आजकल की इस व्यस्त दिनचर्या और काम के बढ़ते बोझ के कारण ज्यादातर लोग स्ट्रेस में हैं। योग आपको आधुनिक जीवन के इस तनाव को दूर करने में भी मदद करता है। योग के नियमित अभ्यास से शरीर, मन और आत्म को शांति मिलती है। शरीर सुडौल, लचीला और मजबूत होता है। इसके अभ्सास से स्ट्रेस को काफी हद तक कम किया जा सकता है। इसके नियमित अभ्यास से नींद ना आने की समस्या भी दूर होती है, शरीर के संतुलन में सुधार होता है और मांसपेशियों की टोन को विकसित करने में सहायता मिलती है। आज हम इस लेख में आपको मंडूकासन योगासन के बारे में बताते हैं जिसके नियमित अभ्यास करने से शारीरिक और मानसिक दोनो समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है।
मंडूकासन क्या है (what is mandukasana in Hindi):-
मंडूकासन संस्कृत भाषा का शब्द है मंडूकासन शब्द संस्कृत के दो शब्दों (मंडूक+आसन) से मिलकर बना है। जिसमे पहले शब्द ‘मंडूक’ का अर्थ “मेंढक” है और दूसरे शब्द ‘आसन’ का अर्थ योग मुद्रा या स्थिति से है, अर्थात मेढक की मुद्रा।
इस आसन का नाम मंडूकासन इसलिए रखा गया क्योंकि इस आसन का अभ्यास करते वक्त योगी का अंतिम चरण में शरीर मेंढक की तरह दिखने लगता है, इस कारण इसका नाम मंडूकासन है।
इस आसन को अंग्रेजी में फ्रॉग पोज (frog pose) के नाम से जाना जाता हैं।
इस के अभ्यास से पेट के अंगों की मालिश और पेट पर अतिरिक्त वसा को कम करने में मदद मिलती है। मंडुकासन के नियमित अभ्यास से शुगर लेवल,ब्लड प्रेशर,मानसिक रूप से स्वस्थ रहने में मदद मिलती हैं। मंडूकासन लोअर बैक
,बाइसेप्स और ट्राइसेप्स, कोर (एब्स), पैर के पंजे और टखने, घुटने, क्वाड्रिसेप्स को मजबूत बनाता है।
मंडूकासन करने की विधि (Mandukasana method in Hindi):-
किसी भी आसन का उचित लाभ पाने के लिए आवश्यक है की उस आसन को सावधानी पूर्वक और सही तरीके से किया जाय,आज हम इस लेख में मंडुकासन करने की विधि के बारे में चर्चा करेंगे।
Step:- इस आसन को करने के लिए सर्वप्रथम स्वच्छ और हवादार वातावरण का चयन करें
Step:-1. मंडूकासन को करने के लिए सबसे पहले जमीन पर वज्रासन में बैठ जाएं।
Step:-2. फिर अपने हाथों की मुट्ठी बंद कर लें। इस दौरान आपके अंगूठे मुठ्ठी के अंदर होने चाहिए।
Step:-3. अब अपनी दोनों मुठ्ठियों को नाभि के बीच में रखें और गहरी-लंबी सांस लें।
Step:-4. सांस छोड़ते हुए आगे झुकें, और पेट को अंदर खींचें। छाती को इस प्रकार नीचे लाएं कि वह जांघों पर टिकी रहे।
Step:-5. इस दौरान सुनिश्चित करें कि आपकी छाती आपकी जांघों को छू रही हों।
Step:-6. सिर और गर्दन उठाए रखें, दृष्टि सामने रखें।
Step:-7. धीरे धीरे सांस लें और धीरे धीरे सांस छोड़े और यथासंभव इस स्थिति को बनाये रखें।
Step:-8. थोड़ी देर इसी स्थिति में रहने के बाद सांस लेते हुए अपनी सामान्य अवस्था में आएं और आराम करें।
Step:-8. इस प्रकार इस आसन का एक चक्र पूरा हुआ।
Step:-9. इस प्रक्रिया को आप 4-5 बार दोहराएं।
शुरुआती लोगों के लिए मंडूकासन के लिए कुछ महत्वपूर्ण टिप्स (Some important tips for Mandukasana for beginners):-
अगर आप इस आसन को पहली बार कर रहे हैं तो ऐसे में आपको कुछ महत्वपूर्ण टिप्स को ध्यान देने की जरूरत है।
- अगर आपको वज्रासन करने में दिक्कत हो रही हैं,तो आप अपने पैरो के नीचे एक तौलिया रख सकते हैं।
- मंडूकासन करते वक्त में पीठ को ढीला न छोड़ें, कोर को एक सीध में करें, रीढ़ की हड्डी को सीधा रखने का प्रयास करें।
- अपने घुटनों पर अत्यधिक बल देने से बचें, अपनी क्षमता के अनुसार घुटनों पर बल डाले।
- इस आसन को करते वक्त अगर आप असहज महसूस करे तो कुछ देर के लिए रुक जाएं इसके बाद इस आसन को करें।
- अगर आपके पीठ में तेज दर्द हो रहा है, तो इस आसन को करने से बचना चाहिए.
