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गर्मी से पाना चाहते हो आराम तो रोज करो चंद्रभेदी प्राणायाम:चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ,विधि

 इस लेख में मैं आपको चंद्रभेदी प्राणायाम के बारे में विस्तार से जानकारी देने की कोशिश करेंगे।आजकल लोग अपने जीवनशैली में  योग और प्राणायाम को अपनाकर शारीरिक और मानसिक दोनो तरीके से स्वस्थ और मजबूत बन रहे है,योग और प्राणायाम के इसी गुणों के कारण आज योग भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विश्व में अपना डंका बजा रहा है,लोग अपनी गंभीर बीमारियो को दूर करने के लिए, और अपनी रोजमर्रा के टेंशन को दूर करने के लिए प्राणायाम को नियमित रूप से प्रयोग करते है,वैसे हर प्राणायाम करने से हमे लाभ मिलता है।लेकिन हर प्राणायाम किसी न किसी खास समस्या को दूर करने में मदद करता हैं जैसे आपका फोकस बढ़ाना, आपको शांत रखना और आपको नई एनर्जी ऊर्जा प्रदान करना आदि।और  सबसे खास बात अगर आप बढ़ती गर्मी में चिढ़ और तनाव महसूस करने लगी है तो आपको चंद्रभेदी प्राणायाम के बारे में जरूर जानना चाहिए।

चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ

विषय सूची

चंद्रभेदी प्राणायाम क्या है।

चंद्रभेदी प्राणायाम कब करना चाहिए

चंद्रभेदी प्राणायाम कैसे करते हैं

चंद्रभेदी प्राणायाम क्यों करना चाहिए

चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ 

चंद्रभेदी प्राणायाम करने में सवाधानिया

चंद्रभेदी प्राणायाम क्या है (What is Chandrabhedi Pranayama in Hindi):

चंद्रभेदी प्राणायाम को चंद्र भेदन के नाम से भी जान जाता है। जिसमे चंद्र शब्द का अर्थ होता है चंद्रमा, और भेदन का अर्थ छेदना और प्रवेश करना है।
चंद्रभेदी जिसका मतलब चांद सा शीतल बनना,जी हा ये प्राणायाम शरीर के अंदर की गर्मी को बाहर निकालता है और शरीर को शीतल बनाए रखने में मदद करता हैं,इस प्राणायाम को गर्मियों में करने से गर्मी से राहत मिलती है, चन्द्रभेदी प्राणायाम एक सरल और प्रभावी श्वास तकनीक है।इस प्राणायाम श्वास बायीं नाड़ी द्वारा लिया जाता है और दाहिनी नाड़ी या दाहिनी नासिका से श्वास छोड़ जाता हैं।ऐसा कहा जाता है कि साँस लेने पर, ऊर्जा इड़ा (चंद्र) नाड़ी से गुजरती है और साँस छोड़ने पर पिंगला या सूर्य नाड़ी के माध्यम से बाहर निकलती हैं।

चंद्रभेदी प्राणायाम कब करना चाहिए (When should Chandrabhedi Pranayama be done?):

चंद्रभेदी प्राणायाम करने का सही समय गर्मियों में भोर के समय,और ठंडियो में दोपहर के समय कर सकते है,ध्यान रहे जब ठंड बढ़ जाए तो इस प्राणायाम नही करना चाहिए,गर्मियों में इस प्राणायाम को सुबह के समय और खाली पेट करने से हमे बहुत ही ज्यादा लाभ देखने को मिल सकता है।

चंद्रभेदी प्राणायाम कैसे करते हैं (How to do Chandrabhedi Pranayama in Hindi):

