आजकल के भागदौड़ भरे जिंदगी में व्यक्ति के पास इतना समय नहीं है की वह सुबह उठकर आधे से एक घंटे नियमित रूप से प्राणायाम और योगाभ्यास कर सके,प्राणायाम जीवन का बहुत ही महत्वपूर्ण योग अभ्यास है। प्राणायाम को नियमित रूप से अपने जीवनशैली में अपनाकर आप स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकते है,बात करे प्राणायाम की तो अधिकतर लोगों के मन में अनुलोम विलोम प्राणायाम का विचार आता है।वैसे हर प्राणायाम कई सारे गुण, फायदे होते है।लेकिन अनुलोम–विलोम प्राणायाम बहुत ही साधारण और आसान प्राणायाम है।इस प्राणायाम को नियमित रूप से दस से पंद्रह मिनट तक करने से बहुत ही चमत्कारी लाभ देखने को मिल सकता है।तो चलिए इस लेख में हम अनुलोम–विलोम प्राणायाम करने के सही तरीके,लाभ और कुछ महत्वपूर्ण विषयों पर विस्तार से चर्चा करते हैं।
अनुलोम–विलोम प्राणायाम क्या है (What is Anulom-Vilom Pranayama in Hindi):
अनुलोम का मतलब होता है सीधा, और विलोम का अर्थ है उल्टा। यहां पर सीधा का अर्थ है नाक का दाहिना छिद्र और उल्टा का अर्थ है-नाक का बायां छिद्र। अर्थात् अनुलोम-विलोम प्राणायाम में नाक के दाएं छिद्र से सांस खींचते हैं, तो बायीं नाक के छिद्र से सांस बाहर निकालते है। इसी तरह यदि नाक के बाएं छिद्र से सांस खींचते है, तो नाक के दाहिने छिद्र से सांस को बाहर निकालते है। अनुलोम-विलोम प्राणायाम को कुछ योगीगण 'नाड़ी शोधक प्राणायाम' भी कहते हैं। उनके अनुसार इसके नियमित अभ्यास से शरीर की समस्त नाड़ियों का शोधन होता है यानी वे स्वच्छ व निरोगी बनी रहती है।ये शरीर में अच्छे वायु प्रवाह को बनाए रखता है और इसके साथ श्वसन प्रणाली और फेफड़ों में सुधार लाता है। यह शरीर से विषैले पदार्थों को बाहर निकालता है और शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। इस प्राणायाम के का नियमित अभ्यास करने से वृद्धावस्था में भी गठिया, जोड़ों का दर्द व सूजन आदि शिकायतें नहीं होतीं हैं।
अनुलोम विलोम प्राणायाम कैसे करें (How to do Anulom Vilom Pranayama in Hindi):
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के लिए तीन प्रक्रिया होती हैं।
1.पूरक (supplement): इस प्रक्रिया में सांस को धीरे–धीरे अंदर लेना होता है।
2.कुम्भक (Aquarius): सांस को थोड़ी देर भीतर रोकने की प्रक्रिया को कुंभक कहते है।
3 रेचक (Laxative): सांस को धीरे–धीरे से बाहर छोड़ने की प्रक्रिया को रेचक कहते है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम की विधि (Method of Anulom Vilom Pranayama in Hindi):
अनुलोम विलोम प्राणायाम को अगर सही तरीके से ना किया जाए तो इस प्राणायाम का लाभ मिल पाना मुश्किल है इसलिए प्राणायाम को हमेशा सही तरीके से करना बहुत जरूरी है,तो अब हम आगे इस लेख में अनुलोम–विलोम प्राणायाम करने के सही तरीके के बारे में चर्चा करेंगे।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने के लिए सबसे पहले एक शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे।
- उसके बाद आप योग मैट पर इस शांत माहौल में सुखासन, पद्मासन, वज्रासन, स्वस्तिकासन या सिद्धासन मैं इन चारों में से किसी एक मुद्रा में बैठ जाए।
- इस आसन को करते समय आपको इस बात पर ध्यान देना है, कि आपकी पीठ और गर्दन सीधा हो और आप सीधे होकर बैठकर करें क्योंकि सीधे होकर बैठ कर करने से आपके फेफड़ों को फुलाने के लिए ज्यादा जगह मिलता है।
- अब आप अपने दाए हाथ के अंगूठे से बाए नासिका के एक छिद्र को बंद कर ले, और दाए नासिका के छिद्र से सांस अंदर लेना है और सांस को अंदर लेते समय अपने पेट और फेफड़ों को पूरी तरह से विस्तार करना है। आप जितना सांस को अंदर भर सकते हैं उतना भरे।
- अब एक से दो सेकंड तक सांस को अंदर रोक कर रखे।