- अगर आपके नाभि में किसी तरह की समस्या हो तो भी इस आसन को करने से बचना चाहिए।
मंडूकासन के फायदे (Benefits of Mandukasana in Hindi):-
मंडूकासन जिसे frog pose के नाम से जाना जाता हैं, इस आसन के अनेकों लाभ है, ये आसन हमारे तीन दोषों वात पित्त और कफ को संतुलित रखता है, हमारे हिप्स,घुटनों के दर्द को ठीक करता है। ये आसन शुगर के मरीजों और पेट के मरीजों के लिए अत्यंत लाभदायक माना जाता हैं, परंतु कृपया ध्यान दें की ये आसन किसी भी बीमारी को पूर्ण तरीके से इलाज नहीं है, ये आपकी समस्याओं को कुछ हद तक कंट्रोल कर सकता हैं।
किडनी और लिवर के लिए मंडूकासन फायदेमंद
(Mandukasan is beneficial for kidney and liver in Hindi):-
लीवर और किडनी दोनो को स्वस्थ रखने के लिए योगाभ्यास एक बेहतर विकल्प माना जा सकता हैं,योगशास्त्र के अनुसार नियमित रूप से योगा और व्यायाम करने से हम लीवर और किडनी को स्वस्थ बनाए रख सकते हैं। योग गुरु के अनुसार मंडुकासन का अभ्यास करने से ये हमारे लिवर और किडनी दोनो को मजबूत बनाने में सहायक होता हैं, मंडूकासन किडनी और लिवर की फंक्शनिंग को सुधारने में भी मदद करता है। इससे किडनी व लिवर से जुड़ी बीमारियों का जोखिम कम होता है।
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घुटने के लिए मंडूकासन फायदेमंद:–
अत्यधिक देर तक बैठकर काम करने से घुटनों में दर्द होना स्वाभाविक बात है, लेकिन जब आप कोई ऐसा काम करते है,जहा पर आपको चार से पांच घंटे या फिर उससे ज्यादा बैठकर काम करना पड़ता है, तो ऐसे में घुटनों में दर्द आपको नियमित रूप से हो सकता हैं, इस समस्या से बचने के लिए आप नियमित रूप से मंडुकासन का अभ्यास कर सकते हैं, यह आसान घुटनों के जोड़ों के लचीलेपन और गतिशीलता में सुधार करता है। इससे घुटने मजबूत बनते हैं।
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पीरियड के लिए मंडूकासन फायदेमंद:–
पीरियड या माहवारी एक सामान्य प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया है जिसमें आपके यूटेरस के अंदर से रक्त और ऊतक, वजाइना के द्वारा बाहर निकल जाते हैं। यह आमतौर पर महीने में एक बार होता है,इस दौरान महिलाओं को असनीय दर्द, मानसिक तनाव का सामना करना पड़ता है,जिसके कारण से महिलाओ को अपने प्रतिदिन के कार्य करने में भी दिक्कत होने लगती हैं,पीरियड के दौरान होने वाले समस्याओं को कम करने नियमित रूप से मंडूकासन करने से महिलाओं को पीरियड्स के दर्द और ऐंठन की समस्या से राहत मिल सकती है।