हमारे जीवन में दो नाड़ियों का महत्त्वपूर्ण स्थान है जिन्हें हम इड़ा एवं पिंगला के नाम से जानते हैं। प्राणायाम का अभ्यास इन नाड़ियों की स्वच्छता एवं स्वस्थ्य के लिए किया जाता है।जब हम अपने बाई नाक से सांस लेते है तो इससे हमारे शरीर में इडा के माध्यम से शीतल हवाएं प्रवेश करती है और जब हम अपने दाए नाक से सांस छोड़ते है तो पिंगडा के माध्यम से गर्म हवाएं बाहर निकल जाती हैं।जिससे हमारा शरीर शीतल बनता है।

चंद्रभेदी प्राणायाम को करना बहुत ही बहुत ही आसान है।इसे करने के लिए  निम्न विधि की आवश्यकता होती हैं।

 चंद्रभेदी प्राणायाम करने की विधि:

  • इसे करने के लिए आप सबसे पहले एक शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे।
  • इस प्राणायाम को करने के लिए एक योग मैट का प्रयोग करे।
  • अब योग मैट पर आप अपने सुविधानुसार पद्मासन,या सुखासन अवस्था में बैठ सकते है,इस अवस्था में आपकी रीड की हड्डी,और गर्दन सीधी रहनी चाहिए।
  •  अब आप अपने बाएं हाथ को बाएं घुटने पर रखना है, और दाएं हाथ की अंगुली की मदद  से दाएं नाक के छिद्र को बंद करना है, और बाएं नाक के छिद्र से श्वास को धीरे–धीरे अपने अंदर की ओर खींचना है।
  • अब आपको अपने श्वास को अपने शरीर में कम से कम 10 से 15 सेकंड तक रोककर रखना है।
  • अब आपको अपने दाएं हाथ के तर्जनी उंगली से अपने बाएं नाक के छिद्र को बंद करना है, और दाई नाक के छिद्र से स्वास को धीरे–धीरे  बाहर की और निकालना है।
  • ऐसे ही जब आप इस प्राणायाम को  10 बार कर लेते है, तब इसका एक चक्र पूरा हो जाता है।
  •  इसको शुरुआत में आप कम से कम  5  से 6 चक्र आसानी से कर सकते है,और जब इस प्राणायाम को करने में सहज महसूस करने लगे तो आपको 10 से 11 चक्र तक इस प्रक्रिया को करना चाहिए।
  • ऐसा करने से आपका चंद्रभेदी,या चंद्रभेदन प्राणायाम पूर्ण हो जाएगा।

चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ (Benefits of Chandrabhedi Pranayama in Hindi):

चंद्रभेदी प्राणायाम के निम्न लाभ देखने को मिल सकते हैं।

1.आंखो के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

चंद्रभेदी प्राणायाम करने से ये हमारे आंखो के लिए बहुत ही फायदेमंद होता है,इस प्राणायाम को नियमित रूप से करने पर आंखो के धुंधलापन  कम होता है और हमारी आंखो के देखने की क्षमता बढ़ती है।

2.पाचन शक्ति के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

चंद्रभेदी प्राणायाम करने से पचनसक्ति से संबंधित समस्याओं में राहत मिलती है,योग एक्सपर्ट के मुताबिक नियमित रूप से इस प्राणायाम को करने से एसिडिटी और खट्टी डकार से राहत मिलती है।अगर आप बार बार एसिडिटी और खट्टे डकार से परेशान है तो आज से ही इस प्राणायाम को करना शुरू कर दे।

चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ

3.हाई ब्लड प्रेशर के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

अगर आप एक हाई ब्लड प्रेशर के शिकार हो तो ऐसे में  चंद्रभेदी प्राणायाम आपके लिए बहुत लाभदायक है।क्योंकि योग एक्सपर्ट बताते है की इस प्राणायाम को नियमित करने से हाई रक्तचाप से पीड़ित लोगों को आराम मिलता है,ऐसे में आप अपने योग एक्सपर्ट या चिकित्सक द्वारा बताए गए समय के अनुसार नियमित रूप से इसका अभ्यास करना  चाहिए। यह आपके बढ़े हुए ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। आप रोजाना 5 से 10 मिनट तक नियमित अभ्यास करके आपका ब्लड प्रेशर संतुलित रख सकते है।

