जूस के साथ अलवेरा जूस को मिलाकर पीने से भी वजन कम होता है।

8.कुष्ठ रोग में आंवला का प्रयोग (Use of Amla in leprosy):

कुष्ठ रोगियों के लिए भी आंवले को फायदेमंद माना जाता हैं,एक शोध के अनुसार आंवले में कुष्ठ के रोग को कम करने की क्षमता होती है, ऐस में अगर आप आंवले का सही तरीके से प्रयोग करते है तो ये आपके लिए बहुत लाभदायक होगा।

प्रयोग विधि:

  • आंवला के 20 से 25 पत्ते और नीम के दो पत्ते को समान मात्रा में लेकर महीन चूर्ण बना लें। अब एक चम्मच शहद में अच्छे से मिलाकर  रोज सबुह शहद के साथ चाटें। 

9.धातु रोग में आंवले का प्रयोग (Use of Amla in leprosy in Hindi):

धात रोग की समस्या आमतौर पर नौजवानों में ज्यादा होती है. इस रोग को ठीक करने में नियमित रूप से आंवले का सेवन करने से धातु रोग में आराम मिलता है।

प्रयोग विधि:

  • इसको प्रयोग में लाने के लिए आंवले के एक चम्मच पाउडर में दो चम्मच मिश्री को पीसकर मिला लें। इसे ताजे जल के साथ 15 दिन तक लगातार सेवन करें। 

10.बालों के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for hair):

आजकल हर कोई सफेद बाल,दो मुहे बाल,रूखे सूखे बाल से परेशान है,ऐसे में अगर आप अपने बालों को सुंदर और चमकदार बनाना चाहते है तो आप आंवले का प्रयोग कर सकते है।

आंवला के फायदे

प्रयोग विधि:

  • लोहे की कड़ाही या फिर तवा में आंवला, रीठा और शिकाकाई को  समान मात्रा में मिलाकर काढ़ा बना लें। इसे अपने बालो में कम से कम आधा घंटा तक लगायें। सूखने के बाद पानी से बालों को धो लें,इससे बाल मुलायम, घने और लंबे होते हैं।
  • आंवला चूर्ण को गुड़हल फूल के साथ पीस लें,लोहे की कड़ाही में आप रात में इन दोनो को अच्छे से मिलाकर भिगो दें,अब इसे सुबह अपने सिर में लगाए और फिर कुछ देर बाद पानी से धो लें। इससे बाल सफेद नहीं होते हैं। 

11.त्वचा के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for skin):

कौन नहीं चाहता है कि उसकी स्किन साफ सुंदर और चमकदार रहे,अगर आप भी अपने चेहरे को सुंदर और चमकदार बनाना चाहते हैं तो ऐसे में आप आंवले का सेवन कर सकते है क्योंकि आंवले में मौजूद विटामिन सी और प्रोटीन स्किन को चमकदार और झुरियो को कम करने के लिए फायदेमंद होता है,आजकल मार्केट में आने वाले कई सारे प्रोडक्ट में आंवले का प्रयोग देखने को मिल रहा है।

आंवला के फायदे

प्रयोग विधि :

  • आंवले के जूस को सुबह शाम खाली पेट पीने से स्किन में चमक आता है।
  • आंवला और एलोवेर के जूस को पीने से भी स्किन में चमक आती है।

12.आंखो के लिए आंवला का प्रयोग (use of amla for eyes):

आंखो की रोशनी कमजोर होना,या आंखो में दर्द होना,मोतियाबिंद होना आदि समस्याओं के लिए आंवला बहुत ज्यादा फायदेमंद माना जाता है,क्योंकि आंवले में विटामिन सी भरपूर मात्रा में पाया जाता हैं जो हमारे आंखो के लिए फायदेमंद होता है।

प्रयोग विधि:

  • रोज सुबह खाली पेट दो चम्मच आंवला जूस के साथ एक चम्मच शहद को गुनगुने पानी के साथ पीने से आंखो की रोशनी बढ़ने में मदद मिलती है।
  • आंवला के पाउडर को एक चम्मच शहद के साथ रोजाना खाना खाने के बाद खाने से आराम मिलता है।

13.खून को साफ करने के लिए आंवला का प्रयोग (Use of Amla in Hindi) :

खून के खराब होने पर हमे फोड़ा,फुंसी,चेहरे पर मुंहासे,दाग,धब्बे आदि हो सकते है,ऐसे में इन सब चीजों से बचने के लिए आंवले का प्रयोग करना चाहिए।क्योंकि आंवले में खून को साफ करने के गुण पाए जाते है,

