गिलोय जिसे गुडूची (Guduchi), अमृता टीनोस्पोरा कोर्डिफोलिया (Tinospora Cordifolia) के नाम से भी जाना जाता हैं, यह एक प्रकार की बेल होता है जो आपको साधारणतयः जगंलों और झाड़ियों में देखने को मिल सकता है,परंतु पिछले कुछ वर्षों से गिलोय के फायदों (Giloy ke fayde) के बारे में लोगों में इसके प्रति जागरुकता बढ़ी है, जिस कारण से अब लोग गिलोय को अपने घरों में लगाने लगे हैं, इसलिए अब आप इसे अपने घर के आस पास भी देखने को मिल सकता हैं, आपको बता दें कि आयुर्वेद चिकित्सा में प्राचीन काल से ही गिलोय का उपयोग एक आयुर्वेदिक औषधि के रुप में किया जा रहा है। गिलोय के बारे में ऐसी भी मान्यता हैं कि यह जिस पेड़ के ऊपर चढ़ती है उसके गुणों को अपने अंदर समाहित कर लेती है, इसी मान्यता के आधार पर नीम के पेड़ पर चढ़ी गिलोय को औषधि के हिसाब से सर्वोत्तम माना जाता है तथा इसे नीम गिलोय (Neem giloy) के नाम से भी जाना जाता हैं। आज हम इस लेख में गिलोय के फायदे (giloy ke fayade in Hindi), नुकसान तथा गिलोय से संबंधित कुछ और महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डालेंगे, पूरी जानकारी के लिए लेख में अंत तक बने रहे।
गिलोय क्या है (what is giloy in Hindi):–
गिलोय एक लता होती हैं , तथा इसके पत्ते पान के पत्ते की तरह दिखाई देते है। इनका रंग गाढ़ा हरा होता है। गिलोय मुख्य रूप से आपको खेतों की मेड़ों, पहाड़ों की चट्टानों, जंगलों, झाड़ियो के स्थान पर पाई जाती हैं, गिलोय को आयुर्वेद में कई अन्य नामों से जैसे–गुडुची, छिन्नरुहा, अमृता, चक्रांगी के नाम से जाना जाता है, गिलोय बहुवर्षीय होने तथा अपने गुणों में अमृत के समान होने के कारण इसका नाम अमृता रखा गया, आपको बता दे की गिलोय की तासीर गर्म प्रकृति की होती है, तथा इसके फल मटर के बीज जैसे ही होते है, आयुर्वेद शास्त्र के अनुसार, गिलोय की जड़, तना और पत्तियां ये तीनों ही स्वास्थ्य के लिए बहुत लाभकारी होती है। इनके गुणों के कारण ही इसका उपयोग कई तरह की दवाओं में किया जाता है।
गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व:–
आपको बता दे की इसका वैज्ञानिक नाम टीनोस्पोरा कार्डीफोलिया (Tinospora Cordifolia) है, तथा इसमें मुख्य रूप से गिलोइन (guillotine) नामक ग्लूकोसाइड तथा टीनोस्पोरिन (tenosporin), पामेरिन (palmerine) एवं टीनोस्पोरिक एसिड (tinosporic acid) पाया जाता है। इसके अलावा गिलोय में प्रोटीन, विटामिन, कॉपर, फॉस्फोरस, आयरन, कैल्शियम और मैगनीज आदि की मात्रा पाई जाती हैं।गिलोय में बहुत अधिक मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-इंफ्लेमेटरी और कैंसर रोधी गुण होते हैं जो हमे स्वस्थ बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
गिलोय के फायदे (Benefits of Giloy in Hindi):-
गिलोय एक ऐसी जड़ी-बूटी माना जाता है जिसके रोजाना उपयोग से सेहत से जुड़ी कई समस्याओं और बीमारियों को ठीक किया जा सकता हैं, हमारे आयुर्वेद में गिलोय का सेवन करने से सेहत से जुड़े कई फायदों के बारे में बताया गया है। नीचे लेख में गिलोय के फायदे के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान की गई हैं, कृपया ध्यान से पढ़े।
1. डायबिटीज को करे कंट्रोल:–