- अब उसी हाथ के बीच वाले दो उंगलियों से अपने नासिका के दूसरे छिद्र पर रखे और उस छिद्र को बंद करें और अंगूठी को छोड़कर उस छिद्र से सांस हो बाहर निकाल दे।
- अब आप नासिका के जिस छिद्र से सांस को छोड़े थे फिर से सांस को वहीं से ले और इस प्रक्रिया को निरंतर दोहराए।
- शुरुवात में इस प्राणायाम को आप पांच से दस मिनट तक कर सकते है,समय बीतने पर इस प्राणायाम को पंद्रह से बीस मिनट या फिर आधे घंटे तक कर सकते हैं।
ध्यान देने योग्य बातें:
- अगर आप किसी मुद्रा में नहीं बैठ सकते, आपको कोई समस्या होती हो। हो सकता है कई लोग ऐसे भी हो जो बयस्क है और किसी भी मुद्रा में बैठना उनके लिए संभव नहीं होता है, वह अनुलोम विलोम करने के लिए चेयर पर, बिस्तर पर या जमीन पर कुचन लगाकर बैठ सकते हैं।
- आपको सास बहुत जल्दी जल्दी और बहुत जोर से नहीं लेना है आप धीरे-धीरे और सहज प्रक्रिया में सास को ले और छोड़ें।
- आप जब भी इसकी शुरुआत करते हैं, तब आप नासिका के बाएं छिद्र से ही सांस को अंदर ले और जब आप इसका अंत करें तब भी आप बाएं छिद्र से ही अंत करें।
- आप जब सांस लेते हैं तो उसका समय और जब आप सांस छोड़ते है तो उसका समय दोगुना होना चाहिए उदाहरण के तौर पर अगर आप सांस लेने का समय पांच सेकंड का हुआ, तो जब आप सांस छोड़ते हैं तो वह समय दस सेकंड का होना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे (Benefits of Anulom Vilom Pranayama in Hindi):
अनुलोम विलोम प्राणायाम को अगर सही तरीके से किया जाय तो इस प्राणायाम को करने से आपको कई सारी बीमारियो को दूर करने में मदद कर के स्वस्थ और निरोगी जीवन जी सकते हैं।अनुलोम विलोम प्राणायाम, जिसे वैकल्पिक नासिका श्वास के रूप में भी जाना जाता है, योग में एक लोकप्रिय श्वास व्यायाम है जिसके मन और शरीर दोनों के लिए कई लाभ हैं। अनुलोम विलोम प्राणायाम के अभ्यास के कुछ लाभों में शामिल हैं अब आगे इस लेख में अनुलोम–विलोम प्राणायाम के फायदे के बारे में विस्तार पूर्वक चर्चा करेंगे।
1.मधुमेह के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Diabetes in Hindi):
आजकल दस में से पांच व्यक्ति मधुमेह के बीमारी से ग्रसित है, ऐसे में अनुलोम विलोम प्राणायाम
मधुमेह के मरीजों के लिए बहुत ही ज्यादा फायदेमंद होता है,एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अगर अनुलोम विलोम प्राणायाम को रोजाना पांच से दस मिनट करे तो टाइप 2 डायबिटीज से राहत मिल सकती है, क्योंकि ये शरीर में रक्त शर्करा की मात्रा नियंत्रित करता है और मधुमेह को नियंत्रित करता है।इसके साथ जिन लोगों की शुगर लेवल थोड़ा सा बढ़ चुका है उन लोगों के लिए भी यह प्राणायाम बहुत ही फायदेमंद है क्योंकि यह उस को नियंत्रित करने में मदद करता है।
2.ह्रदय रोग के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Heart Disease in Hindi):
हृदय रोग से पीड़ित रोगी के लिए अनुलोम–विलोम प्राणायाम के लाभ हो सकते हैं। इस प्रणायाम को नियमित रूप से करने से हृदय की बीमारी और हार्ट ब्लॉकेज से बचाव कर सकता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर जैसे हृदय रोग के जोखम को भी कम करने में सहायक माना जाता है, हृदय के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम इसलिए भी फायदेमंद है, क्योंकि यह हृदय की क्षमता को बढ़ा सकता है, इसके साथ ही हृदय से जुड़ी कई सारी समस्याओं से हमें दूर रखने में यह प्राणायाम बहुत मदद करता है
3.सिर दर्द के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for headache in Hindi):
