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सर्प के जैसे दिखने वाले आसन भुजंगासन के फायदे,नुकसान,भुजंगासन करने का सही तरीका।

 शरीर को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखने के लिए स्वास्थ्य विशेषज्ञ के अनुसार हर व्यक्ति को नियमित रूप से योग करना बहुत जरूरी है। योग के द्वारा कई तरह के रोगों के खतरे को कम करने में भी भी मदद मिल जाता है। योग विशेषज्ञों के अनुसार मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए भुजंगासन जैसे योग का नियमित रूप से अभ्यास करना आपके लिए काफी लाभदायक हो सकता भुजंगासन कमर या पीठ के दर्द से परेशान लोगों लिए बहुत लाभकारी माना जाता है,साथ ही शरीर में ब्लड सर्कुलेशन को सही करने, मानसिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और कई अन्य तरह की समस्याओं के खतरे को कम करने में भी भुजंगासन योग के नियमित रूप से अभ्यास को लाभदायक माना जाता है। आज हम इस लेख में भुजंगासन के फायदे,भुजंगासन करने की विधि आदि महत्वपूर्ण बातों पर जानकारी दी जाएगी।

सर्प के समान दिखाई देने वाला आसन ,भुजंगासन के फायदे,नुकसान,भुजंगासन करने का सही तरीका।


विषय सूची

भुजंगासन क्या है?

भुजंगासन कैसे करते हैं ?

शुरुआती लोगों के लिए भुजंगासन करने की टिप।

एडवांस लेवल भुजंगासन

भुजंगासन के फायदे 

भुजंगासन के नुकसान 

भुजंगासन करने का सही समय

भुजंगासन कितने देर करना चाहिए

योग दर्शन के अनुसार भुजंगासन

निष्कर्ष


भुजंगासन क्या है (what is bhujangasana in Hindi):

भुजंगासन संस्कृत के दो शब्दो (भुजंग+आसन) से मिलकर बना है,इसमें भुजंग का मतलब होता है,सर्प और आसन का मतलब होता है,मुद्रा या स्थिति।इस आसन का नाम भुजंगासन इसलिए पड़ा क्योंकि इस आसन को करते वक्त व्यक्ति का सिर सर्प के समान उठा हुआ प्रतीत होती हैं इसीलिए इस आसन को भुजंगासन कहते हैं।भुजंगासन पदमासन का एक महत्वपूर्ण आसन हैं, इसे सर्पासन भी कहते है, और यह अष्टांग योग का भी एक प्रमुख आसन हैं, अंग्रेजी में इसे कोबरा पोज  (cobra pose ) कहते हैं।

भुजंगासन सुर्य नमस्कार के 12 आसनों में 7 वे नंबर आनेवाला एक आसन हैं, इस आसन से रीढ़ की हड्डी सशक्त होती है। और पीठ में लचीलापन आता है। यह आसन फेफड़ों की शुद्धि के लिए भी बहुत अच्छा है और जिन लोगों का गला खराब रहने की, दमे की, पुरानी खाँसी अथवा फेंफड़ों संबंधी अन्य कोई बीमारी हो, उनको यह आसन करना चाहिए


भुजंगासन कैसे करते हैं (How to do Bhujangasana in Hindi)

किसी भी आसन का लाभ पाने के लिए जरूरी है की उस आसन को सही तरीके से किया जाय,अगर हम आसन को करने में गलती कर देते है तो ऐसे में हमे उस आसन का उचित लाभ मिल पाना थोड़ा मुश्किल हो सकता हैं,इस आर्टिकल में आगे भुजंगासन कैसे करते है,इसकी एकदम सटीक जानकारी दी जाएगी।

सर्प के समान दिखाई देने वाला आसन ,भुजंगासन के फायदे,नुकसान,भुजंगासन करने का सही तरीका