4.हार्ट के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

चंद्रभेदी प्राणायाम को हार्ट के लिए भी लाभकारी माना जाता है,हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो आपके हार्ट को प्रभावित करने वाले मुख्य रूप से दो कारक होते हैं,एक हाई ब्लड प्रेशर और दूसरा कोलेस्ट्रॉल।चंद्रभेदी प्राणायाम आपके हाई ब्लड प्रेशर को कंट्रोल करने के साथ ही आपके कोलेस्ट्रॉल के स्तर को भी नियंत्रित करता है,जिस वजह से आपके दिल की धड़कन सामान्य गति से धड़कती है। चंद्रभेदी का नियमित अभ्यास करने से ही आपको दिल की बीमारी होने की आशंका कम हो जाती हैं। साथ ही अगर आपके दिल में जलन की समस्या है तो उसे भी काम करने में सहायक है,उच्च रक्तचाप के रोगी को तो डॉक्टर की सलाह के बाद खासतौर पर इसे करना चाहिए। 

5.शरीर की ठंडक के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

चंद्रभेदी प्राणायाम को  गर्मियों के मौसम के लिए एक वरदान से कम नहीं होता है,इस प्राणायाम को गर्मियों में करने से  खासकर  पेट की गर्मी से राहत मिलता है इस प्राणायाम को करने से आपका शरीर भी अंदरूनी ठंडक का एहसास करता है। इस प्राणायाम से आपका शरीर पूरा दिन गर्मी से राहत पाता है। इसे करने से आपके पेट में जलन,गैस,एसिडिटी आदि की समस्या भी नहीं होती है। यह पेट को साफ रखने तथा शरीर की गर्मी को निकालने में भी काफी सहायक माना जाता है। योग एक्सपर्ट भी गर्मियों में इस योग को करने की सलाह देते हैं।

6.चर्म रोग में चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

 अगर आप चर्म रोग से ग्रसित है तो ऐसे में आप इस प्राणायाम को करने से आप अपना चर्म रोग ठीक कर सकते है।हेल्थ एक्सपर्ट की माने तो चंद्रभेदी प्राणायाम को करने से त्वचा से संबंधित बीमारी में आराम मिलता है,

7.मानसिक तनाव के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

आजकल के भगदौड़ भरे जिंदगी में मानसिक तनाव होना एक आम बात है,इस तनाव से बचने के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम को बहुत ही लाभकारी माना जाता  है,योग एक्सपर्ट की माने तो इस प्राणायाम को नियमित रूप से नियमित अभ्यास से मानसिक तनाव दूर होकर मन शांत होता है, इस प्राणायाम के नित्य अभ्यास से मन स्थिर हो जाता है। मन में आने वाले नकारात्मक सोच खत्म होती है,यह प्राणायाम को करने से डिप्रेशन से शिकार व्यक्ति डिप्रेशन से बाहर आ सकता है।इस प्राणायाम को नियमित रूप से दस से पंद्रह मिनट करने से मानसिक विकारों से मुक्ति मिल सकता है।

चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ

8.पित्त रोग के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:- 

शरीर में पाचन क्रिया को सुचारू रूप से चलाने के लिए पित्त रस की अवस्यकता होती है।पित्त एक प्रकार का पाचक रस होता है लेकिन जब यह ज्यादा मात्रा में बनने लगता है तो यह व जहर का भी काम करता है। पित्त क्षारमय (पतला रस) तथा चिकनाई युक्त होता है तथा इसका रंग सुनहरा होता है। पित्त का स्वाद कड़वा होता है। पाचन क्रिया में पित्त का कार्य महत्वपूर्ण होता है,इस प्राणायाम को नियमित रूप से दस से पंद्रह मिनट तक करने से पित्त रोग में बहुत लाभ होता है,यह पित्त के प्रवाह को कम करता है।

