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कमल के समान दिखने वाला आसन (पद्मासन) के लाभ,करने की विधि,सावधानी,कब करे पद्मासन।

योग का हमारे जीवन में बहुत ही महत्वपूर्ण स्थान है,अगर आप अपने जीवन में शारीरिक और मानसिक स्वस्थ रहना चाहते हैं तो ऐसे में आप अपने जीवन शैली में योग को जरूर स्थान दे,हमे स्वस्थ रहने के लिए योग के कई आसन है,ऐसे में ही एक आसान है जिसका नाम है पद्मासन,पद्मासन बहुत ही सरल और लाभकारी योग है,इस आसन को हर उम्र के व्यक्ति कर सकते है, इस आसन को नियमित रूप से करने पर आप तनाव को कम कर सकते हैं और पूरे दिन खुद को ऊर्जावान बना सकते है।आज हम इस लेख में पद्मासन करने की विधि,पद्मासन के लाभ,पद्मासन करने में सावधानी आदि के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी देने की पूरी कोशिश करेंगे।


कमल के समान दिखने वाला आसन पद्मासन के लाभ,करने की विधि,सावधानी,कब करे पद्मासन।

विषय सूची

पद्मासन क्या है

पद्मासन किसे कहते हैं

पद्मासन करने से पहले करें ये आसन

पद्मासन करने के बाद करें ये आसन

पद्मासन करने की विधि

पद्मासन के लाभ

शुरुआती लोगों के लिए पद्मासन करने की टिप 

पद्मासन करने में सावधानी

पद्मासन करने का सही तरीका

निष्कर्ष

पद्मासन क्या है (what is padmasana in Hindi):

पद्मासन संस्कृत के दो शब्दो (पद्म+आसन) से मिलकर बना हुआ है,जिसका पद्म का मतलब होता है कमल और आसान का मतलब होता है,बैठना। इस आसन को करते समय व्यक्ति का शरीर कमल के समान प्रतीत होता है इसलिए इस आसन को कमलासन कहते है,इसे अंग्रेजी में लोटस पोज (lotus pose) भी कहते है।
पद्मासन के बारे में हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि ये एक ऐसा बैठकर किए जाने वाला आसन है जिसमे योगी को शारीरिक,मानसिक, और आध्यात्मिक तीनो तरीके से सुख एवं शांति प्रदान करता है।इस आसन को अध्यात्म के लिए सर्वश्रेष्ठ आसन माना जाता है,क्योंकि इस आसन को नियमित रूप से करने से शारीरिक गतिविधि धीरे धीरे कम होने लगती हैं और व्यक्ति अध्यात्म से जुड़ने लगता है।
पद्मासन के आसन को नियमित रूप से करने पर अशांत मन शांत होता है,हमारे हिदू धर्म में योगी इस आसन को भगवान का ध्यान करने हेतु, अलौकिक ऊर्जा प्राप्त करने हेतु,अपने इंद्रियो को जाग्रत करने हेतु , करते हैं। 
साथ ही इस आसन का अभ्यास भगवान शिव को भी करते दिखाया गया है। 

पद्मासन करने की विधि (How to do Padmasana in Hindi):

पद्मासन करना बहुत ही सरल आसन है,और इस आसन के अभ्यास से मन और तन दोनो स्वस्थ होते है,ऐसे ही मन और तन को स्वस्थ रखने के लिए जरूरी हैं कि हम पद्मासन को सही तरीके से करें,तो चलिए अब इस लेख में हम पद्मासन को करने की विधि के बारे में विस्तार से और आसान भाषा में समझाने की कोशिश करेंगे।

कमल के समान दिखने वाला आसन पद्मासन के लाभ,करने की विधि,सावधानी,कब करे पद्मासन।

  • इस आसन को करने के लिए एक शांत और हवादार माहौल जैसे (आपके घर का बगीचा,छत पर आदि) का चुनाव करें।
  • अब योग मैट पर आराम से पालथी मारकर या फिर सीधे फैलाकर बैठ जाए।
  • अपने रीड की हड्डी और गर्दन को एक दम सीध में रखे।
  • अब अपने दाए पैर को उठाए और उसे बाए जांघ के ऊपर या तथा कूल्हे के पास रखे।
  • इस बात का ध्यान रहे की आपके दाए पैर की एंडी से पेट के बाए हिस्से पर दबाव पड़ना चाहिए।
  • अब अपना बाया पैर उठाए तथा उसे दाए पैर के जांघ के ऊपर रखे,ध्यान रहे की आपके बाए पैर की एंडी से दाए पेट पर दबाव पड़ना चाहिए।
  • अब अपने हाथों को ज्ञान की मुद्रा में अपने दोनो घुटनों पर आराम से रखे।
  • अब अपना ध्यान अपने सांसों पर केंद्रित करें,और सांस को धीरे धीरे अंदर की और ले,और उसी समय के अनुसार बाहर छोड़े।
  • अब आप अपने शरीर के अनुसार इस आसन को एक मिनट, दो मिनट या फिर एक घंटे से ज्यादा भी कर सकते है।
  • उसके बाद आप अपने प्रारंभिक अवस्था में आ सकते है।
इस तरीके से पद्मासन किया जाता है,ध्यान रहे शुरुआत में आप इस आसन को कम समय तक ही करे,जैसे जैसे समय बीतने पर आप इस आसन को करने की समय दर को बढ़ा सकते है।