  • किसी भी आसन को करने से पहले एक स्वच्छ शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे।
  • अब अपने योग मैट पर उल्टे यानी पेट के बल लेट जाएं,अपने दोनो हाथों को सिर के दोनों तरफ रखें, और अपने माथे को जमीन के संपर्क में रखें।
  • इस बात का ध्यान रहे इस दौरान अपने पैरों को एक दम सीधा और तना हुआ,अपने पैरो के बीच थोड़ी दूरी रखें।

  • अब अपनी दोनों हांथ की हथेलियों को अपने कंधों के बराबर में लाएं। 
  • अब लंबी गहरी सांस भरते हुए अपने हाथों से जमीन की ओर दबाव डालते हुए, नाभि तक शरीर (सबसे पहले मस्तक, फिर छाती और आखिर में नाभि वाले) अंग को धीरे धीरे ऊपर उठाने का कोशिश करें।

  • इस पोजीशन में आप आसमान की ओर अपनी क्षमता अनुसार देखने की कोशिश करें, और इस स्थिति में कुछ देर रहने की कोशिश करे।
  • इस स्थिति में आप सामान्य रूप से सांस लेते रहें, अपने शरीर का भार दोनों हाथों पर बराबर बनाएं रखें।
  • अब समान्य अवस्था में आने के लिए आप अपनी सांस धीरे-धीरे छोड़ते हुए अपनी अवस्था में आ जाएं।
  • इस तरह इस आसन का एक चक्र पूरा होता है।
  • आप अपनी क्षमता अनुसार इस आसन को चार से पांच बार कर सकते हैं।

ऊपर बताए गए भुजंगासन की विधि एक दम सरल और आसान भाषा में समझाने की कोशिश की गई है उम्मीद है की आपको भुजंगासन कैसे करते हैं,ये समझ में आ गया होगा।


शुरुआती लोगों के लिए भुजंगासन करने की टिप ( Beginner’s Tip to do Cobra Pose in Hindi):

अगर आप पहली बार भुजंगासन करने जा रहे हैं तो ऐसे में आपके लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स नीचे दिए गए हैं जिसका प्रयोग करके आप भुजंगासन को आसानी से कर सकते हैं


  • भुजंगासन करने से पहले अगर आप थोड़ी देर आसान आसनों को कर ले तो इससे आपका शरीर थोड़ा लचीला हो सकता है। इन आसन आसनों की बात करे तो जैसे आप कुछ देर पद्मासन,सुखासन की मुद्रा में बैठ सकते है।
  • भुजंगासन को करते वक्त अपने हाथों पैरो गर्दन आदि के साथ जबरदस्ती नहीं करनी है,आप अपने क्षमता के अनुसार ही गर्दन को मोड़ने की कोशिश करे।
  • आप अपने गर्दन छाती को एक झटके में उठाने की जरूरत नहीं है,आप इन सभी हिस्सों को आराम से धीरे धीरे उठाए।
  • इस आसन में सिर को उठाने से पूर्व अपने दोनों हाथ छाती से ऊपर और कंधों के ठीक नीचे होने चाहिए।
  • इस आसन को करते वक्त अपने हाथों को कोहनियों को हल्का सा मुड़ा रहने दें।
  • जब आप अपने सिर को ऊपर उठाएं तो इस बात का भी ध्यान दे कि आपके रीढ़ की हड्डी के निचले हिस्से पर अधिक दबाव न पड़े। इसके लिए आप अपने दोनो पैरो के बीच में थोड़ी दूरी बनाकर रखे।
  • आप जब इस आसन में हों, अपने शरीर को आराम की स्थिति में बनाए रखने का प्रयास करें।
एडवांस लेवल भुजंगासन (Advance Level Bhujangasana):