आजकल हर कोई हल्के सिर दर्द या फिर माइग्रेशन से परेशान है,ऐसे में बहुत ज्यादा पेन किलर खाने से स्वस्थ पर बुरा असर पड़ सकता हैं,ऐसे में इन सभी समस्याओं से बचने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही ज्यादा लाभकारी होता है।एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अनुलोम विलोम प्राणायाम को करने से हमे सिर दर्द,चिंता नींद न आना आदि समस्याओं में राहत मिलती हैं,परंतु इस लाभ को पाने के लिए जरूरी है, कि प्राणायाम को नियमित और सही तरीके से किया जाय।
3.डिप्रेशन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Depression in Hindi):
डिप्रेशन एक मानसिक समस्या है जिसे हिंदी में अवसाद के नाम से भी जाना जाता है,अवसाद में जाने का मुख्य कारण,अत्यधिक तनाव,पर्याप्त नींद ना लेना,आदि कई कारण हो सकते है,डिप्रेशन या अवसाद से बाहर निकलने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं।एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अनुलोम विलोम प्राणायाम को नियमित करने से रोज मर्रा के तनाव से निपटने में सहायता मिलती है,साथ ही इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से ये हमारे ब्रेन तक अच्छी तरह से ऑक्सीजन को पहुंचाता है,जिससे तनाव दूर होता है,मन को शांति मिलती हैं और डिप्रेशन से बाहर निकलने में मदद मिलती हैं।
4. ब्लड प्रेशर के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for blood pressure in Hindi):
ब्लड प्रेशर का हाई या लो होना दोनो ही मनुष्य के स्वास्थ की दृष्टि से सही नही है,इन दोनो समस्याओं से लगभग 10 में से पांच व्यक्ति जूझ रहा है,इस समस्या से बाहर निकलने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना गया हैं,एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार इस प्राणायाम को नियमित और सही तरीके से करने से ब्लड प्रेशर को नियंत्रित किया जा सकता है,
इस सोध के अनुसार इस प्राणायाम को करने से हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने,तथा लो ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद मिलती है।
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5.वजन कम करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for weight loss in Hindi):
बढ़ता वजन आपके शरीर की सुंदरता को कम करने के पेट की चर्बी को कैसे घटाएं yoga, कारण,घरेलू उपाय साथ ही साथ आपके शरीर में कई सारी नई बीमारियो जैसे,ब्लड प्रेशर ,मधुमेह,हार्ट संबंधी बीमारियो,को जन्म देता है।इन सभी समस्याओं से बचने के लिए जरूरी है एक हेल्थी डाइट चार्ट,और थोड़ा योगाभ्यास। योगाभ्यास की बात करे तो अनुलोम विलोम प्राणायाम के नियमित अभ्यास से वजन को नियंत्रित किया जा सकता हैं, यह ब्रीथिंग एक्सरसाइज शरीर में चर्बी या फैट की मात्रा को नियंत्रित करने का काम करती है। जिसके कारण से बढ़ते वजन को कम किया जा सकता है।
6.पाचन शक्ति के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Digestive Power in Hindi):
हमारे शरीर का अगर पाचन तंत्र ठीक है तो हम कई सारी बीमारियो से निजात पा सकते है,किंतु खराब पाचन तंत्र हमे कब्ज, एसिडिटी,बवासीर,आदि बीमारियो से ग्रसित कर सकते है,इन सभी समस्याओं से बचने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम को लाभकारी माना जाता है,अनुलोम विलोम प्राणायाम से पाचन तंत्र मजबूत होते हैं, और पाचन तंत्र मजबूत होने से शरीर में कई सारी समस्या नहीं होती जिसमें से एक मुख्य समस्या है शरीर में चर्बी का जमा होना,कब्ज जैसी पेट संबंधी समस्याओं के लिए भी अनुलोम विलोम के फायदे देखे जा सकते हैं। इस प्राणायाम का लाभ इसे सही तरीके से करने से ही मिलता है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम हमारे आंतों को भी ठीक करता है और आंतों से जुड़े समस्याओं से दूर रखने में मदद करता है। इससे पेट साफ रहता है और पेट से जुड़ी समस्याओं से हम दूर रहते हैं।
7. तनाव और चिंता के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for stress and anxiety in Hindi):