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मानसिक स्वाथ्य के लिए मंडूकासन फायदेमंद:–
हमारे बुजुर्गो के अनुसार जिस व्यक्ति का पेट साफ होता है उसका दिमाग तेज होता है। क्योंकि दिमाग का संबंध पेट से है पेट खराब तो दिमाग खराब पेट सही तो दिमाग सही। मंडुकासन एक ऐसा योग है जो पेट के साथ दिमाग को भी स्वस्थ बनाता है,योग विशेषज्ञ के अनुसार इस आसन का कुछ दिन नियमित अभ्यास से आंतो में जमी गंदगी बाहर निकल जाती है । और आपको बता दें कि अगर आप एक स्टूडेंट्स हो तो ये आसन आपके लिए अत्यंत लाभदायक है, क्योंकि यह आसन मेमोरी पावर को बढ़ाता है ,मन को शांत करता है तनाव, चिंता, डिप्रेशन, अनिद्रा को दूर करता है।
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डायबिटीज कम करने में मंडुकासन फायदेमंद:–
डायबिटीज को कम करने के लिए भी मंडूकासन लाभदायक आसनों में से एक माना जाता हैं,योग विशेषज्ञ के अनुसार रोजाना मंडूकासन का अभ्यास करने से पैंक्रियास से इन्सुलिन का स्राव में मदद मिलती है. इसे करने से डायबिटीज यानि मधुमेह को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है. मंडूकासन करने से डायबिटीज रोगियों को बहुत फायदा मिलता है। इसका नियमित अभ्यास करने से शरीर में इंसुलिन उत्पादन ठीक ढंग से होता है और ब्लड शुगर लेवल कंट्रोल में रहता है।
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कब्ज के लिए मंडुकासन फायदेमंद:
अक्सर लोग कब्ज की समस्या से परेशान रहते हैं, कब्ज का कारण गलत खान पान और कम मात्रा में पानी पीना हो सकता हैं, कब्ज को ठीक करने के लिए हमारे योगशास्त्र में अनेकों योगाभ्यास का नाम सम्मलित है, इन्ही आसनों में मंडूकासन का नाम भी शामिल हैं, मंडूकासन के नियमित अभ्यास से पेट में गैस, कब्ज और अपच जैसी पाचन संबंधी समस्याओं से निजात मिलती है। रोज सुबह इस आसान को करने से पेट ठीक तरह से साफ होता है। जिन लोगों को कब्ज की समस्या रहती हैं ऐसे लोगों को मंडूकासन जरूर करना चाहिए. इससे शरीर में एंजाइम और हॉर्मोन का स्राव अच्छी तरह होता है और खाना पचाने में मदद मिलती है.