भुजंगासन की एक और मुद्रा भी होती है।इस मुद्रा के अभ्यास की सलाह सिर्फ उन्ही लोगों को दी जाती है जो योग में एक्सपर्ट होते हैं, इस मुद्रा को भेक भुजंगासन (Bheka Bhujangasana) कहा जाता है। भेक भुजंगासन में टांगें घुटनों से मुड़ी हुई होती हैं। जबकि पैर जांघों के नीचे पालथी मारकर रखे जाते हैं। इस आसन के अभ्यास से रीढ़ की हड्डी पर जबरदस्त दबाव पड़ता है। 

भुजंगासन के फायदे (Benefits of Bhujangasana in Hindi):

भुजंगासन करने से कई सारे शारीरिक और मानसिक लाभ मिलता है,इस आसन को करने से पंचान तंत्र,डिप्रेशन,कमर दर्द,गले के दर्द,पीठ दर्द,कंधे में दर्द आदि की समस्याओं के लिए लाभकारी माना जाता हैं।

1.डिप्रेशन को कम करता है भुजंगासन (Bhujangasana reduces depression in Hindi):

योग से मानसिक शांति भी मिलती है। मेडिटेशन जैसा चीजों से मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर किया जा सकता है।तनाव शारीरिक हो या फिर मानसिक, दोनों ही स्थितियों में भुजंगासन का अभ्यास लाभकारी सिद्ध हो सकता है। भुजंगासन पर किए गए एक शोध में इस बात की पुष्टि हुई है कि भुजंगासन चिंता के कुछ सामान्य लक्षणों जैसे :- थकान, कमजोरी और सिर दर्द को दूर करने में मदद कर सकता है, लंबे समय तक योग को दिनचर्या में शामिल करने से स्वास्थ्य लाभ होते है। एक स्टडी के लिए हठ योग कार्यक्रम कराया गया, जिसमें हफ्ते में दो बार योग भुजंगासन का अभ्यास किया गया। और आठ हफ्ते बाद परिणाम ये आया की प्रतिभागियों के डिप्रेशन के लक्षणों में कमी देखने को मिला।

2.कमर दर्द में के लिए भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial for back pain in Hindi):

अगर आप काफी देर एक ही जगह पर बैठे रहते है तो ऐसे में एक जगह पर बैठे रहने के कारण आपके पीठ और कमर में दर्द हो सकता हैं इस दर्द से राहत पाने के लिए भुजंगासन किया जा सकता है। यह कमर और पीठ को स्ट्रेच करता है।क्योंकि भुजंगासन करते वक्त कमर की हड्डी में एक खिंचाव पैदा होता हैं जिसके कारण से कमर की हड्डी में लचीलापन आने लगता है,भुजंगासन कमर, पीठ और रीढ़ की हड्डी के लिए फायदेमंद है। यह कमर दर्द और और पीठ के दर्द से राहत देता है।

3.मधुमेह में भुजंगासन फायदेमंद (bhujangasana beneficial of diabetes in Hindi):

भुजंगासन करने से मधुमेह को कंट्रोल किया जा सकता हैं भुजंगासन मधुुुमेह को कम करने में भी फायदेमंद होता, इसे नियमित करने से इंंन्सुलिन मात्रा सही बनी रेहती है और यह रक्तपरिसंचरण भी अच्छा बना रेहता हैं।लेकिन अगर आप एक मधुमेह रोगी हैऔर आप मधुमेह की दवा का सेवन कर रहे है तो ऐसे में एक बार आप योग विशेषज्ञ या फिर हेल्थ एक्सपर्ट से सलाह जरूर लें। और भुजंगासन की शुरुआत आप एक योग विशेषज्ञ के देखरेख में करे तो ये आपके लिए ज्यादा बेहतर होगा।

4.लिवर और किडनी के लिए भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial for liver and kidney in Hindi):