पद्मासन करने से पहले करें ये आसन:

  • अर्ध मत्स्येन्द्रासन 
  •  बद्ध कोणासन 
  • वीरासन 
  • जानु शीर्षासन 

पद्मासन करने के बाद ये करे आसन:

  • अधोमुख श्वानासन 
  • सुप्त पादांगुष्ठासन 

पद्मासन के लाभ (benefits of padmasana in Hindi):

पद्मासन, जिसे लोटस पोज के रूप में भी जाना जाता है, योग और ध्यान प्रथाओं में बैठने की एक मुद्रा है। इसके कई लाभ हैं, जिनमें शामिल हैं:


 1. पद्मासन, एकाग्रता बढाने के लिए
:

कोई भी कार्य करने के लिए शारीरिक गतिविधि के साथ मानसिक स्वस्थ होना बहुत ही जरूरी है,अगर आप एक विद्यार्थी है तो ऐसे में आपका ध्यान एकाग्र होना बहुत ही जरूरी है,पद्मासन एक ऐसा आसन है जिसे नियमित रूप से करने से मन शांत और ध्यान एकाग्र होता है,
पद्मासन मानसिक स्पष्टता में सुधार करने में मदद करता है और दिमाग को शांत करके और तनाव और चिंता को कम करके एकाग्रता को बढ़ाता है।


 2.पद्मासन, पाचन तंत्र के लिए: 

गलत खान पान और खराब जीवनशैली के कारण हमारा पाचन तंत्र भी प्रभावित होता है,जिसके कारण से हमे गैस,एसिडिटी,पेट साफ ना होना,बार पेट खराब होना,बवासीर की समस्या हो सकती है,इन समस्याओं से बचने के लिए पद्मासन को एक बेहतर तरीका माना जा सकता हैं,क्योंकि यह आसन पाचन में सुधार करने में मदद करता है और पेट पर कोमल दबाव डालकर पाचन तंत्र के समुचित कार्य का समर्थन करता है।

 3.पद्मासन, मासिक धर्म के लिए :

पीरियड के दौरान पेट में दर्द,अकड़न या फिर मुड़ स्विंग की समस्या होना एक आम बात है,ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए आपको पद्मासन एक लाभकारी आसन हो सकता हैं,योग विशेषज्ञ की माने तो पीरियड के दौरान इस आसन में बैठने पर आपको पीरियड से संबंधी समस्याओं में आराम मिल सकता हैं,पद्मासन मासिक धर्म की परेशानी और दर्द को कम कर सकता है, क्योंकि यह प्रजनन अंगों में रक्त के प्रवाह को प्रोत्साहित करने में मदद करता है।

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 4.पद्मासन, आसन में सुधार:

 इस आसन के नियमित अभ्यास से सीधी और सीधी मुद्रा विकसित करने में मदद मिलती है, जिससे पीठ दर्द और रीढ़ से संबंधित समस्याओं के जोखिम को कम करने में मदद मिलती है।

 5.पद्मासन, लचीलापन बढ़ाने के लिए: 

पद्मासन कूल्हों, घुटनों और टखनों में लचीलापन बनाने में मदद करता है और शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को टोन करने में मदद करता है।
क्योंकि पद्मासन में बैठते वक्त आपके घुटनों और टखनों को खींचकर और मोड़ कर बैठना पड़ता है। जिसके कारण जोड़ों में एक खिंचाव पैदा होता है,जिसके फलस्वरूप एक खास प्रकार का द्रव (श्लेष द्रव) का रिसाव होता है,इस द्रव से मांसपेशियों की अकड़न को कम करने में मदद मदद मिल सकती हैं।

 6.पद्मासन, तनाव को दूर करने के लिए : 