गिलोय के लाभों में डायबिटीज को नियंत्रित करने के भी गुण पाए जाते हैं, आयुर्वेद के अनुसार गिलोय में पाए जाने एंटी-हाइपरग्लाइसेमिक गुण के कारण ये डायबिटीज को नियंत्रित करने में सक्षम माना जाता है, इसके साथ ही इसका नियमित और संतुलित तरीके से सेवन करने से ये यह आपके बॉडी में इंसुलिन की सक्रियता को बढ़ाने में मदद करता है, जिस कारण से ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित किया जा सकता हैं।
2. डेंगू से बचाव में लाभकारी:–
गिलोय को डेंगू से बचाव के लिए भी लाभकारी माना जाता है, जैसा कि आपको लेख मे ऊपर बताया गया है की गिलोय के अंदर कई औषधीय गुण पाए जाते है, जो हमारे स्वास्थ्य की दृष्टि से बहुत ही लाभकारी होता हैं, इसके अलावा गिलोय में इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी देखने को मिलता है जो शरीर की इम्यूनिटी को को बढ़ाने में हमारी मदद करता है, इम्यूनिटी मजबूत होने पर कई सारी बीमारियो से लड़ने में सक्षम हो जाते हैं, इन्ही बीमारियों में डेंगू जैसे वायरल इंफेक्शन का भी नाम सम्मलित है।
3. अस्थमा की समस्या में लाभकारी:–
अस्थमा या स्वसन संबंधी बीमारी में भी गिलोय को लाभकारी माना जाता है, जैसा कि ऊपर लेख में बताया गया है, कि गिलोय में इम्यून सिस्टम बढ़ाने की क्षमता पाई जाती हैं, जो कई सारी बीमारियो से लड़ने में मदद करती है, इसके अलावा गिलोय में अस्थमा या स्वास से संबंधित लक्षणों को कम करने के गुण भी पाए जाते हैं, यदि आप भी अस्थमा की बीमारी से पीड़ित हैं तो आप रोजाना गिलोय का एक संतुलित मात्रा में सेवन कर सकते हैं ।
4. गिलोय से गठिया का इलाज:–
गठिया की बीमारी के लिए भी आयुर्वेद में गिलोय को लाभकारी बताया गया है, क्योंकि गिलोय पर किए गए एक शोध के अनुसार इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी यानी सूजन को कम करने वाला प्रभाव, एंटी-अर्थराइटिक और एंटी-ऑस्टियोपोरोटिक प्रभाव होते हैं। गिलोय में मौजूद ये ये तीनों प्रभाव के कारण ही यह गठिया की समस्या को दूर करने में लाभकारी माने जाते हैं। यदि आप गठिया से पीड़ित है तो आप गिलोय के जूस का रोजाना (10-15ml) एक कप पानी में डालकर सेवन कर सकते हैं
5. पाचन शक्ति बढ़ाने में सहायक:–
खराब खान पान के कारण पाचन क्रिया कमजोर हो सकती है, इसे ठीक करने के लिए आयुर्वेदिक नुस्खे के रूप में गिलोय का इस्तेमाल किया जा सकता हैं, यह आपके पाचन शक्ति को मजबूत बनाने में मदद कर सकता हैं, जी हां गिलोय में पाए जाने वाले पोषक तत्व पाचन संबंधी समस्याओं जैसे, दस्त, डायरिया जैसी समस्याओं को ठीक करने में कुछ हद तक आपकी मदद कर सकता हैं, अगर आप भी अपने पाचन तंत्र को मजबूत बनाए रखना चाहते हैं तो रोजाना गिलोय के जूस का सेवन कर सकते है।
6. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाए:–
जैसा की नाम से ही प्रतीत हो रहा है की रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी हमारे बॉडी को रोगों से लड़ने के लिए क्षमता प्रदान करना परंतु कुछ कारणों से ये रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर होने लगती है, जिस वजह से हम बार बार बीमार होने लगते है, इस समस्या से बचने के लिए या अपनी इम्यूनिटी को बढ़ाने के लिए गिलोय एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है, क्योंकि गिलोय में औषधीय गुणों के साथ ही साथ इम्यूनोमॉड्यूलेटरी प्रभाव भी देखने को मिलता है, जिस कारण से ये आपकी इम्यूनिटी को मजबूत बनाने में मदद कर सकता है, इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए आप रोजाना खाली पेट गिलोय के जूस या फिर काढ़े का सेवन कर सकते हैं।
