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कमर दर्द हो या पीठ दर्द,त्रिकोणासन करने के एक नही अनगिनत फायदे:त्रिकोणासन की विधि

 खुद को फिट और स्वस्थ कौन नहीं रखना चाहता है,लेकिन फिट रहने के लिए जरूरी है की हम सही खानपान के साथ रोज सुबह थोड़ी देर तक योगाभ्यास करे,योग हमारे शरीर को फिट रखने के लिए बहुत ही आसान और सुरक्षित तरीका है,योग विशेषज्ञ की माने तो इनके अनुसार जो व्यक्ति सही खानपान के साथ नियमित रूप से योगाभ्यास करता है वो अन्य लोगों की तुलना में ज्यादा ऊर्जावान,और कम बीमार पड़ता है,आज हम इस लेख में आपको फिट और ऊर्जावान बनाए रखने के लिए एक आसान आसन की जानकारी देने जा रहा है,जिसका नाम है त्रिकोणासन 

अगर आप शारीरिक और मानसिक दोनो रूप से स्वस्थ रहना चाहते है तो आपके लिए त्रिकोणासन बहुत ही फायदेमंद आसन हो सकता है।तो चलिए अब हम इस लेख में त्रिकोणासन करने की विधि,त्रिकोणासन के फायदे,त्रिकोणासन करने में सवाधानिया आदि के बारे में चर्चा करते है।

कमर दर्द हो या पीठ दर्द,त्रिकोणासन करने के एक नही अनगिनत फायदे:त्रिकोणासन की विधि

विषय सूची

त्रिकोणासन क्या है?

त्रिकोणासन कैसे करे।

त्रिकोणासन के फायदे।

त्रिकोणासन से पहले कौन सा आसन करे।

त्रिकोणासन के बाद कौन सा आसन करे।

त्रिकोणासन करने का सही समय।

त्रिकोणासन करने में सवाधानिया।

निष्कर्ष

त्रिकोणासन क्या है (what is trikonasana in Hindi):

त्रिकोणासन संस्कृत भाषा से लिया गया शब्द है। इसका हिंदी में अर्थ है, तीन कोण वाला आसन। 

त्रिकोणासन को अंग्रेजी में ट्राएंगल पोज के नाम से जाना जाता है,इसे त्रिकोणासन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इस आसन को करने के दौरान शरीर की मसल्स तीन अलग कोणों में स्ट्रेच हो जाती हैं। इसी वजह से इस आसन को त्रिकोणासन कहा जाता है। यह आसन बेहतरीन आसानी में से एक है,इस आसन को करने के लिए शरीर और दिमाग का संतुलन बनाना बहुत जरूरी होता है,इस आसन को करने के लिए एकाग्रता की बहुत जरूरी होती है,इस आसन को करते वक्त आंखो का खुला रहना भी बहुत जरूरी होता है,इस आसन को करते वक्त आपके शरीर के कई अंग ( हिप्स,कमर,पैर, फार आर्म्स,बाजू, हैमिस्ट्रिंग,मसल्स) काम करते है,इस आसन को करने से ये सभी अंग अच्छे से स्ट्रेच हो जाते है,साथ ही ये आपके पेट, कमर, जांघ और नितंब पर जमी अतिरिक्त चर्बी को आसानी से घटाने में मदद करता हैं।

त्रिकोणासन कैसे करें (how to do trikonasana in Hindi):

प्राणायाम हो या आसन हो,इन योगाभ्यास का उचित  लाभ तभी मिलता है,जब इस आसन को सही और नियमित तरीके से किया जाए।अब इस लेख में हम त्रिकोणासन कैसे करें की सही विधि के बारे में चर्चा करेंगे।

कमर दर्द हो या पीठ दर्द,त्रिकोणासन करने के एक नही अनगिनत फायदे:त्रिकोणासन की विधि