प्रयोग विधि:

आंवले के 10 ml जूस को गुनगुने पानी में डालकर रोज सुबह खाली पेट पीने से खून साफ होता है।इसका सेवन कम से कम पंद्रह से एक महीने लगातार करना चाहिए।

आंवला के नुकसान (Disadvantages of Amla):

अभी तक आपने इस लेख में आंवले के फायदे के बारे में पढ़ा है,लेकिन अब आगे इस लेख में आंवला के नुकसान के बारे में चर्चा करेंगे।बात करे आंवला का अगर बहुत अधिक मात्रा में किया जाय तो इसके आपको कई साइड इफेक्ट देखने को मिल सकते है।

  • लो ब्लड प्रेशर वाले मरीजों को आंवला का अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए,क्योंकि आंवले में ब्लड प्रेसर को कम करने की क्षमता होती है।
  • अगर आप मधुमेह रोगी है और मधुमेह की दवा खा रहे है,तो ऐसे में भी आपको आंवले के सेवन से बचना चाहिए।
  • अत्यधिक मात्रा में आंवला का सेवन करने से कब्ज,या फिर दस्त की समस्या हो सकती है।
  • आंवले को अत्यधिक मात्रा में सेवन करने से पेशाब में जलन उत्तपन् हो सकती है,क्योंकि आंवले में पाए जाने वाले तत्व विटामिन सी के कारण ये समस्या हो सकती है।
  • अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो ऐसे में आपको  अत्यधिक मात्रा में आंवले के सेवन से बचना चाहिए,फिर भी अगर आप आंवले का सेवन करते है तो ऐसे में जरूरी है की आप अधिक मात्रा में पानी का सेवन करना चाहिए।

आंवले की चटनी बनाने की विधि (How to make Amla Chutney):

आंवले की चटनी बनाने के लिए निम्न सामग्री की आवश्यकता होती हैं।

सामग्री:
  • दो से चार आंवला
  • दो कली लहसून
  • एक हरा मिर्च
  • दो से तीन पत्ते हरी धनिया
  • दो से चार पत्ते पुदीना
  • अदरक एक छोटा टुकड़ा
  • नमक स्वादानुसार 

बनाने की विधि:

इसे बनाने के लिए आंवला के बीए को निकल ले,अब उपर बताए गए सभी चीजों को मिक्सर के जार में डालकर अच्छे से पीस ले,अब इसे एक बर्तन में निकाल ले,अब आपके आंवले को चटनी बनकर

आंवला का अचार बनाने की विधि (Amla Pickle Recipe):

ये विधि आंवला को दो से चार दिन बनाकर खा सकते है,ज्यादा दिनो तक रखने पर ये खराब हो जाएगा।

सामग्री:

  • आधा किलो आंवला
  • हरा धनिया 1/4 kg
  • लहसून 1/4 kg
  • हरा मिर्च 1/4 kg
  • नमक स्वादानुसार
  • सरसो का तेल 

बनाने की विधि:

आप कच्चे आंवले को पानी में उबाल ले,आंवला जब हल्का पक जाए तो गैस बंद कर दे अब ठंडा होने के बाद इस आंवले में से बीज निकाल दे।
अब इस आंवले को थोड़ी देर तक धूप में सूखने के लिए डाल दे।
 धनिया, लहसून,मिर्च,को मिक्सर में पीस ले ,और इस मिश्रण को आंवले में मिला दे,
इसके बाद इसमें तेल और नमक मिला ले,अब आपका आंवला का अचार बनकर तैयार है। इसे आप एक डिब्बे में बंद करके फ्रीज में रखकर कुछ दिनों तक उपयोग में ला सकते है।

आंवला और एलोवेरा जूस पीने का सही तरीका:
एक चम्मक आंवला और एलोवेरा जूस को एक गिलास गुनगुने पानी में डालकर रोज सुबह खाली पेट पीने से हमे अदभुत परिणाम देखने को मिल सकते हैं।

निष्कर्ष:

इस लेख में मैने आंवला के फायदे और उससे संबंधित कुछ विशेष बातों पर प्रकाश डालने की कोशिश की है,उम्मीद है की आपको यह लेख पसंद आया होगा।अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं,मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!


अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हरे कृष्णा हेल्थ केयर एंड फिटनेस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।


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