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पेट की चर्बी को कम करने में मंडूकासन फायदेमंद:-
आजकल हर कोई बढ़े हुए पेट से परेशान हैं जिन लोगों का पेट बढ़ा हुआ है, या पेट में अधिक चर्बी जमा हो गई है। उन लोगों के लिए यह आसन किसी वरदान से कम नहीं है। अगर आपको पेट की चर्बी कम करनी है तो इसके लिए नियमित रुप से मंडूकासन करना चाहिए. योग विशेषज्ञ के अनुसार नियमित रूप से मंडूकासन का अभ्यास करने से आपके पेट पर दबाब पड़ता है जिसके कारण से पेट की चर्बी गलने लगती है।
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गैस के लिए मंडूकासन फायदेमंद:–
गर्मियों में खान-पान में गड़बड़ी की वजह से गैस की समस्या होने लगती है. मंडूकासन करने से पेट से टॉक्सिन्स और जहरीली गैस बाहर निकल जाती हैं. इस योग आसन से आप अपने पेट से जहरीले गैस को आसानी से रिलीज कर सकते हैं. पेट से सम्बंधित रोग गैस,अपच ,अम्लपित्त आदि समस्त रोगों को दूर करने की क्षमता रखता है यह आसन अगर आपको पेट से जुड़ी समस्याएं रहती हैं तो आपके लिए ये अच्छा योगाभयास है. आप इसे नियमित रुप से करें आपको आराम मिलेगा
पीठ दर्द के लिए मंडूकासन फायदेमंद:–
अगर आप अपने पीठ को मजबूत करना चाहते है तो, नियमित रूप से मंडूकासन का अभ्यास करना शुरू कर दे,क्योंकि योग विशेषज्ञ के अनुसार रोजाना इस आसन का अभ्यास करने से पीठ दर्द की परेशानियों को दूर किया जा सकता है. क्योंकि यह आसन पीठ के निचले हिस्से की जकड़न को कम करता है, इस आसन से साइटिका के दर्द को कम करने में भी मदद मिल सकती है, अगर आप ऐसा काम करते है ,जिसमे आपको लंबे समय तक बैठे रहना पड़ता है तो ऐसे में ये आसन आपके लिए लाभकारी हो सकता हैं।
मंडूकासन के नुकसान (Disadvantages of Mandukasana in Hindi):-
मंडूकासन, जिसे मेंढक मुद्रा के रूप में भी जाना जाता है, विभिन्न लाभ प्रदान करता है, इसके कुछ संभावित नुकसान भी हैं जिनके बारे में जागरूक होना आवश्यक है। यहां मंडूकासन के कुछ संभावित नुकसान दिए गए हैं और किसे इससे बचना चाहिए:
1. घुटनों पर अत्यधिक दबाव:
मंडूकासन में घुटनों को गहराई से मोड़ने की आवश्यकता होती है, जिससे घुटनों के जोड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ सकता है। घुटने की चोट, गठिया, या घुटने से संबंधित किसी भी समस्या वाले व्यक्तियों को इस आसन से बचना चाहिए या असुविधा को कम करने के लिए इसमें बदलाव करना चाहिए।
2. पीठ के निचले हिस्से पर दबाव:
इस मुद्रा में शरीर को आगे की ओर रखते हुए एड़ियों पर बैठना, पीठ के निचले हिस्से पर दबाव डालना शामिल है। पीठ के निचले हिस्से में दर्द, हर्नियेटेड डिस्क या रीढ़ की किसी भी विकार वाले व्यक्तियों को आगे की असुविधा या चोट से बचने के लिए इस मुद्रा से बचना चाहिए या इसमें बदलाव करना चाहिए।
3. उच्च रक्तचाप या हृदय की स्थिति:
मंडूकासन में पेट को गहराई से दबाया जाता है, जिससे रक्तचाप में अस्थायी वृद्धि हो सकती है। उच्च रक्तचाप या हृदय रोग से पीड़ित व्यक्तियों को इस आसन से बचना चाहिए या किसी योग्य योग शिक्षक के मार्गदर्शन में इसका अभ्यास करना चाहिए।
4. गर्भावस्था:
गर्भवती महिलाओं को मंडूकासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए क्योंकि इससे पेट पर दबाव पड़ता है और घुटनों पर संभावित तनाव पड़ता है। गर्भावस्था के दौरान उपयुक्त संशोधन या वैकल्पिक आसन के लिए प्रसव पूर्व योग प्रशिक्षक से परामर्श करने की सलाह दी जाती है।