  • इस आसन को करने के लिए सबसे पहले शांत और हवादार माहौल का चुनाव करे 
  • योग को करने के लिए सबसे पहले स्वच्छ और समतल भूमि पर दरी बिछा लें। अब सूर्य नमस्कार की मुद्रा में खड़े होकर सूर्य देव को नमस्कार करें।
  • दोनों पैरों के बीच एक गज का फासला छोड़कर सीधे खड़े हो जाये।
  • अब दायें पैर (right leg) को दायी ओर मोड़कर रखे।
  • और अपने कंधो की हाइट तक दोनों हाथों को बगल में आराम से फैला ले।
  • अब श्वास को अंदर की ओर ले और दायी ओर (right side) झुके। झुकते समय अपने नजर को सामने की ओर रखे।
  • अब दायें हाथ से दायें पैर को छूने की कोशिश करे।अपने शरीर से बहुत ज्यादा जबरदस्ती न करे,आराम से पकड़ने की कोशिश करें।
  • बायाँ हाथ (left hand) को सीधा आकाश की ओर  रखे और अपनी नजर को बायें हाथ की उंगलियों की ओर रखे।
  • ध्यान रहें कि इस योग को करने के समय आपका शरीर 90 डिग्री के कोण में स्थित रहें। इस मुद्रा में कुछ समय तक रुके,और अब वापस सामान्य अवस्था में आ जाए।
  • अब बाए पैर को बाई ओर (लेफ्ट साइड) की और मोड़कर रखे।
  • अब स्वास अंदर की ओर ले और बाई और झुके, झुकते समय अपनी नजर सामने की और रखे।
  • अब बाए हाथ से अपने बाए पैर को छूने की कोशिश करे।
  • और दाए हांथ को हाथ को हवा में लहराते ऊपर ले जाएं,और नजर दाए हांथ की अंगुलियों की और रखे।कुछ देर रुकने के बाद पुनः सामान्य अवस्था में आ जाए।
  • इस आसन को ऐसे ही कम से कम 20 बार करे।
  • ध्यान रहे इस आसन को करते वक्त शरीर उठाते समय श्वास अन्दर ले औए झुकते समय श्वास बाहर छोड़े।

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 त्रिकोणासन के फायदे (Benefits of Trikonasana in Hindi):

अब हम इस लेख में त्रिकोणासन के फायदे के बारे में विस्तार से जानकारी देने की पूरी कोशिश करेंगे।त्रिकोणासन, जिसे त्रिभुज मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है, एक स्थायी योग मुद्रा है जो कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करती है। त्रिकोणासन से जुड़े कुछ लाभ इस प्रकार हैं:

 1. संतुलन और स्थिरता में सुधार: 

त्रिकोणासन करने के लिए संतुलन और स्थिरता की आवश्यकता होती है, जो शरीर के समग्र संतुलन को बढ़ाने में मदद कर सकता है।

 2. पैरों और कोर को मजबूत करता है:

 मुद्रा पैरों, कूल्हों और कोर की मांसपेशियों को जोड़ती है, जो इन मांसपेशी समूहों को मजबूत करने में मदद करती हैं।

 3. रीढ़ की हड्डी को स्ट्रेच और लंबा करता है: 

यह आसन रीढ़ को लंबा करने में मदद करता है, जिससे मुद्रा में सुधार हो सकता है और पीठ दर्द कम हो सकता है। इस आसन से कमर और साइटिका के दर्द को कम करने में भी मदद मिलता है। 

 4. लचीलापन बढ़ाता है:

 त्रिकोणासन में पैरों, कूल्हों और रीढ़ की मांसपेशियों में खिंचाव होता है, जिससे समग्र लचीलेपन में सुधार हो सकता है। यह आसन शरीर को सुडौल, मजबूर और लचीला बनाता हैं।

 5. तनाव और चिंता से राहत दिलाता है:

 त्रिकोणासन का अभ्यास करने से दिमाग को शांत करके और मानसिक फोकस को बढ़ावा देकर तनाव और चिंता को दूर करने में मदद मिलती है। यह स्ट्रेस को कम करता है और एंग्जाइटी को ठीक करता है।

 6. पाचन और चयापचय को उत्तेजित करता है:

 यह आसन पाचन अंगों को उत्तेजित करता है, पाचन और चयापचय को बढ़ावा देता है।पाचन प्रणाली ठीक होती हैं।एसिडिटी से छुटकारा मिलता हैं।


 7. छाती और कंधों को खोलता है: 