तनाव और चिंता ऐसी मनोअवस्था है जो किसी भी मनुष्य को शारीरिक और मानसिक रूप से बीमार कर सकती हैं,खुद को स्वस्थ रखने के लिए मन-मस्तिष्क का शांत रहना जरूरी है। प्राणायाम ऐसी योग प्रक्रिया है, जो मानसिक रूप से शांत कर सकती है। एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार ये बात सामने आया है कि नियमित ब्रीथिंग एक्सरसाइज का अभ्यास करने से चिंता और तनाव को दूर कर सकते हैं,साथ ही मस्तिष्क की कार्यक्षमता भी बढ़ सकती है,इसलिए तनाव मुक्त और चिंता दूर रहने के लिए नियमित रूप से अनुलोम-विलोम प्राणायाम कर सकते हैं, अनुलोम–विलोम प्राणायाम को नियमित करने से दिमाग को शांत करने, तनाव और चिंता को कम कर सकता है।
8. श्वसन प्रणाली के लिए अनुलोम–विलोम प्राणायाम (Anulom-Vilom Pranayama for the respiratory system in Hindi):
श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम को बहुत ही ज्यादा फायदेमंद माना जाता है एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार अनुलोम विलोम प्राणायाम को नियमित रूप से करने से श्वसन प्रणाली मजबूत और फेफड़े की कार्यक्षमता में सुधार होता है
इस श्वास अभ्यास का नियमित रूप से अभ्यास करने से फेफड़ों की कार्यक्षमता में सुधार हो सकता है और अस्थमा, ब्रोंकाइटिस जैसी श्वसन समस्याओं से राहत मिल सकती है।
9.रक्त परिसंचरण के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for blood circulation in Hindi):
शरीर में रक्त संचार को बेहतर करने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे देखे जा सकते हैं। एक वैज्ञानिक शोध के मुताबिक, इस योग के दौरान होने वाली श्वसन क्रिया से शरीर के रक्त संचार और ब्लड फ्लो में सुधार हो सकता है, साथ ही इसके नियमित अभ्यास से सिस्टोलिक रक्तचाप (SBP) और डायस्टोलिक रक्तचाप (DBP) को कम कर सकता है अनुलोम विलोम प्राणायाम शरीर के सभी हिस्सों में रक्त प्रवाह और ऑक्सीजन की आपूर्ति बढ़ाने में मदद करता है, समग्र स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देता है।
10. एकाग्रता और याददाश्त में सुधार अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama improves concentration and memory in Hindi):
अगर आपको भी बार–बार भूलने की बीमारी है या फिर आपका पढ़ाई या किसी और चीजों में आपका ध्यान एकाग्र नहीं हो पा रहा है तो ऐसे में अनुलोम विलोम प्राणायाम आपके लिए बहुत ही लाभदायक सिद्ध हो सकता हैं,क्योंकि अनुलोम-विलोम करने से आपके दिमाग का दायां और बायां हिस्सा संतुलित होता है. व्यक्ति को सोचने समझने में आसानी होती है और कार्यकुशलता बढ़ती है. इसके अलावा एकाग्रता बढ़ती है के नियमित अभ्यास से संज्ञानात्मक कार्य में वृद्धि होती है, एकाग्रता में सुधार होता है और याददाश्त बढ़ती है।कुल मिलाकर, अनुलोम विलोम प्राणायाम बेहतर शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए अपनी दिनचर्या में शामिल करने के लिए एक उत्कृष्ट अभ्यास है।
11. डिटॉक्स करने के लिए अनुलोम–विलोम प्राणायाम(Anulom-Vilom Pranayama for Detox in Hindi):
हमारे जीवनशैली में गलत खानपान के कारण शरीर में विषाक्त पदार्थ जम जाते हैं,जिसके कारण से कई सारी गंभीर बीमारिया पनपने लगती हैं,इन विषाक्त पदार्थ को निकालने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम को सर्वोत्तम माना जाता हैं,इस प्राणायाम को करने से हमारा शरीर अच्छी तरह से डिटॉक्स हो जाता है। शरीर में अच्छी तरह से ऑक्सीजन भरने के कारण शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलता है।अगर आप भी अपने बॉडी को डिटॉक्स करना चाहते हैं तो नियमित रूप से अनुलोम विलोम प्राणायाम शुरू कर दे।