9.शरीर में फुर्ती लाने में चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:- 

दिन भर ऑफिस या घर का काम करने पर व्यक्ति रात होते–होते खुद को इतना थक जाता है की उसे और कोई कार्य करने की हिम्मत ही नहीं रहता है,यदि आप भी अपने लाइफ में यही महसूस करते है तो आप आज ही से चंद्रभेदी प्राणायाम शुरू कर दे क्योंकि योग एक्सपर्ट के अनुसार इस प्राणायाम को करने से आपके शरीर और मन को ताजगी देता है और आलस्य को दूर करता है।इस प्राणायाम को नियमित रूप से दस से पंद्रह मिनट करने से शरीर में फुर्ती और ताजगी पूरे दिनभर बनी रहती है।

 ज्वर के लिए चंद्रभेदी प्राणायाम फायदेमंद:

चंद्रभेदी प्राणायाम के फायदे की बात करे तो ये हमारे शरीर में होने वाले ज्वार को ठीक करने में मदद करता है,योग एक्सपर्ट इस व्यायाम को नियमित रूप से दस से पंद्रह मिनट तक करने से मौसमी ज्वार में आराम मिलता है,वैसे ज्वर को कुछ देसी उपचार से भी ठीक किया जा सकता है।

चंद्रभेदी प्राणायाम करने में सवाधानी (Be careful in doing Chandrabhedi Pranayama):

  • इस प्राणायाम का अभ्यास साफ-स्वच्छ हवा अच्छी जगह पर ही करना चाहिए।
  • चंद्रभेदी और सूर्यभेदी प्राणायाम परस्पर विपरीत प्रभाव वाले हैं। इसलिए एक दिन में किसी एक का ही अभ्यास करें।
  • सर्दियों के मौसम में इस प्राणायाम को नहीं करना चाहिए।
  • इस प्राणायाम को एक दम सुबह और खाली पेट करना चाहिए।
  •  लो ब्लड प्रेशर, दमा और कफ रोगी इस प्राणायाम को न करें
  • सर्दियों में तथा कफ प्रकृति वालें लोगों को ये नहीं करना चाहिए।
  • इस प्राणयाम की अवधि एक साथ नहीं बढ़ानी चाहिए।

चंद्रभेदी प्राणायाम और अनुलोम–विलोम प्राणायाम में अंतर (Difference between Chandrabhedi Pranayama and Anulom-Vilom Pranayama in Hindi):

अक्सर लोग चंद्रभेदी प्राणायाम और अनुलोम–विलोम प्राणायाम में बहुत संसय में रहते है,कुछ लोग चंद्रबेदी और अनुलोम विलोम प्राणायाम को एक ही समझ लेते है,लेकिन मैं आपको बनाता दू कि ये दोनो प्राणायाम अलग अलग है,चंद्रभेदी प्राणायाम में सांस हमेशा बाए नाक के छिद्र से ली जाती है,और दाए नाक के छिद्र से छोड़ी जाती है,इस प्राणायाम को अस्थमा के रोगियों के लिए सख्त मना किया गया है।जबकि 
अनुलोम–विलोम प्राणायाम में सांस को एक बार दाए नाक के छिद्र से लिया जाता है,फिर बाएं नाक से सांस को छोड़ देते है,पुनः बाए नाक के छिद्र से सांस अंदर लिया जाता है,और दाए नाक से छोड़ा जाता है।इसमें हर बार प्रक्रिया बदलती रहती है,ये प्राणायाम सांस से संबंधित रोग जैसे अस्थमा,के रोगियों के लिए लाभकारी मानी जाती है।

निष्कर्ष:

मैने इस लेख में चंद्रभेदी प्राणायाम के लाभ,चंद्रभेदी कैसे करे,आदि बातो को विस्तार से बताने की कोशिश की है।उम्मीद है की चंद्रभेदी प्राणायाम पर लिखा मेरा यह लेख आपको पसंद आया होगा परंतु अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

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