लीवर और किडनी हमारे शरीर के पाचन क्रिया को सही तरीके से कार्य करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते है,ऐसे में अगर ये दोनो खराब हो जाए तो व्यक्ति के जीवन में संकट आना तय है,ऐसे में लिवर और किडनी को स्वस्थ बनाए रखने में भुजंगासन अहम भूमिका निभा सकते हैं। भुजंगासन पर किए गए एक शोध में माना गया है कि भुजंगासन शरीर में रक्त संचार को बढ़ाकर कई अंगों को स्वस्थ रखने में मदद कर सकता है, जिनमें किडनी और लिवर भी शामिल हैं इस आधार पर भुजंगासन को किडनी और लिवर के स्वास्थ्य को बनाए रखने में भी प्रभावी माना जा सकता है।

5.वजन को कम करने में भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial in reducing weight in Hindi):

वजन को कम करने के लिए हमारे योगाभ्यास में अनेको आसन और प्राणायाम शामिल है,इन्ही आसनों में भुजंगासन का भी नाम समलित है,
भुजंगासन के नियमित अभ्यास से पेट की मांसपेशियों में खिंचाव पैदा होता है,जिसके कारण बढ़े हुए वजन को कम करने में मदद मिल सकती है।भुजंगासन का विशेष लाभ पेट की चर्बी को ठीक करने में माना जाता हैं,वहीं, संपूर्ण शारीरिक वजन को नियंत्रित करने से संबंधित एक शोध में इस बात माना गया हैं कि इस आसन को करने से पेट की चर्बी के साथ ही साथ पूरे शरीर के वजन को कम किया जा सकता है।

6.साइटिका और अस्थमा में भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial in sciatica and asthma in Hindi):

अस्थमा और साटिका के लिए हमारे योगाभ्यास में अनेको आसन शामिल हैं,और इन्ही आसनों में भुजंगासन का नाम भी शामिल हैं भुजंगासन पर संबंधित एक शोध में इस बात की स्पष्ट रूप से पुष्टि की गई है कि यह आसन साइटिका के दर्द में आराम पहुंचा सकता है, साथ ही इस बात को भी प्रमाणित किया गया है कि यह साइटिका के साथ अस्थमा के लक्षणों को भी नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है। हालाकि गंभीर अस्थमा रोगियों को इस सोध में इस आसन का अभ्यास नहीं ना करने की सलाह दी गई हैं।


7.कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करने में भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial in strengthening the muscles of the hips in Hindi):

कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूत करने के लिए भी भुजंगासन का अभ्यास लाभकारी माना जाता हैं । भुजंगासन पर किए गए एक शोध के अनुसार इसके अभ्यास के दौरान कूल्हों की मांसपेशियों का भी इस्तेमाल होता है जिसके कारण से शरीर के इन अंगों में खिंचाव पैदा होता है। जिसके कारण से कुल्हो और मांसपेशियों में लचीलापन उत्पन्न होती हैं,इस आधार पर यह कहा जा सकता है कि भुजंगासन कुछ सीमा तक कूल्हों की मांसपेशियों को मजबूती देने का कार्य कर सकता है। ध्यान रहे कि कूल्हों की मांसपेशियों में दर्द की स्थिति में इस आसन को नहीं करना चाहिए।

8.फेफड़ों को मजबूत करने में भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial in strengthening the lungs in Hindi):

फेफड़ों को स्वस्थ्य रखने और अच्छा रखने के लिए भुजंगासन लाभकारी हो सकता है।गंभीर फेफड़ों से जुड़े रोग के लिए अनेक आसन योगाभ्यास में दिए गए हैं एनसीबीआई के एक सोध के अनुसार फेफड़ों से संबंधित समस्याओं में राहत पाने के लिए अनेकों अभ्यास शामिल हैं इन्ही आसनों में भुजंगासन का नाम भी शामिल है। योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन का अभ्यास नियमित रूप से करने से फेफड़े साफ होने में मदद मिलती हैं,इसके साथ ही सांस लेने की प्रक्रिया का अभ्यास फेफड़ों को मजबूती प्रदान करने में मदद कर सकता है इस आधार पर ये कहा जा सकता है कि फेफड़ों के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए भी भुजंगासन को सहायक माना जा सकता है।