12.आंखों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for eyes in Hindi):
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से आंखों के लिए फायदेमंद माना जाता हैं,क्योंकि इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से शरीर के हर अंग में अच्छी तरह से रक्त प्रवाह होते हैं और इसके साथ ही शरीर के हर पल्स को खोलता है जिससे ये आंखों के लिए भी बहुत फायदेमंद है,अतः इस प्राणायाम को नियमित करने से आंखें के कमजोर होने की समस्या नहीं होती हैं।
13.लीवर के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Liver in Hindi):
गलत आदतों तथा खानपान के कारण हमारे लीवर में सूजन,आदि की समस्या हो सकती है,ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं,इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने से लीवर मजबूत बनते हैं और लिवर से जुड़ी अन्य समस्याएं नहीं होती।
14.स्किन के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for skin in Hindi):
अनुलोम विलोम प्राणायाम को हमारे स्किन से संबंधित समस्याओं के लिए भी लाभकारी माना जाता है। जिन लोगों की स्किन से संबंधित कोई समस्या है तो उन लोगों को अनुलोम विलोम रोजाना नियमित रूप से करने स्किन से संबंधित परेशानी को कम करने में मदद मिलता है,क्योंकि यह हमारे शरीर में ऑक्सीजन को अच्छी तरह से भेजता है जिससे स्किन में चमक आना, पिंपल, एकने, रुखापन या अन्य और कई सारी समस्याओं से दूर रहने में मदद मिलता है
15.गठिया रोग के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Arthritis in Hindi):
आजकल जोड़ों का दर्द बहुत ही आम समस्या बनती जा रही हैं,ऐसे में इस दर्द से छुटकारा पाने में भी अनुलोम विलोम प्राणायाम लाभकारी माना जाता हैं,अनुलोम विलोम प्राणायाम को नियमित रूप से करने से गठिया रोग और जोड़ो के दर्द की समस्या नहीं होती हैं
एक वैज्ञानिक शोध के अनुसार यह बात सामने आई है की अगर योगासन को नियमित रूप से करने से जोड़ों में सुबह होने वाली ऐंठन और सूजन से राहत मिल सकती है।बस इस प्राणायाम को ऊपर बताए गए सही तरीके से तथा नियमित रूप से करने की जरूरत है।
16.रोग प्रतिरोधक क्षमता के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for immunity in Hindi):
अगर आप का रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर है तो ऐसे में आप कई सारी बीमारियो,या फिर बार सर्दी जुकाम से ग्रसित हो सकते हो,अगर आप भी इस समस्या से परेशान है तो आप नियमित रूप से अनुलोम विलोम प्राणायाम करना शुरू कर दे क्योंकि यह साँस लेने का व्यायाम पैरासिम्पेथेटिक तंत्रिका तंत्र को सक्रिय करने में मदद करता है, जो प्रतिरक्षा प्रणाली का समर्थन करता है और संक्रमण और बीमारियों से लड़ने में मदद करता है।
17.दमा के मरीजों के लिए अनुलोम विलोम प्राणायाम (Anulom Vilom Pranayama for Asthma Patients in Hindi)
अगर आप दमा (Asthma) के मरीज है तो ऐसे में आपके लिए अनुलोम-विलोम प्राणायाम एक चमत्कारिक दवा के तौर पर काम करता है।क्योंकि अस्थमा के मरीजों के फेफड़ों में सूजन हो जाती है जिसके कारण से व्यक्ति को सांस लेने में बहुत ज्यादा दिक्कत होने लगती है। इस सूजन को कम करने के लिए अनुलोम- विलोम प्राणायाम को एक सबसे अच्छा माना जाता है। अगर इस प्राणायाम को रोजाना किया जाए, तो दमा की बीमारी भी ठीक की जा सकती है।
अनुलोम विलोम प्राणायाम के नुकसान (Disadvantages of Anulom Vilom Pranayama in Hindi):
वैसे अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के कोई भी साइड इफेक्ट नहीं है,परंतु अगर इसे सही तरीके से और कुछ सावधानियां ना बरती जाय तो इस प्राणायाम से फायदे की जगह नुकसान हो सकता हैं तो अब हम इस लेख में अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से पहले क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए उसके बारे में चर्चा करते हैं।