त्रिकोणासन में एक विस्तारित हाथ की मुद्रा शामिल होती है, जो इन क्षेत्रों के लचीलेपन में सुधार करते हुए छाती और कंधे की मांसपेशियों को फैलाती है।

8.वजन कम करता है:

इस आसन को नियमित रूप से करने पर यह आपके पेट,कमर,जांघ की चर्बी को कम करने में मदद करता है,आपको पतला  और सुंदर दिखने के लिए ये आसन बहुत ही महत्वपूर्ण है।

 कुल मिलाकर, त्रिकोणासन एक संपूर्ण आसन है जो कई शारीरिक और मानसिक लाभ प्रदान करता है। यह सभी कौशल स्तरों के लोगों द्वारा किया जा सकता है, और यह किसी भी योग अभ्यास के लिए एक बढ़िया अतिरिक्त है।

त्रिकोणासन से पहले कौन सा आसन करे:

किसी भी आसन को करने से पहले बहुत जरूरी है की आपकी बॉडी उस आसन करने के लिए तैयार है या नहीं,अगर आप त्रिकोणासन को करना चाहते है तो इसके लिए जरूरी है की आप निम्न आसन पहले कर ले,जिससे आपकी बॉडी त्रिकोणासन करने के लिए तैयार हो जाए।

  • तड़ासन
  • वृक्षासन

त्रिकोणासन के बाद कौन सा आसन करे:

त्रिकोणासन के बाद आप निम्न आसन को कर सकते हैं।

  • वीरभद्रआसन
  • पश्चिमोत्तानासन 
  • शरीर मोड़कर किए जाने वाले आसन (Twists)

त्रिकोणासन करने का सही समय:

किसी भी आसन या प्राणायाम को करने का सही समय सुबह का समय माना जाता हैं,साथ ही यदि आप आसन करने पहले शौच कर ले और पेट एक दम खाली रहे तो यह अति उत्तम माना जाता हैं परंतु अगर आप सुबह के समय किसी कारण वश इस आसन को करने में असमर्थ है तो ऐसे में आप इस आसन को करने से चार से छह घंटे कुछ भी ना गया हो और आसान करने से पहले शौच कर ले।

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त्रिकोणासन करने में सवाधानिया (caution in trikonasana in Hindi):

त्रिकोणासन को करते वक्त निम्न बातों का ध्यान रखना बेहत जरूरी होता हैं –

  • अगर आप पहली बार इस आसन को करने जा रहे है तो ऐसे में योग एक्सपर्ट की देखरेख में ही इस आसन को करने की कोशिश करे।
  • आप अगर शरीर का संतुलन बनाने में असमर्थ हैं,या आपके पैर लड़खड़ा रहे है तो ऐसे में आप दीवार का सहारा ले सकते है।
  • अगर आपके गर्दन में दर्द रहता है तो ऐसे में आप अपने गर्दन को आराम वाली स्थिति में ही रखे,अपने गर्दन के साथ जबरदस्ती न करे।
  • अगर आपके सिर में दर्द है या डायरिया हुआ है तो ऐसे में इस आसन को ना करे।
  • अगर आप लो ब्लड प्रेसर या फिर हाई ब्लड प्रेशर के मरीज है तो ऐसे में आप इस आसन ना ही करे तो बेहतर रहेगा।
  • अगर आप हार्ट से संबंधित कोई बीमारी से जूझ रहे हैं तो ऐसे में डॉक्टर के परामर्श के बाद ही इस आसन को करे।
  • इस आसन को करते वक्त अगर आपके सिर में दर्द, चक्कर आना, पीठ में दर्द जैसी समस्या होने लगे तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर या योग विशेषज्ञ की सलाह लेना बहुत जरूरी होता है।

निष्कर्ष:

इस लेख में हमने ये जाना की योग हमारे जीवन के लिए कितना महत्वपूर्ण है,योग के द्वारा हम शारीरिक और मानसिक दोनो तरीके से स्वस्थ रह सकते है,इसके साथ ही हमने त्रिकोणासन के फायदे,त्रिकोणासन करने का सही तरीका,त्रिकोणासन कैसे करे,त्रिकोणासन करते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए इन सभी बातों को अच्छे से बताने की कोशिश की है परंतु फिर भी अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!

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