9.कंधे और गर्दन के तनाव कम करने में भुजंगासन फायदेमंद (Bhujangasana is beneficial in reducing shoulder and neck tension in Hindi):

देर तक एक ही अवस्था में बैठे रहने के कारण कंधे और गर्दन में दर्द होना स्वाभाविक है,इस समस्या को दूर करने के लिए भुजंगासन को फायदेमंद माना जाता हैं, इंडियन जर्नल ऑफ पैलिएटिव केयर के एक शोध के मुताबिक भुजंगासन से शरीर में खिंचाव पैदा करता है।जिससे इन अंगों में एक लचीलापन उत्पन्न होता है, इस आधार पर यह माना जा सकता है कि कंधे और गर्दन के तनाव को दूर करने के लिए भुजंगासन योग के फायदे सहायक साबित हो सकते हैं।

10.थायराइड में भुजंगासन फायदेमंद (bhujangasana beneficial of thyroid in Hindi):

थाइराइड एक बड़ी ग्रंथि है जो पुरुषों और महिलाओं दोनों के गले में स्थित होती है। थायरॉइड होने के ये कारण हो सकते हैं,अधिक तनावपूर्ण जीवन जीने से,आहार में आयोडीन की मात्रा कम या ज्यादा होने पर यह रोग अनुवांशिक भी हो सकता है। यदि परिवार के दूसरे सदस्यों को भी यह समस्या रही हो, तो परिवार के दूसरे सदस्यों को भी हो सकती है।महिलाओं में गर्भावस्था के दौरान थायरॉइड हार्मोन्स में असंतुलन देखा जाता है, क्योंकि इस समय महिलाओं के शरीर में कई हार्मोनल बदलाव आते हैं।इस समस्या को दूर करने के लिए भुजंगासन लाभकारी माना जाता हैं,यह आसन थायराइड और पैैैराथायराइड ग्रंथी को सक्रिय करता हैं, रोज 5 मिनट का भुजंगासन थायरााइड को कम करने में मदत करता हैं।

12.महिलाओं की माहावारी चक्र में भुजंगासन फायदेमंद (bhujangasana beneficial of women's menstrual cycle in Hindi) :

महिलाओ में पीरियड के दौरान पेट में दर्द,ऐंठन,पैर में दर्द,कमर में दर्द आदि कई समस्याएं होना स्वाभाविक है,ऐसे में पीरियड के दौरान होने वाले दर्द को कम करने के लिए कई योगाभ्यास है,इन्ही आसनों में भुजंगासन भी शामिल हैं।भुजंगासन पर किए गए एक शोध के अनुसार इस आसन को हफ्ते में तीन से चार बार करने पर पीरियड के दौरान होने वाले दर्द को कम किया जा सकता हैं, भुजंगासन महिलाओं के लिए भी फायदेमंद होता हैं, खासतौर पर महिलाओं के मासिक धर्म में यह उन्हें बहुत ही राहत देता हैं।

13.पाचन क्रिया में भुजंगासन फायदेमंद (bhujangasana beneficial of digestion in Hindi) :

पाचन क्रिया को मजबूत बनाने के लिए अनेकों आसन योगाभ्यास में दिया गया हैं,इन्ही आसनों में भुजंगासन को भी शामिल किया गया है ,भुजंगासन करनेे वाले व्यक्ति का पाचन अच्छा रहता हैं, और जिन लोगों को  कब्ज ,एसीडिटी की समस्या होती हैं उन लोगों के ये आसन नियमित रूप से करना चाहिए ,इसके आलावा जिन लोगों को को मल त्याग में समस्या होती है और पेट साफ होने में भी परेशानी होती हैं ,उन्हे भी उन आसन को नियमित रुप से करना चाहिए,इस आसन को नियमित रूप से करने से पाचन क्रिया स्वस्थ और पेट भी साफ रहता हैं।