5. हाल ही में पेट की सर्जरी:
जिन लोगों की पेट की सर्जरी हुई है, जैसे कि हर्निया की मरम्मत या गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल सर्जरी, उन्हें मंडुकासन से बचना चाहिए क्योंकि यह उपचार करने वाले ऊतकों पर दबाव डाल सकता है और पुनर्प्राप्ति प्रक्रिया में बाधा डाल सकता है।
6. टखने या पैर की गंभीर चोटें:
इस मुद्रा के लिए टखनों को मोड़ना पड़ता है और पैरों के ऊपरी हिस्से को फर्श पर टिकाना पड़ता है। गंभीर टखने या पैर की चोटों, जैसे फ्रैक्चर या मोच वाले व्यक्तियों को इस मुद्रा से बचना चाहिए या आगे की स्थिति से बचने के लिए इसे संशोधित करना चाहिए।
मंडूकासन या किसी अन्य आसन को करने से पहले यदि आपको कोई चिंता या पहले से मौजूद स्थितियां हैं तो अपने शरीर की बात सुनना और एक योग्य योग शिक्षक या स्वास्थ्य देखभाल पेशेवर से परामर्श करना महत्वपूर्ण है।
मंडुकासन करने से पहले करें ये आसन:
मंडुकासन करने से पूर्व आप अगर निम्न आसन को कर लेते है तो इससे आपकी बॉडी में लचीलापन आ जाता है, जिससे आपकी बॉडी मंडुकासन करने के लिए तैयार हो जाता हैं।
- उष्ट्रासन
- अर्ध उष्ट्रासन
-
भुजंगासन
- अर्ध चक्रासन
मंडूकासन करने के बाद कौन सा आसन करें:
मंडूकासन करने के बाद आप मेडिटेशन कर सकते हैं या फिर कोई भी प्राणायाम को कर सकते है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न:
मंडूकासन किसे नहीं करना चाहिए?
मंडुकासन निम्न व्यक्तियो को नहीं करना चाहिए।
- अगर आपको पीठ में दर्द होतो इस आसन को करने से परहेज करना चाहिए
- हैपेरिसिडिटी वालों को यह आसन नहीं करनी चाहिए।
- पेट में अगर कोई बीमारी है या ऑपरेशन हुआ हो तो इस आसन को न करें।
- नाभि की समस्या हो तो भी इस योग को न करें।
मंडूकासन कितनी देर करना चाहिए?
अगर आप पहली बार इस आसन का अभ्यास कर रहे है तो आप इस आसन को कम से कम तीस सेकंड से साठ सेकंड तक अवश्य करें, धीरे धीरे आप इस आसन को बढ़ाते जाए और उचित लाभ पाने के लिए आप इसकी समय अवधि को दस मिनट तक बढ़ा सकते हैं।
मंडूकासन कब करना चाहिए?
मंडूकासन करने का सही समय खली पेट सुबह का समय माना जाता हैं,क्योंकि सुबह के समय वातारण शांत और आपका पेट एकदम खाली रहता है,जिसके कारण आपको इस आसन का उचित लाभ मिलता है,परंतु अगर आप इस आसन को सुबह के वक्त करने में असमर्थ है, तो आप इस आसन को शाम के वक्त, या फिर किसी भी समय कर सकते है, परंतु इस बात का ध्यान रहे कि जब भी आप इस आसन को करें तो आप इस आसन को करने के चार से पांच घंटे पहले कुछ भी ना खाया हो और इस आसन को करने के तीस मिनट पश्चात ही कुछ खाए पिए।
Note: उपर्युक्त बताए गए सभी बातों को ध्यान में रखकर आप मंडुकासन का अभ्यास कर सकते हैं,परंतु फिर भी अगर आप को इस आसन को करने में कोई परेशानी हो रही है तो आप किसी योग विशेषज्ञ की देखरेख में इस आसन का अभ्यास कर सकते है।
निष्कर्ष (conclusions):-
योग का हमारे जीवन में कितना महत्व है ये बात आपको इस लेख में समझ में आ गया होगा।उम्मीद है कि आपको मंडूकासन से संबंधित सभी प्रश्न के उत्तर इस लेख में मिल गए होंगे। परंतु फिर भी अगर आप मुझसे स्वास्थ्य से संबंधित कोई भी प्रश्न पूछना चाहते हैं तो आप कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं मैं आपके प्रश्नों के उत्तर देने की पूरी कोशिश करूंगी धन्यवाद!
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