7. फीवर को ठीक करने में सहायक:–
बुखार कितना ही पुराना क्यों ना हो गिलोय के सेवन से पुराने से पुराने बुखार को भी ठीक किया जा सकता है, जी हां आपको बता दें कि गिलोय को बुखार को ठीक करने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता हैं, क्योंकि एक शोध के मुताबिक गिलोय में एंटी पेयरेटिक, और एंटी मलेरियल गुण पाए जाते हैं, जो साधारण बुखार तथा मलेरिया को भी ठीक करने के लिए लाभकारी होता है, यदि आपको भी बहुत दिनो से बुखार की समस्या हो तो आप गिलोय के जूस या काढ़े का कुछ दिन तक उपयोग कर सकते हैं।
8. खांसी के लिए लाभकारी:–
गिलोय को खांसी की समस्या को दूर करने के लिए भी जाना जाता है, जी हां यदि आप कई दिनों से खांसी की समस्या से परेशान है तो आप कुछ दिनो के लिए गिलोय का सेवन कर सकते है, गिलोय का सेवन करने से इसमें मौजूद एंटी एलर्जिक गुण के कारण यह खांसी की समस्या को ठीक करने में आपकी मदद करेगा। खांसी से आराम पाने के लिए आप गिलोय का काढ़े का सेवन कर सकते है, गिलोय के काढ़े को आप शहद के साथ सेवन करें। इसे आप दिन भर में दो बार भोजन करने के पश्चात ले तो ज्यादा बेहतर होगा।
9. एनीमिया को दूर करें:–
शरीर में खून की कमी होने पर एनीमिया की बीमारी हो सकती है, ऐसे में इस समस्या से बचने के लिए आप गिलोय का इस्तेमाल कर सकते है, क्योंकि गिलोय में आयरन की भरपूर मात्रा पाई जाती है, जो शरीर में हुई खून की कमी को पूरा करता है, यदि आप भी अपने बॉडी में खून की कमी नही होने देना चाहते हैं तो आप गिलोय के जूस का सेवन कर सकते हैं, इसे आप रोजाना दस से पद्रह एमएल तक पानी के साथ ले सकते हैं।
10. लीवर को स्वस्थ बनाए रखे:–
शराब का अत्यधिक मात्रा में या फिर गलत खान पान के कारण भी लिवर को कई तरीकों से नुकसान पहुंचाता है। ऐसे में लीवर को स्वस्थ बनाए रखने के लिए गिलोय का सेवन बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकता है, जी हां गिलोय लिवर के लिए टॉनिक के रूप में काम करती है। यह हमारे खून को साफ़ करने में मदद करती है, इसके अलावा गिलॉय में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट गुण एंजाइम का स्तर बढ़ाती है। जिससे लीवर को कम कार्य करना पड़ता है, जिससे लीवर स्वस्थ रहती है।
11. बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम करे:–
गिलौका इस्तेमाल शारीरिक बीमारियों को ठीक करने के साथ ही यह बढ़ती उम्र के प्रभाव को भी कम करने में मदद करता है, जी हां गिलोय पर किए गए शोध के मुताबिक इसमें कई ऐसे रासायनिक तत्व पाए जाते हैं जो बढ़ती उम्र के प्रभाव को कम कर सकते है। यदि आप भी अपने उम्र से कम और जवा दिखना चाहते हैं तो आप रोजाना गिलोय के जूस का सेवन कर सकते हैं।
12. आंखों के लिए लाभकारी:–
आंखों से संबंधित बीमारियों से निजात पाने के लिए भी गिलोय का उपयोग कर सकते हैं। जी हां एक शोध के अनुसार गिलोय इम्यूनोमॉड्यूलेटरी गुण पाया जाता हैं, गिलोय में मौजूद इसी गुण के कारण ही यह आंखों के लिए फायदेमंद होता है, आंखो के संबंध में गिलोय पर किए गए एक शोध में इस बात की भी पुष्टि देखने को मिली हैं कि कि गिलोय आंखों से जुड़ी समस्याओं से आराम दिलाने में बहुत ही लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं।