- इस प्राणायाम का अगर आप शुरुआत करते है तो ऐसे में आप शुरू में एक से दो मिनट तक ही इस प्राणायाम को करे,इससे ज्यादा ना करे,समय बीतने पर इस प्राणायाम की अवधि को आधा घंटे तक बढ़ा सकते है।
- इस प्राणायाम को बहुत जोर–जोर से और बहुत जल्दी-जल्दी ना करें। आपको इस प्राणायाम को धीरे-धीरे और सहजता के साथ करना चाहिए।
- इस प्राणायाम को करने के तुरंत बाद चाय, कॉफी,कोल्ड्रिंक्स और शराब का सेवन ना करें।
- अनुलोम विलोम प्राणायाम करने के तुरंत बाद ही नहीं नहाना चाहिए।
- इस प्राणायाम को करने के तुरंत बाद आप कोई भी आहार ग्रहण ना करें।
- इस प्राणायाम को आप सुबह खाली पेट करने की पूरी कोशिश करे,या फिर इस प्राणायाम को करने से पहले आप 3 या 4 घंटे तक खाली पेट रहे।
- जो लोग खुद को बहुत कमजोर महसूस कर रहे है या किसी बीमारी की वजह से कमजोरी आ गई है तो ऐसे में इस प्राणायाम को ना करें या डॉक्टर के परामर्श के अनुसार ही करें।
- अगर इस प्राणायाम को करते समय आपको कोई समस्या या फिर सांस लेने में दिक्कत हो रहा हो तो आप इसे तुरंत रोक दें।
- अगर आप इसे पहली बार कर रहे हैं तो आप इसे किसी अच्छे सलाहकार से सलाह लेकर करना चाहिए।
- अगर आपको दिल से संबंधित कोई बीमारी है तो आप इस प्राणायाम को ना करें या करने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
- अगर आप हाल ही में कोई सर्जरी करके आए हैं तब भी इस प्राणायाम को ना करें कुछ समय बीतने के पश्चात डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- अगर आप को सांस लेने में कोई समस्या है तो आप इस प्राणायाम को ना करें और अगर आवश्यक हो तो आप डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
- जिन लोगों में एनीमिया की समस्या है वह लोग इस प्राणायाम को ना करें या फिर डॉक्टर की सलाह से इस प्राणायाम को करे।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
मुझे सबसे पहले क्या करना चाहिए, अनुलोम विलोम या कपालभाति?
कपालभाति और अनुलोम विलोम योगासन शारीरिक और मानसिक दोनों प्रकार की सेहत पर प्रभावी पाए गए हैं, ऐसे में इसके अभ्यास की आदत बनाना आपकी सेहत को विशेष लाभ दे सकती है। कपालभाति और अनुलोम विलोम के फायदे तभी होतो है जब इसे सही तरीके से किया जाए। इसके लिए सबसे पहले कपालभाती और फिर अनुलोम विलोम करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम किसे नहीं करना चाहिए?
वैसे अनुलोम विलोम प्राणायाम करने से हर व्यक्ति को लाभ मिलता है,परंतु हाल ही में जिस व्यक्ति ने श्वसन तंत्र से संबंधित किसी तरह की सर्जरी कराई हो,या फिर गंभीर हृदय रोगी,प्रेग्नेंट महिला को अनुलोम विलोम प्राणायाम नहीं करना चाहिए।अगर आप इस बीमारी से ग्रसित है और आप इस प्राणायाम को करना चाहते है तो आप डॉक्टर की सलाह पर ही इस प्राणायाम का अभ्यास करना चाहिए।
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का सही समय क्या है?
अनुलोम विलोम प्राणायाम करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं, खाली पेट इस प्राणायाम को करने से अत्यधिक लाभ मिलता है,लेकिन आप इस प्राणायाम को दोपहर,शाम कभी भी कर सकते हैं,लेकिन इस प्राणायाम को करने के लिए आपका पेट 3 से 4 घंटे पहले तक खाली होना चाहिए और इस प्राणायाम को करने के तुरंत बाद भी कुछ नहीं खाना चाहिए।
निष्कर्ष:
इस लेख में अनुलोम विलोम प्राणायाम के फायदे,नुकसान,आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई है,उम्मीद है आप को यह लेख पसंद आया होगा अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित किसी भी प्रकार का कोई प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
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