आजकल हर व्यक्ति के जीवन में छोटी मोटी या फिर बड़ी समस्या जरूर होती है,जिसके कारण से वह व्यक्ति तनाव में हो सकता है,ऐसे में इस तनाव से निपटने के लिए पद्मासन बहुत ही लाभकारी आसन हो सकता है,क्योंकि योग एक्सपर्ट की माने तो पद्मासन शरीर और मन से तनाव को दूर करने में मदद करता है, जिससे शांति और विश्राम की स्थिति पैदा होती है।

7.पद्मासन नींद आने के लिए :

नींद न आने के कई सारे कारण हो सकते है,अगर कोई व्यक्ति पर्याप्त नींद ना ले तो उससे कई सारी बीमारी जैसे–ब्लड प्रेसर,मधुमेह,सिर दर्द,माइग्रेन,डिप्रेशन आदि की समस्या हो सकती है,ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए पद्मासन बहुत ही लाभकारी माना जाता हैं,योग विशेषज्ञ के अनुसार नियमित रूप से पद्मासन करने से तनाव दूर होता है और मन शांत होता है जिसकी वजह से हमे नींद लेने में कोई समस्या नहीं होती है।


8.पद्मासन,गर्भवती महिलाओ के लिए:

एक गर्भवती महिला में अधिकतर देखा गया है कि उसका मूड स्विंग,मंशापेशीयों में तनाव,कमर दर्द,पैर में दर्द की समस्या होती रहती है,ऐसे में अगर वो थोड़ी देर पांच से दस मिनट तक इस अवस्था में बैठी रहती है तो उसे इन सब परेशानियों से आराम मिल सकता हैं,हालाकि इस आसन से गर्भवती महिला को कितना फायदा हो सकता है,इसके बारे में कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है,लेकिन एक बार आप योग विशेषज्ञ से परामर्श लेकर इस आसन को कर सकती है।

 कुल मिलाकर, पद्मासन एक लाभकारी आसन है जो शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकता है।

शुरुआती लोगों के लिए पद्मासन करने की टिप  (Beginner’s Tip to do Padmasana (Lotus Pose) in Hindi)

अगर आप ने पहले कभी पद्मासन नही किया हो और आप ऊपर बताए गए तरीके को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप पूर्ण पद्मासन को जगह पर अर्ध पद्मासन कर सकते हैं,अर्ध पद्मासन करने की विधि निम्न प्रकार हैं।
  • आप योग मैट पर पालथी मारकर बैठ जाए।
  • अब अपने दाहिने पैर को बाई जांघ पर उठाकर रखे।
  • ध्यान रखे आपके दाए पैर को एंडी से बाए तरफ के पेट पर दबाव पड़ना चाहिए।
  • अब अपने रीड की हड्डी को सीध में रखे।
  •  अपने हांथ की अंगुलियों को ज्ञान मुद्रा में बनाए।
  • अब अपना ध्यान अपने सांसो पर केंद्रित कर सांस अंदर ले और बाहर की ओर छोड़े।
  • ऐसे आप पांच से दस मिनट तक कर सकते है,और धीरे धीरे आप पूर्ण पद्मासन करने की कोशिश करे।

पद्मासन करने में सावधानी (caution in padmasana in Hindi):

पद्मासन करने के लाभ के बारे में इस लेख में ऊपर जानकारी दी गई है,अब आगे इस लेख में हम पद्मासन करते वक्त किन बातों का विशेष ध्यान देने की जरूरत है।
  • जिनको घुटने की दर्द हो उन्हें ये आसन करने से बचना चाहिए।
  • टखने में दर्द होने पर इस आसन को करने से बचना चाहिए।
  • साइटिका के मरीजों को भी इस आसन को नहीं करनी चाहिए।
  • गर्भवती महिलाओ को भी इस आसन को करने से पहले डॉक्टर को सलाह जरूरी है।
  • वैरिकोज नस की कंडीशन में भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।

पद्मासन करने का सही तरीका:

किसी भी आसन या प्राणायाम को करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं,साथ ही यदि आप आसन करने पहले शौच कर ले और पेट एक दम खाली रहे तो यह अति उत्तम माना जाता हैं परंतु अगर आप सुबह के समय किसी कारण वश इस आसन को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप इस आसन को करने से चार से छह घंटे कुछ भी ना खाया हो और आसान करने से पहले शौच कर ले।

निष्कर्ष:

इस लेख में आपको पद्मासन के फायदे,पद्मासन करने की विधि,पद्मासन के नुकसान आदि के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई है उम्मीद है कि आपको ये लेख पसंद आया होगा परंतु अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी सवाल पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
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