13. गिलोय से बवासीर का इलाज:–
पाचन तंत्र में गड़बड़ी होने पर कब्ज की समस्या होने लगती है, और जब कब्ज की समस्या लंबे समय तक बनी रहती हैं तो ये बवासीर को जन्म देती है, बवासीर को ठीक करने के लिए हमारे आयुर्वेद में अनेकों औषधि है, इन्ही औषधि में गिलोय का नाम भी शामिल हैं, जी हां गिलोय को बवासीर के लिए बहुत ही लाभकारी माना जाता है, बवासीर की समस्या से निजात पाने के लिए गिलोय के तने या पत्ते को पानी के साथ सेवन कर सकते हैं, ध्यान रहे गिलोय की तासीर गर्म होती है, अतः इसका सेवन बहुत ज्यादा मात्रा में ना करे।
14. सूजन से राहत दिलाएं:–
गिलोय का सही तरीके से इस्तेमाल करने से सूजन से संबंधी समस्या में लाभ देखने को मिल सकते हैं। दरअसल एक रिपोर्ट के अनुसार, गिलोय में एंटीइंफ्लामेंटरी गुण पाए जाते है, गिलोय में मौजूद यही गुण सूजन से राहत दिलाने में मदद करता है, अतः यदि आप सूजन संबंधी बीमारी से पीड़ित है तो ऐसे में आप गिलोय का सेवन कर सकते है, ये आपके सूजन को कुछ हद तक कम करने में मदद करेगा।
15. पीलिया मे लाभकारी:–
गिलोय का सेवन करना पीलिया के मरीजों के लिए भी लाभकारी होता है, इसका सेवन करने से पीलिया जल्द से जल्द ठीक हो सकता है, तथा इसका सेवन करने से पीलिया के दौरान होने वाले बुखार, और दर्द से भी आराम देखने को मिल सकता है, पीलिया को ठीक करने के लिए मरीज को रोजाना खाली पेट गिलोय के जूस को पानी के साथ सेवन करना चाहिए।
गिलोय के नुकसान (Disadvantages of Giloy in Hindi):-
अभी तक आपने इस लेख में गिलोय के फायदे के बारे में पूर्ण जानकारी प्राप्त की, अब आगे लेख में हम आपको गिलोय के नुकसान के बारे में बात करेंगे, हालांकि गिलोय के कोई साइड इफेक्ट्स नही होते है, परंतु यदि इसे अधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो कुछ नुकसान देखने को मिल सकता हैं।
- अत्यधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से आपके ब्लड शुगर लेवल को कम करता है, इसलिए यदि आप डायबिटीज के मरीज हो और आप डायबिटीज की दवा का भी सेवन करते है, तो ऐसे में ब्लड शुगर काफी कम हो सकता है।
- गिलोय को पाचन शक्ति के लिए बेहतर माना जाता है, परंतु इसकी तासीर गर्म होने के कारण यदि इसे अत्यधिक मात्रा में सेवन किया जाए तो पेट से संबंधित समस्याएं जैसे जलन और गैस देखने को मिल सकता है।
- गर्भवती महिलाएं इसके सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से सलाह जरूर लें, क्योंकि इसकी तासीर गर्म होने के कारण यह आपके बच्चे के लिए खतरनाक साबित हो सकता हैं।
- स्तनपान कराने वाली महिला भी गिलोय का सेवन करने से पूर्व एक बार डॉक्टर से परामर्श जरूर ले।
- अत्यधिक मात्रा में गिलोय का सेवन करने से वजन बढ़ने की संभावना भी बढ़ सकता हैं।
गिलोय सेवन विधि:–
गिलोय को फायदे को जानने के बाद हर कोई इसे इस्तेमाल करना चाहता है, लेकिन इसका सेवन कैसे करें ये पता नही होती है। आपकी जानकारी के लिए गिलोय का सेवन आप इन तीन तरीके से कर सकते हैं :
- गिलोय सत्व
- गिलोय जूस या गिलोय स्वरस
- गिलोय चूर्ण
गिलोय के पत्ते को कैसे खाएं?