भुजंगासन के नुकसान (Disadvantages of Bhujangasana in Hindi)
अभी तक आपने इस लेख में भुजंगासन के फायदे,भुजंगासन कैसे करते हैं,आदि के बारे में बताया गया है, अब इस लेख में भुजंगासन के नुकसान के बारे में बताया जाएगा।
  • इस आसन को हर्निया की बिमारी होने पर में नहीं करना चाहिए।
  • पीठ में चोट लगने या फिर फ्रैक्चर होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • कर्पल टनल सिंंड्रोम होने पर भी इस आसन को नहीं करना चाहिए।
  • अगर हाल ही में पेट के नीचले हिस्से में सर्जरी हुई हो,या फिर कंधे,कमर,पैर में सर्जरी होने पर भी इस आसन ना करें।
  • सिर दर्द के दौरान भी यह आसन ना करेंं।
  • यह आसन करते वक्त हमेशा कभी कमर को झटके से नही उठाना चाहिए।

भुजंगासन करने का सही समय:

किसी भी आसन या प्राणायाम को करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं,साथ ही यदि आप आसन करने पहले शौच कर ले और पेट एक दम खाली रहे तो यह अति उत्तम माना जाता हैं परंतु अगर आप सुबह के समय किसी कारण वश इस आसन को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप इस आसन को करने से चार से छह घंटे कुछ भी ना खाया हो और आसान करने से पहले शौच कर ले।

भुजंगासन कितने देर करना चाहिए:

अगर आप शुरुआती दौर में भुजंगासन योगा का अभ्यास कर रहे है तो ऐसे में आप इस मुद्रा को करीब 30 सेकंड के लिए रहने की सलाह दी जाती है। वहीं, कुछ समय के अभ्यास के बाद इस समय सीमा को धीरे-धीरे बढ़कर एक मिनट तक किया जा सकता है

योग दर्शन के अनुसार भुजंगासन:

भुजंगासन, जिसे कोबरा पोज़ के नाम से भी जाना जाता है, एक क्लासिक योग मुद्रा है जो प्राचीन काल से चली आ रही है। भुजंगासन के अभ्यास का पता पतंजलि के योग सूत्र से लगाया जा सकता है, जो 200 ईसा पूर्व और 200 सीई के बीच लिखे गए थे।

 योग दर्शन के अनुसार, भुजंगासन शरीर के ऊर्जा केंद्र को उत्तेजित करता है जिसे मणिपुर चक्र के रूप में जाना जाता है, जो सौर जाल में स्थित है, और शरीर की ऊर्जा को संतुलित करने में मदद करता है। इसके अलावा, इस मुद्रा को जीवन शक्ति बढ़ाने, पाचन में सुधार करने और समग्र शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में वृद्धि करने के लिए माना जाता है।

 आधुनिक समय में, भुजंगासन योग कक्षाओं में एक लोकप्रिय आसन बन गया है, क्योंकि यह शरीर और मन के लिए कई लाभ प्रदान करता है। इस आसन के नियमित अभ्यास से पीठ की मांसपेशियों को मजबूत करने, लचीलेपन में सुधार करने और शरीर से तनाव और तनाव को दूर करने में मदद मिल सकती है। मुद्रा पेट के अंगों को भी उत्तेजित करती है, जो पाचन में सुधार और सूजन को कम करने में मदद करती है।

 कुल मिलाकर, भुजंगासन एक शक्तिशाली आसन है जिसका अभ्यास हजारों वर्षों से किया जा रहा है और यह शरीर को कई लाभ प्रदान कर सकता है।

निष्कर्ष:

इस लेख में भुजंगासन के फायदे,भुजंगासन कैसे करते हैं,भुजंगासन के नुकसान आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है,उम्मीद है कि आपको यह लेख पसंद आया होगा परंतु अगर आप स्वास्थ से संबंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!




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