अधिकतर लोगों के मन में यह प्रश्न उठता है कि हम गिलोय के पत्तो को किस तरह से खाए तो आपको बता दे कि आप गिलोय के पत्ते को निम्न प्रकार से सेवन कर सकते हैं:
- आप एक गिलोय का पत्ता ले और उसे अच्छे से साफ कर ले और सुबह खाली पेट या खाने के कुछ देर बाद इसे चबाकर एक गिलास पानी पी ले।
- आप गिलोय के पत्ते को अच्छे से पीस ले और इसका रस निकालकर पानी में मिलाकर सेवन करें।
- आप गिलोय के पत्ते को सुखाकर इसका पाउडर बना लें और इसे किसी बोतल में भरकर रख दे और रोजाना एक गिलास पानी के साथ एक छोटा चम्मच गिलोय पाउडर का सेवन करें।
गिलोय का काढ़ा बनाने की विधि:–
गिलोय का काढ़ा बनाने के लिए आप निम्न बातों का ध्यान रखें:
- सबसे पहले आप गिलोय की लकड़ी को अच्छी तरह से धोकर साफ कर ले।
- अब इस लकड़ी को पानी में डालकर कुछ देर तक उबलने दें.
- इस बात का ध्यान रखें कि इसे उबलने के दौरान बर्तन का ढक्कन बंद न रखे, और जब बर्तन का पानी एक चौथाई रह जाए, तब गैस को बंद कर दें.
- कुछ देर तक इसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें, जब यह ठंडा हो जाए तो छानकर किसी बोतल या बर्तन में संभालकर रख लें
- इस तरह गिलोय का काढ़ा बनकर तैयार हो जाएगा.
- आप से दिन भर में थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दो से तीन बार ले सकते हैं।
- आप गिलोय के काढ़े को कई महीनो तक पी सकते है, इससे आपकी बॉडी पर कोई साइड इफेक्ट नहीं होता है.
गिलोय जूस कब पीना चाहिए ?
गिलोय के जूस का सेवन हम किसी भी वक्त कर सकते है, परंतु उचित और लाभकारी परिणाम पाने के लिए सुबह के समय खाली पेट सेवन करना बहुत ही लाभकारी होता है, बात करें इसकी मात्रा के बारे में तो आप गिलोय के जूस का दिन भर में (15 से 30 एमएल) तक सेवन पानी के साथ कर सकते हैं।
निष्कर्ष (conclusions):–
इस लेख में आपको गिलोय के फायदे (giloy ke fayade) और नुकसान के बारे में विस्तार पूर्वक जानकारी प्रदान करने की कोशिश की गई है उम्मीद है कि आपको मेरा ये लेख पसंद आया होगा, परंतु फिर भी यदि आपको मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं, मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
अस्वीकरण: यह लेख केवल सामान्य जानकारी प्रदान करती है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा किसी विशेषज्ञ या अपने चिकित्सक से परामर्श करें। हरे कृष्णा हेल्थ केयर एंड फिटनेस इस जानकारी के लिए ज़िम्मेदारी का दावा नहीं करता है।
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